Global Handwashing Day: कब से चली आ ही रही है हाथ धोने की परम्परा? जानें इतिहास और सेहत पर है कैसे असरदार

हाथ धोने के तरीके के बारे में सब जानते हैं लेकिन उसके इतिहास और लाभ के बारे में भी लोगों को पता होना चाहिए। इस लेख के माध्यम से जानते हैं सबकुछ...
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Global Handwashing Day: कब से चली आ ही रही है हाथ धोने की परम्परा? जानें इतिहास और सेहत पर है कैसे असरदार


जब से कोरोनावायरस का खौफ दुनिया भर में फैला है तब से हाथों को लगातार धोना और अपने आसपास सफाई रखने जैसे नारे आपने सुने होंगे। आज इस लेख के माध्यम से हम बात करेंगे कि आखिर हाथ धोने की शुरुआत कब से की गई? 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे का कारण क्या है? इस दिन की शुरुआत कब और किस उद्देश्य से की गई थी? इसके अलावा हम बताएंगे कि हाथ धोने का सही तरीका क्या है? इससे सेहतपुर पर क्या असर होता है? और 2020 का हैंडवाशिंग डे थीम क्या है? इन सभी सवालों के जवाब आपको आगे दिए जा रहे हैं। पढ़ते हैं आगे...

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हाथ धोने का कल्चर कहां से आया

19वीं शताब्दी तक किसी भी अस्पताल में डॉक्टर, नर्स और अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारी हाथ नहीं होते थे। यह वह दौर था जब हॉस्पिटल्स में दुर्गंध आती रहती थी। साफ सफाई ना रहने के कारण यह अस्पताल मौत का कारण बनते गए। यह बात हंगरी के अस्पतालों की है। उस वक्त शिशु मृत्यु दर 9.8/100 तक पहुंच गया था। इसका मतलब यह था कि अगर 100 बच्चे एक दिन में जन्म ले रहे हैं तो केवल 9 बच्चे ही इस स्थिति में सरवाइव कर पाते थे। ऐसे में एक डॉक्टर ने इस संक्रमण को रोकने का बेहद असरदार तरीका खोज निकाला। हम बात कर रहे हैं डॉक्टर इग्नाज सेमेल्विस की। यह डॉक्टर उस वक्त हॉस्पिटल में अपना पद संभास रहे थे। सन 1840 में यूरोप के देश हंगरी के अस्पतालों में जहां गंदगी भरपूर थी, लोग कहीं भी पेशाब कर रहे थे। उल्टी और दुर्गंध से लोगों की हालत खराब हो रही थी। उस दौरान डॉक्टर ने एक नया नियम जारी किया, जिसके मुताबिक, लोगों को अपने हाथ समय-समय पर धोने थे। जब लोगों ने इस नियम को अपनाना शुरू किया तो मृत्यु दर कम होने लगी। इग्लास की पहचान बच्चे और मां को बचाने वाले के रूप में होने लगी। तभी से ये हाथ धोने की परंपरा शुरू हुई। बता दें कि मृत्यु के वक्त उनकी उम्र 47 वर्ष थी।

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 हाथ धोने से सेहत को लाभ

  • अगर आप साबुन की मदद से हाथ धोएंगे तो इससे कीटाणु खत्म हो जाते हैं।
  • साफ हाथों से खाना खाएंगे तो रोगमुक्त भोजन आपके शरीर में जाएगा।
  • हाथ को साफ रखने से आप अनेक बीमारियों से दूर रहेंगे।
  • अगर आप मौसमी फ्लू से बचना चाहते हैं तो आप समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें।
  • किसी भी घाव को छूने से पहले, शौच आदि जाने के बाद, जानवरों को नहलाने या घुमाने के बाद, खाना खाने से पहले, हाथ धोने जरूरी होते हैं। ऐसा करने से आप अपने आसपास के लोगों को भी बीमारी से बचा सकते हैं।

हाथ धोने का सही तरीका

लिक्विड साबुन को हाथों में लेकर सबसे पहले हथेलियों में रगड़े। उसके बाद दोनों हाथों को तब तक रगड़ते रहे जब तक झाग उत्पन्न ना हो जाए। बीच-बीच में पानी की मदद से उंगलियों को फैला कर आगे-पीछे, ऊप- नीचे हर हिस्से को रगड़ें। ध्यान दें, अक्सर हाथ धोते वक्त अंगूठा छूट जाता है इसलिए अंगूठे को अलग से अच्छी तरह साफ करें। इसके अलावा कलाइयों पर साबुन लगा कर पानी से धोएं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार ऐसा तकरीबन 15 से 20 सेकंड तक करें।

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इन बातों का रखें ध्यान-

  • हैंड सैनिटाइजर को अपने पास ही रखें।
  • कुछ लोगों की आदत होती है कि वे हाथ धोने के बाद उसे तौलिए से नहीं पूछते। ऐसा करने से सेहत पर नुकसान पहुंच सकता है। हाथ धोने के बाद जो कीटाणु हाथ में रह जाते हैं वे सूखे कपड़े यह साफ तौलिए के माध्यम से निकल जाते हैं और जब हम तौलिये का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो वह कीटाणु हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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