Early Warning Signs Of Eye Diseases in Hindi: अगर किसी को देखने में परेशानी आती है, आंखों से कम दिखता है. धुंधला दिखाई देता है या फिर आंखों में रेखाएं नजर आती हैं तो तुरंत आंखों की जांच करानी चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है आंखों से किसी की भी सेहत का पता लगाया जा सकता है। आंखों से जुड़ी इतनी सारी बीमारियां हैं, जिनका समय पर पता लगाकर, उन्हें बढ़ने से रोका (What are the early signs of eye disease) जा सकता है। आंखों में होने वाली बीमारियों का पता लगाने और रोकथाम के लिए जरूरी है कि आप अपने आंखों से मिलने वाले कुछ आम लक्षणों पर ध्यान दें। दरअसल, आंखों में होने वाली कुछ समस्याओं को हम आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन यह परेशानियां आंखों की गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। ऐसे में आइए श्री वेंकटेश आई इंस्टीट्यूट में पार्टनर और विट्रो रेटिना एक्सपर्ट डॉ. प्रवीण पाटिल से जानते हैं कि आंखों की बीमारियों के क्या संकेत होते हैं? (How can you detect eye disease early)
आंखों की बीमारी के शुरुआती संकेत क्या हैं? - What Are The Early Signs Of Eye Disease in Hindi
1. आंखों का धुंधलापन
अचानक या धीरे-धीरे आपको आंखों से धुंधला दिखना मोतियाबिंद, ग्लूकोमा या डायबिटिक रेटिनोपैथी या रेटिना डिटेचमेंट जैसी आंखों की समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिसके लिए जरूरी है कि आप तुरंत आंखों की जांच करवाएं।
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2. आंखों में दर्द
आंखों में या उसके आस-पास लगतार दर्द महसूस होने की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह यूवाइटिस, ग्लूकोमा या कॉर्नियल घर्षण जैसे आई इंफेक्शन का संकेत हो सकता है। अगर आंखों में दर्द के साथ रेडनेस या रोशनी से परेशान महसूस हो तो आप तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं।
3. पेरीफेरल विजन की समस्या
आपके आंखों की रोशनी के एरिया का संकुचित होना या पेरिफेरल विजन की समस्या ग्लूकोमा का शुरुआती लक्षण हो सकता है। यह बीमारी अक्सर तब तक किसी के ध्यान में नहीं आती है, जब तक आंखों को ज्यादा नुकसान न हो।
4. आंखों का लाल होना
आंखों में खून जमने या बहुत ज्यादा लाल (How can you detect eye disease early) होना, ड्राई आई सिंड्रोम या स्केलेराइटिस जैसी गंभीर समस्याओं के कारण हो सकती है। अगर आंखों को आराम देने के बाद भी रेडनेस रहती है, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें।
5. रोशनी में आंखें खोलने में समस्या
अगर आपकी आंखें तेज या मंद रोशनी में सही से खुलने में दिक्कत देती हैं, तो यह मोतियाबिंद या रेटिना की समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, कंट्रास्ट सेंसिटिवीटी में कमी के कारण भी ये समस्या हो सकती है।
6. हर चीज दो-दो दिखाई देना
हर चीजो का दो-दो दिखाई देना, जिसे डबल विजन भी कहते हैं, कॉर्नियल समस्या, नर्वस से जुड़ी परेशान, मोतियाबिंद या यहां तक कि डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
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7. आंखों की बनावट में बदलाव
झुकी हुई पलक, उभरी हुई आंखें या आपकी पुतली के आकार में ध्यान देने लायक बदलाव थायराइड आंखों की बीमारी या नर्व से जुड़ी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
8. अचानक आंखों को रोशनी कम होना
अचानक आंखों में समस्या, या रोशनी का कम होने के साथ बार-बार सिर में दर्द होना, तनाव, ओकुलर माइग्रेन या इंट्राक्रैनील प्रेशर की समस्याओं जैसी गंभीर स्थितियों से जुड़ा हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करना नुकसानदायक है।
निष्कर्ष
आंखों से जुड़ी इन छोटी-छोटी समस्याओं पर ध्यान देकर आंख से जुड़ी बड़ी बीमारी को रोकने और बचाल में मदद मिल सकती है। इसलिए नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच करवाएं, लक्षणों पर नजर बनाकर रखें और डायबिटीज, बल्ड प्रेशर जैसी स्थितियों की निगरानी करें।
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