Intrahepatic Cholestasis Disease During Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान दूसरे या तीसरे ट्राइमेस्टर में अक्सर महिलाओं को शरीर में खुजली होने की समस्या होती है, जो एक आम परेशानी है। ऐसा शरीर में हार्मोन्स में बदलाव आने के कारण हो सकता है। इस दौरान अक्सर महिलाओं को पैरों और हाथों के तलवों पर खुजली होती है और शाम के समय शरीर में खुजली बढ़ जाती है। लेकिन कई बार महिलाओं को अधिक खुजली होने या इसके कारण रात को सोने में परेशानी होने की समस्या होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह आईएएचपीसी यानी प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस की बीमारी का संकेत हो सकती है। आइए जयपुर में स्थित ए 70 लाइफट्रोन्स क्लिनिक की निदेशक और एसडीएम अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉ निशि गुप्ता से जानें क्या है इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस और इसके दौरान दिखने वाले लक्षणों के बारे में -
क्या है प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाली इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस की समस्या? - What Is The Problem of Intrahepatic Cholestasis During Pregnancy?
डॉ निशि के अनुसार, आईएचपीसी लिवर से जुड़ी बीमारी है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर में बाइल डक्ट्स की रुकावट के कारण होती है। इस दौरान अक्सर बाइल एसिड का टेस्ट कराया जाता है। इसका नॉर्मल स्तर 10 से कम होता है, लेकिन अगर इसका स्तर से 100 से अधिक होता है, तो यह गंभीर समस्या हो सकती है। शरीर में बाइल एसिड का स्तर बढ़ने पर बच्चे का समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ता है, बच्चे की धड़कन भी रूक सकती है और बच्चे को अन्य नुकसान भी हो सकते हैं।
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आईएचपीसी की समस्या के कारण - Causes of IHPC During Pregnancy In Hindi
हार्मोन्स में बदलाव - Changes In Hormones
प्रेग्नेंसी के दौरान अक्सर महिलाओं के शरीर और हार्मोन्स में बहुत से बदलाव आते हैं, जो आईएचपीसी की समस्या का कारण बन सकते हैं। इस दौरान महिलाओं को बहुत सी परेशानियां होती हैं।
जेनेटिक्स के कारण - Due To Genetics
कई बार महिलाओं को जेनेटिक्स के कारण भी इंट्राहेपेटिक कोलेस्टेसिस की समस्या हो सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
लिवर से जुड़ी समस्याएं - Liver Related Problems
कई बार लिवर से जुड़ी समस्याएं होने पर भी महिलाओं को आईएचपीसी की समस्या हो सकती है। इसका असर महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य पर भी असर होता है।
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आईएचपीसी के लक्षण - Symptoms of IHPC During Pregnancy In Hindi
शरीर में आईएचपीसी की समस्याएं होने पर महिलाओं को शरीर में अधिक खुजली होने, थकान होने, कमजोरी होने, पेट दर्द होने और पीलिया होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, जिनको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इसके कारण महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ बच्चे के स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकते हैं।
आईएचपीसी से बचने के उपाय - Ways To Avoid IHPC During Pregnancy In Hindi
फैटी और हैवी मिल्स से बचें - Avoid Fatty And Heavy Meals
प्रेग्नेंसी के दौरान आईएचपीसी की समस्या से बचने के लिए फैट से युक्त, तले-भुने, मसालेदार और हैवी मिल्स के सेवन से बचें। हेल्दी और स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें।
डॉक्टर से सलाह लें - Consult A Doctor
प्रेग्नेंसी के दौरान अपने डॉक्टर से नियमित संपर्क में रहें। आईएचपीसी की समस्या से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करें, जिससे ब्लड सर्कुलेशन से बाइल एसिड को निकालने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
आईएचपीसी प्रेग्नेंसी के दौरान लिवर में बाइल डक्ट्स की रुकावट आने के कारण होती है। इस दौरान महिलाओं को शरीर में खुजली होने, थकान होने, पेट दर्द, उल्टी, थकान और पीलिया होने जैसी समस्याएं होती हैं। इसको नजरअंदाज न करें।
प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की समस्या महसूस होने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।
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