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देर रात खाना कैसे बन रहा है पेट की बीमारियों का कारण? डॉक्टर की मानें सलाह

Late Night Eating Digestion Disorder: रोजाना देर रात डिनर करना लोगों की आदत बन चुकी है और इससे पेट से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां होने का रिस्क बना रहता है। इस लेख में डॉक्टर ने विस्तार से पेट से जुड़ी बीमारियां होने की वजह बताई है।
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देर रात खाना कैसे बन रहा है पेट की बीमारियों का कारण? डॉक्टर की मानें सलाह

Late Night Eating Digestion Disorder: जिस तरह की तेज दौड़ती भागती जिंदगी हो गई है, उसे देखते हुए देर रात डिनर करना आम हो गया है। आजकल लोगों की देर रात मोबाइल देखते हुए या फिर टीवी देखते हुए खाने की आदत हो गई है। खाना खाने के बाद तुरंत ही सोना सामान्य बात है, लेकिन ये आदते पेट की बीमारियों को बढ़ा रहे हैं। हालांकि लोगों को ये आदते ज्यादा बड़ी नहीं लगती, लेकिन इससे डाइजेशन की समस्या होने लगती है। क्या देर रात खाना पेट की बीमारियां बढ़ा रहा है और कैसे गट हेल्थ को नुकसान (gut health problems) पहुंचा रहा है, जानने के लिए हमने पुणे के खराड़ी स्थित मणिपाल हॉस्पिटल के मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के कंसल्टेंट डॉ. आदित्य गिरीश बोरावके (Dr. Aditya Girish Borawake, Consultant - Medical Gastroenterology, Manipal Hospital, Kharadi, Pune) से बात की। डॉ. आदित्य ने बताया कि देर रात खाने से एसिडिटी, गैस, मोटापा और कई गंभीर डाइजेशन की समस्याओं की वजह बन सकता है।


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देरी से डिनर करने पर क्यों बनती है पेट की बीमारियां?

डॉ. आदित्य कहते हैं, “देरी से डिनर करना लोगों की आदत में शुमार हो चुका है और इससे जुड़े परिणामों के बारे में लोग ज्यादा समझ नहीं पाते क्योंकि देरी से डिनर करने पर पेट उसका तुरंत असर नहीं दिखाता, लेकिन इस आदत के कारण समय के साथ पेट की बीमारियां बढ़ती जाती है। देर रात डिनर करने से पेट पर ये असर पड़ता है।”

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देरी से डिनर करने पर शरीर का रिदम बिगड़ना

शरीर एक नेचुरल घड़ी की तरह काम करता है, जिसे सर्कैडियन रिदम कहा जाता है। इस घड़ी के अनुसार शरीर का डाइजेशन सिस्टम दिन के समय ज्यादा एक्टिव रहता है, इसलिए सुबह से लेकर शाम तक खाना पचाने की क्षमता सबसे बेहतर होती है। रात होते ही शरीर खुद को आराम की स्थिति में ले जाने लगता है। ऐसे में जब रात को देर से खाना खाते हैं, तो डाइजेशन को जबरदस्ती दोबारा काम पर लगना पड़ता है। इससे शरीर की नेचुरल रिदम बिगड़ जाती है और इसका असर सिर्फ पेट पर नहीं, पूरे शरीर पर पड़ता है।

देर रात खाने से मेटाबॉलिज्म धीमा पड़ना

रात के समय शरीर का मेटाबॉलिक रेट कम होता है, यानि रात को खाना पचाने और एनर्जी में बदलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। जब रात को लोग देर से खाना खाते हैं, तो खाना ठीक से पच नहीं पाता और खाने का ज्यादातर हिस्सा फैट में बदलने लगता है। इससे शरीर में फैट स्टोरेज बढ़ जाता है। इसी कारण जो लोग देर रात को खाना खाते हैं, उनका वजन बढ़ने लगता है, खासतौर पर पेट और कमर के आसपास फैट जल्दी जमा होती है।

एसिडिटी और सीने में जलन होना

देर रात को खाने से पेट में गैस्ट्रिक एसिड का लेवल बढ़ जाता है और अगर खाना खाने के तुरंत बाद ही लोग सोने चले जाते हैं, तो लेटने पर पेट और इसोफेगस के बीच का वाल्व ढीला पड़ जाता है और एसिड ऊपर की ओर चढ़ने लगता है। इससे एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन होती है। अगर लगातार रोजाना ऐसा होता रहे, तो खाने की नली की अंदरूनी परत में सूजन आ सकती है। कुछ मामलों में अल्सर भी बन सकता है और लगातार खाने की नली में सूजन होने से पेट की अंदरूनी परत पर भी इसका असर पड़ सकता है।

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देरी से डिनर करना बिगाड़ता है गट माइक्रोबायोटा

पेट में अच्छे और बुरे बैक्टीरिया का एक बैलेंस होता है, जिसे गट माइक्रोबायोटा कहा जाता है। जब लोग देर रात को बैठकर चिप्स, बिस्किट, आइसक्रीम, ज्यादा कार्बोहाइड्रेट और सैचुरेटेड फैट वाला खाना खाते हैं, तो ये पेट के अच्छे बैक्टीरिया को नुकसान पहुंचाता है। इससे गैस और ब्लोटिंग, पेट दर्द, कब्ज या दस्त, और इम्युनिटी कमजोर होने जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं।

नींद पर असर पड़ना

देर रात खाने का असर नींद पर भी पड़ता है। जब पेट भरा होता है और एसिड बन रहा होता है, तो नींद आने में दिक्कत होती है। एसिड और गैस बनने से लोग रातभर बार-बार करवट बदलने और बेचैनी में रात बिता देते हैं। इस वजह से वे सुबह थकान महसूस करते हैं। खराब नींद आगे चलकर हार्मोनल असंतुलन और स्ट्रैस की वजह बन सकती है, जो डाइजेशन को और खराब कर देती है।

निष्कर्ष

डॉ. आदित्य कहते हैं कि हमेशा सोने से कम से कम 2 से 3 घंटे पहले अपना रात का खाना खाने की सलाह दी जाती है। अगर कोई व्यक्ति रात 11:00 बजे सो रहा है, तो हमें अपना रात का खाना शाम 7:30 से 8:00 बजे तक कर लेना चाहिए, उसके बाद नहीं करना चाहिए। रात को खाना हल्का खाना चाहिए और खाने के तुरंत लेटने से बचें। इस तरह की छोटी-छोटी आदतों से डाइजेशन की समस्याओं से बचा जा सकता है।

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FAQ

  • डिनर करने का सही समय क्या है?

    रात का खाना शाम 7 बजे से 8 बजे के बीच कर लेना बेहतर होता है। सोने से कुछ समय पहले ही खाना खाने से बेचैनी हो सकती है और नींद में खराब हो सकती है।
  • डिनर करना बेहतर है या नहीं?

    रिसर्च के अनुसार, दिनभर भरपेट नाश्ता और भोजन करना और फिर शाम को कम मात्रा में भोजन करना और सोने से कुछ घंटे पहले खाना न खाने से वजन घटाने और कमर का घेरा कम करने में मदद मिल सकती है।
  • क्या रात को डिनर करना चाहिए?

    जिस तरह नाश्ता जरूरी है, उसी तरह रात का खाना भी महत्वपूर्ण है। रात का खाना शरीर को जरूरी पोषक तत्व देता है लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि रात को सोने से कम से कम 2 घंटे पहले भोजन कर लें और खाना हल्का खाएं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Dec 17, 2025 07:05 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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