Hepatic Cholestasis In Hindi: भोजन में मौजूद फैट को पचाने में पित्त यानी बाइल का मुख्य रोल होता है। पित्त आपके लिवर द्वारा बनाया जाता है। लेकिन, कई बार डाइट में बदलाव की वजह से आपको पाचन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि लिवर डिसऑर्डर जैसे हेपेटिक कोलेस्टेसिस (Hepatic Cholestasis) पित्त बनाने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब लिवर पर्याप्त मात्रा में बाइल को नहीं बना पाता है। कई मामलों में इस स्थिति में बाइल डक्ट्स में कोई रुकावट आ जाती है। पित्त न बनने या सही तरह से बन पाने की स्थिति में व्यक्ति के शरीर में टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को कई तरह के गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इस लेख में नारायणा अस्पताल के मेडिकल गैस्ट्रोएंरोलॉजी सीनियर कंसल्टेंट डॉ महेश से जानते हैं कि हेपेटिक कोलेस्टेसिस के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं?
हेपेटिक कोलेस्टेसिस के कारण - Causes Of Hepatic Cholestasis In Hindi
हेपेटिक कोलेस्टेसिस के कारणों को दो भागों में बांटा जा सकता है। जिसमें अंदरूनी (Intrahepatic) और बाहरी (Extrahepatic) कारणों को शामिल किया जाता है। अंदुरुनी कारण लिवर के अंदर उत्पन्न होते है, जबकि, बाहरी कारण पित्त नलिकाओं में समस्या होने पर बनते हैं। आगे जानते हैं इनके बारे में।
अंदरूनी कारण (Intrahepatic)
- इसमें लिवर से जुड़ी बीमारियों जैसे हेपेटाइटिस (Hepatitis A, B, C, D, और E), सिरोसिस (Cirrhosis), फैटी लिवर डिजीज और ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस को शामिल किया जाता है।
- कुछ दवाओं के प्रभाव के चलते भी पित्त बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। एंटीबायोटिक्स, एंटी-डिप्रेसेंट्स, और स्टेरॉयड जैसी कुछ दवाएं लिवर की कार्यप्रणाली को प्रभावित कर सकती हैं।
- कुछ आनुवंशिक स्थितियां, जैसे कि प्राइमरी बाइलरी सिरोसिस (Primary Biliary Cirrhosis), लिवर में पित्त प्रवाह को बाधित कर सकती हैं।
- अधिक शराब पीने से लिवर की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं और पित्त प्रवाह में बाधा आती है।
बाहरी (Extrahepatic)
इसमें पित्त नलिकाओं में रुकावट को शामिल किया जाता है। जिसमें गॉलब्लैडर में पथरी (Gallstones), पित्त नलिका में संक्रमण (Cholangitis) और पित्त नलिका में ट्यूमर और अग्नाशय (Pancreas) से जुड़ी समस्याओं को शामिल किया जाता है।
हेपेटिक कोलेस्टेसिस के लक्षण - Symptoms Of Hepatic Cholestasis In Hindi
- जब पित्त सही तरीके से बाहर नहीं निकलता, तो शरीर में बिलीरूबिन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे आंखें और त्वचा पीली हो जाती हैं।
- इसमें व्यक्ति को मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है।
- पित्त में मौजूद कुछ पदार्थ (जैसे कि बाइल सॉल्ट) त्वचा में जमा हो जाते हैं, जिससे अत्यधिक खुजली महसूस होती है।
- जब शरीर से बिलीरूबिन बाहर नहीं निकल पाता, तो यह रक्तप्रवाह में बढ़ जाता है और पेशाब का रंग गहरा हो जाता है।
- पेट साफ न होने से पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है।
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हेपेटिक कोलेस्टेसिस एक गंभीर लिवर डिसऑर्डर है जो पित्त प्रवाह को बाधित करता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। इसके प्रमुख कारणों में लिवर की बीमारियां, दवाइयों का साइड इफेक्ट, गर्भावस्था, और पित्त नलिकाओं में रुकावट शामिल हैं। इस दौरान व्यक्ति को पीलिया, थकान, पाचन क्रिया बाधित होना और कमजोरी महसूस हो सकती है। इन लक्षणों को नजरअंदाज किये बिना ऐसे में व्यक्ति को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।