खर्राटे बन सकते हैं कई गंभीर बीमारियों का संकेत, जानें कारण और उपचार

खर्राटों को मजाक में लेने वाले सावधान हो जाएं। ये एक गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। ऐसे में इनकी वजह और उपचार की जानकारी होनी बेहद जरूरी है।
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खर्राटे बन सकते हैं कई गंभीर बीमारियों का संकेत, जानें कारण और उपचार


अकसर लोग खर्राटों को लेकर गंभीर रूप से नहीं सोचते हैं। लेकिन ये बड़ी बीमारियों का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना सही नहीं। कहते हैं कि अगर किसी को खर्राटे आते हैं तो वो चैन की नींद ले रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है सच्चाई तो ये है कि इसकी आवाज से कई बार खर्राटे लेने वाले व्यक्ति की भी नींद खुल जाती है। आगे पढ़ते हैं इनकी वजह और उपचार के बारे में...

snoring problem

क्या है इसकी वजह

  • सांस की नली का संकुचित हो जाना। 
  • यदि आपको फ्लू, साइनस या एलर्जी है और नाक बंद हो गई है तब भी खर्राटे आते हैं। ऐसी स्थिति में लोग मुंह से सांस लेते हैं। 
  • गले में इंफेक्शन, सूजन का टॉन्सिल के कारण खर्राटे आ सकते हैं क्योंकि इससे हवा के मार्ग में रुकावट आ जाती है। हालांकि जब ये इंफेक्शन दूर हो जाता है खर्राटे की परेशानी भी दूर हो जाती है।
  • नाक की हड्डी बढ़ने से भी खर्राटे आते हैं। 
  • ओबेसिटी यानि अत्यधिक मोटापे की स्थिति में सांस की नली में फैट जमा हो जाता है, जिससे ये परेशानी हो सकती है। 
  • जिन लोगों को शराब की लत है उन्हें भी खर्राटे लेने की आदत हो सकती है। शराब अधिक मात्रा में सांस की नली की मांसपेशियों को शिथिल कर देती हैं। जिसके कारण इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 
  • जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें भी इसकी समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शुगर लेवल ज्यादा हो जाने पर दिमाग में ऑक्सीजन की मात्रा घट जाती है, जिसके कारण स्ट्रेस हॉर्मोन सक्रिय हो जाते हैं। इसका प्रभाव शरीर के अन्य अंगों की तरह सांस की नली की मांसपेशियों पर भी पड़ता है, जिसके कारण खर्राटे आते हैं। 

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क्या है इसका उपचार

खर्राटों से जुड़ी समस्या के लिए स्लीप फिजिशियन से संपर्क करें। बता दें कि जो लोग इस समस्या से ग्रस्त होते हैं उनकी पॉलीसॉम्नोग्राफी (polysomnography) के जरिये  स्लीप स्टडी की जाती है। इस जांच में सोते समय मस्तिष्क की गतिविधियों के साथ सांस की गति, ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल और श्वसन तंत्र जो बल लगाता है उसको नोट किया जाता है। जरूरी नहीं है इसके लिए हॉस्पिटल जाया जाए आप अपने घर में भी किसी की मदद से ये रिकॉर्ड कर सकते हैं। जब कोई इस बीमारी से ग्रस्त निकलता है तो उसके लिए सीपीएपी डिवाइस का इस्तेमाल किया जाता है। ये एक मास्क की तरह होता है, जिसके भीतर मशीन लगी होती है। इसकी मदद से श्वास की नली में रुकावट को हटाया जा सकता है। अगर समस्या ज्यादा हो तो सर्जरी भी करानी पड़ सकती है। 

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कुछ जरूरी बातें

  • अपना वजन न बढ़ने दें क्योंकि खर्राटों का मुख्य लक्षण यही है। 
  • घी, तेल, मीठी चीजें, नॉनवेज, मक्खन, मैदा, जंक फूड आदि का सेवन न करें। 
  • सोने के लिए तकिये को ऊंचा रखें। 
  • अगर साइनस की समस्या है तो ईएनटी से संपर्क करें। 

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