
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान खुजली होना काफी आम बात है। लेकिन जब पेट की त्वचा की स्ट्रेचिंग की वजह से खुजली बहुत ज्यादा हो तो यह होने वाले बच्चे के लिए खतरा भी हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को पेट, हाथ और पैर पर ज्यादा तेज खुजली होने पर इसे लिवर से संबंधित रोग समझा जाता है। ज्यादा खुजली होने के कारण इंट्राहेप्टिक कोलेस्टासिस ऑफ प्रेग्नेंसी (आईसीपी) के लक्षण हो सकते हैं। आइए जानते हैं क्या होता है ये आईसीपी और क्या है इससे बचाव के तरीके।
क्या है आईसीपी (What is ICP)
प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली लिवर डिसऑर्डर को आईसीपी यानी इंट्राहेप्टिक कोलेस्टेसिस ऑफ प्रेगनेंसी कहा जाता है। गर्भावस्था के दौरान आईसीपी की स्थिति में लिवर की केमिकल को प्रवाहित करने की क्षमता काफी हद तक खत्म हो जाती है जिससे बाइल एसिड नसों को प्रभावित करता है और जिसके कारण महिलाओं को तेज खुजली होने लगती है। इस स्थिति की शुरुआत लगभग महिला के गर्भवती होने के करीब छठे महीने में शुरू होती है। कई मामलों में महिलाओं को आईपीसी के कारण पीलिया भी होने का खतरा रहता है जिसका सीधा असर बच्चे पर पड़ता है।
आईसीपी के लक्षण (Symptoms of ICP)
- खुजली होना।
- जॉन्डिस।
- हल्के रंग का शौच होना।
- भूख की कमी होना।
- पेट के एक हिस्से पर दर्द होना।
- पेशाब का रंग गाढ़ा होना।
किसे है ज्यादा आईसीपी का खतरा (Who is at greater risk of ICP)
वैसे तो गर्भावस्था के दौरान हर महिला को खुजली की समस्या का सामना करना पड़ता है, इसकी शुरुआत गर्भवती होने के करीब 6 महीने से शुुरु होती है। ऐसे में उन महिलाओं के लिए ये स्थिति खतरनाक हो जाती है जिन्हें पिछले करीब 2 साल के अंदर या आसपास में पीलिया का शिकार होना पड़ा हो या फिर कोई लिवर से संबंधित बीमारी का शिकार होना पड़ा हो। इसके साथ ही कहा जाता है कि महिलाओं को गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे में जो महिलाएं गर्भावस्था से पहले शराब का सेवन करती है उनके लिए ये स्थिति खतरनाक हो सकती है।
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आईसीपी और समय से पहले जन्म (ICP and Premature Birth)
अगर आपके पास गर्भावस्था कोलेस्टेसिस हैं, तो समय से पहले बच्चे के जन्म का एक उच्च जोखिम है। निदान किए गए लगभग 1 से 10 महिलाओं में पूरी अवधि से पहले उनका बच्चा होगा। हालांकि, इस आंकड़े में ऐसी महिलाएं शामिल हैं, जिनके पास आईसीपी के कारण ज्यादा होते हैं। यह माना जाता है कि आईसीपी गर्भधारण के लगभग 4-10 फीसदी में होता है।
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गर्भावस्था में खुजली वाली त्वचा से कैसे निपटें (How to deal with itchy skin in pregnancy)
खुजली से बचाव के लिए क्रीम का काफी अच्छा हो सकता है और राहत दे सकता है, लेकिन वे पित्त एसिड या यकृत समारोह में सुधार करने में मदद नहीं कर सकते हैं। क्लोरोफेनरामाइन (पीरिटोन) आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। हालाँकि फिर से इस बात पर कम सबूत हैं कि खुजली को कम करने में यह कितना प्रभावी है, कुछ महिलाओं ने बताया है कि इससे मदद मिली है। यह उनींदापन का कारण बनकर आपको सोने में मदद कर सकता है।
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