महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी एक सुंदर अनुभव होता है, लेकिन इसके साथ ही यह समय शारीरिक और मानसिक चुनौतियों से भी भरा होता है। हार्मोनल बदलाव, शरीर में खिंचाव और त्वचा की नमी में कमी, ये सब प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए खुजली की आम वजहें बन जाती हैं। खासतौर पर पेट, कमर, जांघों और स्तनों के आसपास की त्वचा में खुजली की समस्या ज्यादा देखी जाती है। यह खुजली हल्की जलन से लेकर असहनीय तक हो सकती है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो सकती है। ऐसे में कई महिलाओं के मन में यह सवाल उठता है कि क्या कोई ऐसा तेल है, जो इस खुजली को दूर कर सके और त्वचा को सुरक्षित व पोषित रखे? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
गर्भावस्था के दौरान खुजली के लिए कौन सा तेल सबसे अच्छा है? - Which Oil Is Best To Control Itching During Pregnancy
प्रेग्नेंसी में खुजली कई कारणों से हो सकती है, जैसे त्वचा में लालिमा, सूखापन या त्वचा की रंगत में बदलाव। आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि खुजली के प्रकार के आधार पर तेल का चयन किया जाता है। आइए जानें, अलग-अलग प्रकार की खुजली के लिए किस तेल का उपयोग करना चाहिए।
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1. अगर खुजली के साथ लालिमा और सूखापन है
अगर प्रेग्नेंट महिला को लालिमा और सूखापन की वजह से खुजली हो रही है, तो इस स्थिति में नारियल का तेल सबसे उपयुक्त होता है। नारियल का तेल ठंडा और नमी प्रदान करने वाला होता है, जो सूखी त्वचा को न केवल मॉइश्चराइज करता है, बल्कि खुजली को भी शांत करता है। नारियल तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा को इंफेक्शन से भी बचाते हैं। इसके अलावा, नारियल तेल त्वचा को सॉफ्ट बनाने में भी मदद करता है। दिन में दो बार नारियल तेल को हल्के हाथों से खुजली वाली जगह पर लगाएं। इससे त्वचा को ठंडक मिलेगी और खुजली में आराम मिलेगा।
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2. अगर ज्यादा ड्राईनेस हो और त्वचा पर रूखापन महसूस हो
जब गर्भवती महिला को ज्यादा ड्राईनेस और रूखापन का अनुभव हो, तो घी का उपयोग किया जाता है। घी में कई पोषक तत्व होते हैं, जो त्वचा को गहरी नमी प्रदान करते हैं। घी शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ त्वचा को पोषण भी देता है। यदि त्वचा बहुत ज्यादा ड्राई हो, तो घी लगाने से राहत मिल सकती है। यह खुजली के साथ-साथ त्वचा की जलन और रूखापन भी कम करता है। रोजाना सोने से पहले हल्के गर्म घी को त्वचा पर लगाकर मालिश करें। यह न केवल खुजली को शांत करेगा, बल्कि त्वचा को पोषण भी देगा।
3. अगर खुजली के साथ त्वचा पर कालापन हो
कभी-कभी खुजली के साथ त्वचा पर कालापन भी दिखाई देता है, जो प्रेग्नेंसी में आम होता है। इस स्थिति में सरसों का तेल बहुत लाभकारी हो सकता है। सरसों का तेल शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है और त्वचा को प्राकृतिक चमक प्रदान करता है। इसके अलावा, सरसों के तेल में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा पर कालापन और खुजली को कम करने में मदद करते हैं। यह तेल त्वचा के भीतर गहरी नमी प्रदान करता है और इसे हेल्दी बनाता है। सरसों का तेल हल्का गर्म करके प्रभावित हिस्सों पर लगाएं। इसे त्वचा पर कुछ मिनटों तक मालिश करें और फिर कुछ समय के लिए छोड़ दें।
निष्कर्ष
गर्भावस्था के दौरान खुजली की समस्या कई महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकती है, लेकिन सही तेल का उपयोग करके इसे आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। आयुर्वेद में तेलों के चयन पर विशेष ध्यान दिया गया है और यह त्वचा के प्रकार और समस्या के आधार पर भिन्न हो सकता है। नारियल तेल, घी और सरसों का तेल तीनों ही अपने-अपने गुणों के कारण गर्भवती महिलाओं के लिए उत्तम विकल्प हैं। यदि खुजली की समस्या अधिक गंभीर हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।
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