
khubkala Beej ke fayde: आयुर्वेद में रोगों को दूर करने के लिए कई तरह की जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया जाता है। इन्हीं में से एक है खूबकला (Khubkala)। आयुर्वेद में खूबकला के बीजों का उपयोग खांसी, दमा, टाइफाइड आदि रोगों को दूर करने के लिए किया जाता है। खूबकला के बीज सरसों के बीज जैसे दिखाई देते हैं। इसकी तासीर बेहद गर्म होती है। खूबकला के बीज स्वाद में तीखा होते हैं। खूबकला को खाकसी, खाकसीर, जंगली सरसों और बनारसी राई के नाम से भी जाना जाता है। अधिकतर लोग खूबकला का इस्तेमाल घरेलू उपायों के तौर पर भी करते हैं। रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से जानें खूबकला के बीज के फायदे (Khubkala seeds benefits in Hindi)-
खूबकला में पोषक तत्व- Khubkala Nutrition in Hindi
खूबकला के बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। यह विटामिंस और मिनरल्स का अच्छा सोर्स है। खूबकला में प्रोटीन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, फाइबर और कार्बोहाइड्रेट होता है। खूबकला के पत्ते भी स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इनका प्रयोग सलाद के रूप में किया जा सकता है।
खूबकला के बीज के फायदे- Khubkala Seeds Benefits in Hindi
1. भूख बढ़ाने में लाभकारी
कई लोग भूख न लगने की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके लिए वे अलग-अलग तरह के टॉनिक का सेवन करते हैं। आप चाहें तो खूबकला से भी अपनी भूख बढ़ा सकते हैं। खूबकला में भूख बढ़ाने वाले गुण (Khubkala seeds benefits) पाए जाते हैं।

2. टाइफाइड में मददगार
आयुर्वेद में टाइफाइड का इलाज करने के लिए खूबकला का उपयोग किया जाता है। टाइफाइड की स्थिति में आप खूबकला का सेवन दो तरह से कर सकते हैं। पहला आप इसे पानी और दूध में पकाकर ले सकते हैं। दूसरा खूबकला और मुनक्का को साथ में लेने से भी टाइफाइड में आराम मिलता है। इसके लिए मुनक्का पर खूबकला के बीज लगाएं, तवे पर सेंक दें। इसके सेवन से आपको काफी लाभ मिलेगा।
3. आमाशय को शक्ति देता है
खूबकला के बीज आमाशय को भी शक्ति देता है। दूध के साथ खूबकला के बी लेने से शरीर को शक्ति मिलती है। साथ ही इससे शारीरिक कमजोरी भी दूर होती है।
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4. कमजोरी दूर करे खूबकला
खूबकला पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसके नियमित सेवन से आप अपनी शारीरिक कमजोरी दूर कर सकते हैं। अगर आपका वजन सामान्य से कम है, तो खूबकला का सेवन मुनक्का या दूध के साथ कर सकते हैं।

5. खांसी और दमा
खांसी और दमा की स्थिति में भी खूबकला का सेवन किया जा सकता है। सामान्य बुखार में भी खूबकला लाभकारी है। खूबकला गले, फेफड़ों में जमा कफ या बलगम निकालने में मदद करता है। गर्म पानी में मुनक्का और खूबकला को पकाकर लेने से सर्दी-जुकाम, खांसी और दमा में आराम मिलता है। खूबकला कफ के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को भी दूर करता है।
6. बच्चों के शारीरिक विकास में फायदेमंद
खूबकला का उपयोग कुपोषण जैसे रोगों को दूर करने के लिए भी किया जाता है। अगर आपका बच्चा कमजोर है, उसका शारीरिक विकास नहीं हो रहा है तो आप उसे डॉक्टर की सलाह पर खूबकला दे सकते हैं। खूबकला के पाउडर को दूध के साथ बच्चों को देने से उनका शारीरिक विकास तेज होता है।
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7. बवासीर में लाभकारी
गलत खान-पान और शारीरिक सक्रियता की कमी बवासीर के मुख्य कारण है। यह समस्या काफी पीड़ादायक होती है। आप चाहें तो बवासीर में भी खूबकला का उपयोग कर सकते हैं। खूबकला के बीज का पाउडर बनाएं, इसे पानी या दूध के साथ लें। कुछ दिनों तक इसे रोज लेने से बवासीर की समस्या में आराम मिलेगा। इसके अलावा आयुर्वेद में खूबकला का उपयोग हैजा, खसरा, चेचक और सूजन जैसे रोगों को दूर करने के लिए भी किया जाता है।
खूबकला की तासीर काफी गर्म होती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों के शरीर की प्रकृति पित्त है, उन्हें भी खूबकला से परहेज करना चाहिए। गंभीर स्वास्थ्य समस्या वाले लोग खूबकला का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
(images source: Freepik)
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