भारतीय महिलाओं में बहुत आम है पेट के निचले हिस्से में दर्द वाली ये बीमारी, लापरवाही बरतने से बढ़ता है खतरा

भारतीय महिलाओं के पेट के निचले हिस्से (पेल्विक) में दर्द का सबसे आम कारण है ये बीमारी, हर 3 में 1 महिला है इस बीमारी का शिकार। जानें लक्षण, कारण, इलाज

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: May 28, 2020 17:20 IST
भारतीय महिलाओं में बहुत आम है पेट के निचले हिस्से में दर्द वाली ये बीमारी, लापरवाही बरतने से बढ़ता है खतरा

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पेट के निचले हिस्से (पेड़ू) में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। मगर महिलाओं में आमतौर पर इस दर्द का एक बड़ा कारण पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Congestion Syndrome) या (PCS) हो सकता है। भारतीय महिलाओं (Women Health) में ये बीमारी इतनी कॉमन है कि रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में हर 3 में से 1 महिला इस बीमारी का शिकार है। पेल्विक (Pelvic)का अर्थ पेड़ू होता है। इस हिस्से में ही महिलाओं का गर्भाशय होता है। कई बार महिलाओं को इस समस्या के कारण कई महीने तक दर्द होता रहता है। ज्यादातर महिलाएं इसे पीरियड की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं। लेकिन लंबे समय तक नजरअंदाज करने, जांच और इलाज न कराने से भी पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम की समस्या गंभीर रूप ले लेती है।

pelvic pain women

पेल्किव कंजेशन सिंड्रोम के कारण

पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम का कारण रिफलक्स है। इसका अर्थ है कि नशों में बहने वाला खून आगे की जगह पीछे की तरफ बहने लगता है। ऐसा खासकर ओवरीज, वॉल्वा, वजाइन और जांघों के आसपास होता है। इस रिफ्लक्स के कारण नसें चौड़ी हो जाती हैं और उनमें फैलाव आ जाता है। इससे और अधिक खून उल्टा बहना शुरू  हो जाता है। इसी कारण से पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है। इसे ही पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Congestion Syndrome) या पेल्विक वेनस कंजेशन सिंड्रोम (Pelvic Venous Congestion Syndrome/ PVCS) कहते हैं।

महिलाओं को ये समस्या प्रेग्नेंसी के समय में ज्यादा होती है। हालांकि बच्चे के जन्म के बाद ये अपने आप ठीक भी हो जाती है।

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पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम के लक्षण

  • पेल्विक यानी पेट के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत
  • पेल्विस (पेड़ू) में खिंचाव की समस्या
  • खड़े रहने में पेट और जांघ के आसपास दर्द महसूस होना
  • सेक्शुअल इंटरकोर्स के समय तेज दर्द का अनुभव होना
  • पेल्विक एरिया से जांघों और पैरों तक दर्द का चढ़ना-उतरना जैसे महसूस होना

महिलाओं को अगर ऊपर बताए गए लक्षण लगातार कई महीने (6 माह से ज्यादा समय) से थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल पर महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह लेकर जांच कराना बेहद जरूरी है।

अगर लक्षण महसूस हों तो क्या करना चाहिए?

पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम के ऊपर बताए गए लक्षण अगर महसूस हों, तो आपको बिना देरी किए अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि इस हिस्से में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जिनके बारे में डॉक्टर की जांच के बाद पता लगा सकते हैं। आमतौर पर डॉक्टर्स लक्षणों के आधार पर आपको कलर अल्ट्रासाउंड (Color Doppler ultrasound), सीटी स्कैन (CT angiogram), एमआरआई स्कैन आदि करवा सकते हैं। इससे डॉक्टर्स को ये पहचानने में मदद मिलती है कि नस में कहां पर फैलाव है और समस्या क्या है।

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pain in pelvis women

क्या है पेल्विक कंजेशन सिंड्रोम का इलाज?

कुछ मामलों में (जैसे प्रेग्नेंसी, मेनोपॉज) ये समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। दवाओं के द्वारा दर्द को कम किया जा सकता है और ब्लड फ्लो को सामान्य किया जा सकता है। जबकि कुछ मामलों में इसकी सर्जरी की जरूरत पड़ती है। हालांकि ऐसी समस्या में अपने से कोई दवा नहीं खानी चाहिए क्योंकि उसके नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप ऐसा महसूस होने पर बिना देरी किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें और उनकी सलाह के अनुसार ही दवा और इलाज शुरू करें।

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