Guillain-Barre Syndrome in Maharashtra Report: महाराष्ट्र में गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। महाराष्ट्र में न केवल इस वायरस से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रही है, बल्कि इससे मरने वालों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को महाराष्ट्र में गुलियन बेरी सिंड्रोम से 2 और लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इस आंकड़े के बाद महाराष्ट्र में गुलियन बेरी सिंड्रोम के कारण हुई मौतों की संख्या 21 हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।
17 फरवरी को जिस व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, वो पुणे के वाघोली का रहने वाला था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस शख्स को 5 फरवरी को पुणे के ससून जनरल अस्पताल में शरीर के विभिन्न अंगों में झुनझुनी का अनुभव होने के बाद भर्ती कराया गया था। शरीर की यह झुनझुनी कुछ ही वक्त में कमजोरी में बदल गई थी। शारीरिक कमजोरी के कारण शख्स को खाने खाने और सांस लेने में भी परेशानी हो रही थी। डॉक्टर शख्स का इलाज कर ही रहे थे कि शख्स ने दम तोड़ दिया। पुणे में जीबीएस के कारण हुई मौत पर एक अधिकारी ने बताया, "पिछले 3 से मरीज के शरीर के सभी अंगों से सही तरीके से काम करना बंद कर दिया था। 8 फरवरी तक उसकी गर्दन, श्वसन और चेहरे की मांसपेशियों में ताकत कम हो गई थी। उसे निगलने में भी परेशानी हो रही थी। डॉक्टरों द्वारा कोशिशें करने के बावजूद शख्स दोबारा शारीरिक ताकत हासिल नहीं कर पाया और उसकी मौत हो गई।"
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नागपुर में मौत का आंकड़ा हुआ 2
पुणे के अलावा 17 फरवरी को दूसरी मौत नागपुर में दर्ज की गई है। यहां एक 8 वर्षीय लड़के की 16 जनवरी को सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती होने के बाद 10 फरवरी को मृत्यु हो गई। इससे नागपुर में जीबीएस से संबंधित मौत का आंकड़ा 2 हो गया है। महाराष्ट्र के अलावा आंध्र प्रदेश, असम, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भी इस वायरस का कहर देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रत्येक राज्य में एक-एक मौत की पुष्टि हुई है।
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यात्राओं पर लगाया जा सकता है प्रतिबंध
गुलियन बेरी सिंड्रोम के बढ़ते प्रकोप के बीच, आयुष के केंद्रीय कनिष्ठ मंत्री प्रतापराव जाधव ने प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा प्रतिबंध लगाने की संभावना का सुझाव दिया। जाधव ने सोमवार को बुलढाणा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यदि बीमारी एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में फैल रही है, तो यात्रा प्रतिबंध लगाना आवश्यक हो सकता है।"
गुलियन बेरी सिंड्रोम के आम लक्षण क्या हैं?
गुलियन बेरी सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। इस बीमारी में व्यक्ति का खुद का ही इम्यून सिस्टम गलती से नसों पर हमला करता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि गुलियन बेरी सिंड्रोम आमतौर पर वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के बाद विकसित होती है। इस बीमारी के कारण शरीर में सुन्नता, कमजोरी और गंभीर मामलों में लकवा की समस्या भी देखी जाती है। गुलियन बेरी सिंड्रोम के आम लक्षणों में शामिल है:
- फ्लू, कोविड-19, हेपेटाइटिस, एचआईवी
- हाथ-पैरों में झुनझुनी और सुन्नपन
- हल्की मांसपेशियों की कमजोरी
- दर्द या ऐंठन
- मांसपेशियों में कमजोरी बढ़कर पूरे शरीर में फैल जाना
- बोलने, चबाने और निगलने में कठिनाई
- ब्लड प्रेशर का अचानक से बढ़ना और घटना
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अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण स्वयं या अपने आसपास किसी व्यक्ति में नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इलाज शुरू करवाएं। वर्तमान में गुलियन बेरी सिंड्रोम से बचाव के लिए कोई वैक्सीन या अन्य उपाय मौजूद नहीं है, लेकिन कुछ दवाओं के जरिए इसका इलाज किया जा सकता है।