Maharashtra records first suspected death due to Guillain-Barré Syndrome: महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain-Barré Syndrome) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 26 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने गुलियन बेरी सिंड्रोम से एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 26 जनवरी तक प्रदेश में GBS के 101 एक्टिव मरीज हैं। इनमें पुणे से 81 मरीज, पिंपरी चिंचवाड़ से 14 और 6 मरीज अन्य जिलों से हैं। गुलियन बेरी सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों में 19 बच्चे भी शामिल हैं, जिनकी उम्र 9 साल से भी कम है। इस सिंड्रोम के बढ़ते मामलों ने महाराष्ट्र सरकार और स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
गुलियन बेरी सिंड्रोमके मरीजों की संख्या और न बढ़े, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब तक 25 हजार से ज्यादा घरों का सर्वे किया जा चुका है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इस सिंड्रोम का प्रकोप रोकने के लिए घरों से सैंपल इकट्ठा किए जा रहे हैं और लोगों को इससे बचाव करने के तरीके बताए जा रहे हैं।
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गुलियन बेरी सिंड्रोम से पीड़ितों को मिलेगा मुफ्त इलाज
पुणे में इस सिंड्रोम के बढ़ते मामलों के बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इसका इलाज फ्री में करने की घोषणा की है। सीएम अजीत पवार ने कहा, पिंपरी-चिंचवाड़ के लोगों का इलाज VCM अस्पताल में होगा, जबकि पुणे नगर निगम क्षेत्र के मरीजों का इलाज कमला नेहरू अस्पताल में मुफ्त में किया जाएगा। वहीं, पुणे के ग्रामीण इलाकों में गुलियन बेरी सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों का इलाज ससून अस्पताल में होगा।
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पुणे में ही दर्ज किया गया था गुलियन बेरी सिंड्रोम का पहला मामला
जानकारी के लिए बता दें कि गुलियन बेरी सिंड्रोम का पहला मामला पुणे में 9 जनवरी को दर्ज किया गया था। इसके बाद तेजी से इस गंभीर बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है गुलियन बेरी सिंड्रोम और इसके लक्षण।
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गुइलेन-बैरी सिंड्रोम क्या है?- What is Guillain-Barré Syndrome
मायो क्लीनिक रिपोर्ट के अनुसार गुलियन बेरी सिंड्रोम एक दुर्लभ और गंभीर स्थिति है। इस स्थिति में शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से खुद के ही नर्वस सिस्टम पर हमला करने का लगता है। यह प्रकार का ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। गुइलेन-बैरी सिंड्रोम दुर्लभ स्थिति है और इसका सटीक कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। लेकिन दो-तिहाई लोगों में गुइलेन-बैरी सिंड्रोम के लक्षण शुरू होने से छह सप्ताह में दिखाई देते हैं।
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गुलियन बेरी सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms of Guillain-Barré Syndrome
इस दुर्लभ स्थिति के लक्षण समय के साथ-साथ विकसित हो सकते हैं और हल्के से गंभीर भी हो सकते हैं। इस दुर्लभ स्थिति के लक्षण नीचे बताए गए हैं :
- पैरों या हाथों में सुन्नपन और झुनझुनी
- मांसपेशियों में कमजोरी
- चलने में कठिनाई या असंतुलन
- सांस लेने में परेशानी महसूस होना
- ब्लड प्रेशर का सामान्य न रहना
- पेशाब या मल त्याग पर नियंत्रण खो देना
- गंभीर दर्द जो दर्द, चुभन या ऐंठन जैसा महसूस हो सकता है और रात में तेजी से बढ़ सकता है।
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गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज क्या है?- What is the treatment for Guillain-Barré syndrome?
वर्तमान में गुलियन बेरी सिंड्रोम का कोई सटीक इलाज मौजूद नहीं है। डॉक्टर मरीजों के लक्षण, हालिया संक्रमण और मांसपेशियों की कमजोरी को देखने के बाद इलाज करते हैं। इसके अलावा प्लाज्मा फेरेसिस (इस प्रक्रिया में खून से एंटीबॉडी को हटाया जाता है जो तंत्रिकाओं पर हमला कर रही होती हैं) के जरिए भी इस दुर्लभ स्थिति का इलाज किया जाता है। पुणे में गुलियन बेरी सिंड्रोम का इलाज इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन के कोर्स द्वारा किया जा रहा है, ताकि तत्काल प्रभाव से इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके।
सरकारी अस्पतालों में इम्युनोग्लोबुलिन (IVIG) इंजेक्शन फ्री है, पर प्राइवेट अस्पतालों में इस इंजेक्शन की कीमत 20 हजार रुपये है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि इस सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति का इलाज तुरंत करवाना जरूरी है। अगर समय रहते इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का इलाज न किया जाए, तो यह मौत का कारण भी बन सकती है।
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