Laryngeal Cancer in Hindi: भारत के लगभग हर राज्य में तंबाकू खाने और सिगरेट पीने वालों की संख्या हर साल बढ़ रही है। छोटी उम्र में तंबाकू खाने या सिगरेट पीने की आदत किसी दूसरे को देखकर शुरु की जाती है। लेकिन, धीरे-धीरे यह आदत आपकी दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है। कई व्यक्ति तो सिगरेट या तंबाकू का सेवन किए बिना सुबह फ्रेश तक नहीं होते हैं। ऐसे में डॉक्टर्स बताते हैं कि बीड़ी-सिगरेट, गुटखा, पान मसाला और जर्दा आदि धीरे-धीरे आपकी आवाज और गले के अंगों को प्रभावित कर सकते हैं। इससे वॉइस बॉक्स यानी स्वरयंत्र (Larynx) का कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। यह कैंसर धीरे-धीरे व्यक्ति के बोलने की क्षमता को प्रभावित करता है। यदि समय पर कैंसर की पहचान न की जाए तो यह जान का जोखिम खड़ा सकती है। इस लेख में डॉ. अक्षत मलिक, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, हेड एंड नेक ऑन्कोलॉजी, रोबोटिक सर्जरी, मैक्स अस्पताल, साकेत से जानेंगे कि तंबाकू और सिगरेट की वजह से वॉइस बॉक्स के कैंसर के क्या कारण होते हैं। साथ ही, इस वॉइस बॉक्स कैंसर के क्या लक्षण होते और इसका इलाज कैसे किया जाता है?
गले में स्वरयंत्र (Voice Box) कहां स्थित होता है?
गले में मौजूद स्वरयंत्र (Voice Box) बोलने में मदद करता है। इसे मेडिकल भाषा Larynx कहा जाता है, यह गले के बीच में स्थित होता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि यह वॉइस बॉक्स हवा की नली (टर्किया- Trachea) और गले के बीच में स्थित होता है। जब आप बोलते हैं तो हवा वोकल कॉर्ड्स से गुजरती है और एक तरह कंपन पैदा होता है, इसी कंपन के कारण आवाज बनती है। यदि इस हिस्से में कैंसर शुरु हो जाए तो व्यक्ति को बोलने, आहार को निगलने और कुछ मामलों में सांस लेने में भी पेरशानी होती सकती है।
तंबाकू की वजह से किस तरह से वॉयस बॉक्स कैंसर हो सकता है? - How Tobacco Affect Voice Box Cancer In Hindi
तंबाकू में निकोटिन, टार और कई अन्य कैंसर का कारण बनने वाले कैमिकल्स होते हैं। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक तंबाकू खाता या चबाता है, तो ये कैमिकल्स गले की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और उनमें बदलाव ला सकते हैं। ऐसे में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले सकती हैं। सिगरेट पीना और तंबाकू चबाना वॉइस बॉक्स के कैंसर का एक मुख्य कारण माना जाता है।
वॉयस बॉक्स कैंसर के प्रमुख कारण - Causes Of Voice Box Cancer in Hindi
- तंबाकू का सेवन (Smoking और Chewing)
- तंबाकू के साथ ही शराब का सेवन करने से वॉइस बॉक्स का कैंसर कई गुना बढ़ जाता है।
- ऐसे माहौल में काम करना जहां पर कैमिकल्स का उपयोग किया जाता है।
- परिवार में किसी व्यक्ति को कैंसर होना।
- ह्यूमन पैपिलोमा वायरस का इंफेक्शन होना।
वॉइस बॉक्स कैंसर के क्या लक्षण होते हैं? - Symptoms Of Laryngeal Cancer in Hindi
- इस कैंसर में व्यक्ति की आवाज में बदलाव होने लगता है।
- आवाज में भारीपन आना।
- गले में सूजन या गांठ का बनना
- बोलने में परेशानी होना।
- भोजन को निगलने में परेशानी होना, आदि।
वॉइस बॉक्स के कैंसर का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Laryngeal Cancer in Hindi
वॉइस बॉक्स कैंसर की पहचान के लिए डॉक्टर आपको लैरिंगोस्कोपी (Laryngoscopy), बायोप्सी, सीटी स्कैन, एमआरआई, ब्लड टेस्ट और एक्स रे करने की सलाह देते हैं। इसके बाद रोग की गंभीरता को देखकर इलाज शुरु किया जाता है। इसमें कैंसर की स्टेज को भी ध्यान में रखा जाता है। आगे जानते है वॉइ बॉक्स का इलाज कैसे किया जाता है।
- सर्जरी - शुरुआती स्टेज में ट्यूमर को हटाने के लिए एंडोस्कोपिक सर्जरी की जाती है। अगर ट्यूमर बड़ा हो गया है, तो लैरिंजेक्टॉमी (स्वरयंत्र को निकालना) करना पड़ सकता है।
- रेडिएशन थेरेपी - कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए किरणों का प्रयोग किया जाता है। सर्जरी के पहले या बाद में दिया जा सकता है।
- कीमोथेरेपी - दवाओं द्वारा कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। रेडिएशन के साथ मिलकर असरकारक साबित हो सकती है।
- इलाज के साथ थेरेपी (Rehabilitation) - बोलने की क्षमता लौटाने के लिए स्पीच थेरेपी को भी अपनाया जाता है। अगर, व्यक्ति का वॉइस बॉक्स हटा दिया जाता है, तो ऐसे में आर्टिफिशियल वॉइस बॉक्स या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण की मदद ली जाती है।
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Laryngeal Cancer in Hindi: तंबाकू और सिगरेट की लत धीरे-धीरे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। साथ ही, यह आपके वॉइस बॉक्स जैसे अहम अंग को भी नुकसान पहुंचा सकती है। यह न केवल आपकी बोलने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, बल्कि आपकी जान को भी खतरे में डाल सकती है। अगर आपको या आपके किसी जानकार को ऊपर बताए लक्षण महसूस हो तो ऐसे में आप इन्हें नजअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQ
क्या वॉयस बॉक्स कैंसर केवल धूम्रपान करने वालों को ही होता है?
नहीं, यह कैंसर चबाने वाले तंबाकू, गुटखा, जर्दा या पान मसाला सेवन करने वालों को भी हो सकता है। यहां तक कि पासिव स्मोकिंग (दूसरों के धुएं में रहना) से भी खतरा बढ़ जाता है।क्या वॉयस बॉक्स हटने के बाद भी व्यक्ति बोल सकता है?
जी हां, स्पीच थेरेपी, वॉयस प्रोस्थेसिस या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज की मदद से बोलने की क्षमता दोबारा प्राप्त की जा सकती है, हालांकि यह पहले जैसी नहीं होती।क्या वॉयस बॉक्स कैंसर से पूरी तरह ठीक हुआ जा सकता है?
अगर शुरुआती स्टेज में पता चल जाए और सही इलाज हो, तो मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है। इसलिए समय पर पहचान और इलाज बेहद जरूरी है।