गुलियन बेरी सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome) एक गंभीर ऑटोइम्यून न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से नसों पर हमला कर देती है। सही इलाज मिलने के बाद मरीज धीरे-धीरे रिकवरी कर सकता है, लेकिन कई लोगों को इससे उबरने के बाद भी लंबे समय तक कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गुलियन बेरी सिंड्रोम से पूरी तरह ठीक होने में कुछ महीनों से लेकर कई सालों तक का समय लग सकता है। आइए जानते हैं कि इस बीमारी से उबरने के बाद कौन-कौन सी परेशानियां बनी रह सकती हैं और कैसे इनसे बचाव किया जा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
गुलियन बेरी सिंड्रोम से उबरने के बाद बनी रह सकती हैं ये 5 समस्याएं- Long Term Effects of Guillain Barre Syndrome
1. मांसपेशियों में कमजोरी और थकान- Muscle Weakness and Fatigue
गुलियन बेरी सिंड्रोम से उबरने के बाद भी मांसपेशियों में कमजोरी बनी रह सकती है, खासकर पैरों और हाथों में। मरीज को रोज के काम करने में जल्दी थकान महसूस हो सकती है।
कैसे करें बचाव?
- फिजियोथेरेपी और स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज को डेली रूटीन में शामिल करें।
- शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए प्रोटीन और विटामिन से भरपूर डाइट लें।
- बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम से बचें और आराम को प्राथमिकता दें।
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2. संतुलन और चलने में कठिनाई- Difficulty in Balance and Walking
गुलियन बेरी सिंड्रोम से प्रभावित नसें धीरे-धीरे ठीक होती हैं, लेकिन कुछ लोगों को संतुलन बनाए रखने और चलने में परेशानी हो सकती है।
कैसे करें बचाव?
- अगर संतुलन बनाने में परेशानी हो रही हो, तो चलने के लिए छड़ी या वॉकर का इस्तेमाल करें।
- न्यूरोथेरेपी और संतुलन सुधारने वाली एक्सरसाइज करें।
- डॉक्टर की सलाह पर बी-कॉम्प्लेक्स सप्लीमेंट्स लें, जो नसों को मजबूत बनाते हैं।
3. हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन- Tingling and Numbness in Hands and Feet
गुलियन बेरी सिंड्रोम में नसों को हुए नुकसान के कारण हाथों और पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन या जलन महसूस हो सकती है, जो महीनों तक बनी रह सकती है।
कैसे करें बचाव?
- गर्म पानी की सिंकाई या हल्की मसाज करें ताकि ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो।
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड्स (जैसे अलसी के बीज, अखरोट) का सेवन करें।
- डॉक्टर की सलाह से नर्व हेल्थ को सपोर्ट करने वाली दवाएं लें।
4. थकान और एनर्जी की कमी- Fatigue and Lack of Energy
गुलियन बेरी सिंड्रोम के बाद शरीर की रिकवरी धीरे-धीरे होती है, जिससे लगातार थकान और एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है।
कैसे करें बचाव?
- पर्याप्त नींद लें और ज्यादा काम करने से बचें।
- एंटी-ऑक्सीडेंट्स और आयरन से भरपूर आहार लें, ताकि शरीर में ऊर्जा बनी रहे।
- गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें, जिससे ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर होगी।
5. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं- Mental Health Issues
गुलियन बेरी सिंड्रोम से उबरने के दौरान एंग्जायटी, डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
कैसे करें बचाव?
- मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज से मानसिक शांति पाएं।
- जरूरत महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह लें।
- परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं, ताकि सकारात्मक महसूस करें।
गुलियन बेरी सिंड्रोम से उबरने के बाद भी कमजोरी, सुन्नपन, संतुलन की समस्या और मानसिक तनाव जैसी परेशानियां बनी रह सकती हैं। लेकिन सही देखभाल, फिजियोथेरेपी, पोषण और डॉक्टर की सलाह से धीरे-धीरे पूरी तरह स्वस्थ हुआ जा सकता है।
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