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क्या भारतीय स्किन को वाकई सनस्क्रीन की जरूरत होती है? जानें डॉक्टर की सलाह

इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है और इसका असर लोगों के स्वास्थ्य के साथ-साथ स्किन पर भी पड़ रहा है। यहां जानिए, क्या भारतीय स्किन को वाकई सनस्क्रीन की जरूरत होती है? 
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क्या भारतीय स्किन को वाकई सनस्क्रीन की जरूरत होती है? जानें डॉक्टर की सलाह


आजकल उत्तर भारत में भीषण गर्मी का दौर जारी है, ऐसे में सूरज की तेज किरणें न सिर्फ शरीर को थका देती हैं, बल्कि स्किन पर भी गहरा असर डालती हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति धूप में निकलता है, उसकी स्किन पर टैनिंग, जलन और कालापन नजर आने लगता है। इससे बचने के लिए लोग तरह-तरह के स्किन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने लगते हैं, जिनमें सबसे आम है सनस्क्रीन। लेकिन अक्सर एक सवाल लोगों के मन में आता है कि क्या भारतीय त्वचा को वाकई सनस्क्रीन की जरूरत है? क्या हमारी स्किन में पहले से ही इतना मेलेनिन नहीं होता कि वह सूरज की किरणों से खुद को बचा सके? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने जयपुर स्थित Dr. Mahima’s Dental & Cosmetic Hub की मेडिकल कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉ. महिमा शर्मा से बात की-

क्या भारतीय स्किन को सनस्क्रीन की जरूरत है? - Is Sunscreen Really Needed For Indian Skin

भारतीय लोगों की स्किन में नेचुरल रूप से मेलेनिन की मात्रा ज्यादा होती है और यह मेलेनिन सूरज की UV किरणों से कुछ हद तक सुरक्षा देता है। लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि यह सुरक्षा सीमित होती है। मेलेनिन भले ही UVB किरणों से थोड़ा बचाव करता हो, लेकिन UVA किरणें स्किन की गहराई में जाकर उसे नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे समय से पहले झुर्रियां, पिग्मेंटेशन, डार्क स्पॉट्स और यहां तक कि स्किन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए सिर्फ मेलेनिन पर निर्भर रहना सुरक्षित नहीं है।

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एसे में सनस्क्रीन स्किन की एक सुरक्षा परत की तरह काम करता है जो UVA और UVB दोनों किरणों से स्किन को बचाता है। यह स्किन को झुलसने, काले धब्बे बनने, रैशेज और उम्र से पहले बुढ़ापे के लक्षणों से भी सुरक्षा देता है। भारतीय स्किन पर भी ये सभी समस्याएं देखने को मिलती हैं, खासकर जब स्किन केयर पर ध्यान न दिया जाए। इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल हर मौसम में जरूरी है, चाहे गर्मी हो, सर्दी या मानसून। रोजाना कम से कम SPF 30 वाला ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन लगाना चाहिए।

कौन सा सनस्क्रीन भारतीय त्वचा के लिए बेहतर?

भारतीय मौसम और स्किन टाइप को ध्यान में रखते हुए हल्के फॉर्मूले वाले सनस्क्रीन ज्यादा बेहतर माने जाते हैं, खासकर ऑयली या एक्ने-प्रोन स्किन के लिए। ड्राई स्किन वालों को क्रीम-बेस्ड सनस्क्रीन इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही, ब्रॉड स्पेक्ट्रम वाला सनस्क्रीन चुनें जो UVA और UVB दोनों से बचाव करता हो और SPF 30 या उससे ऊपर हो। अगर आप ज्यादा बाहर रहते हैं या धूप में काम करते हैं तो SPF 50 वाला सनस्क्रीन लगाना चाहिए।

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Is sunscreen really needed

सनस्क्रीन कब और कैसे लगाएं? - What is the correct way to apply sunscreen

सनस्क्रीन को चेहरे, गर्दन, कान, हाथ और बाकी खुले हिस्सों पर लगाने की जरूरत होती है। इसे सूरज में निकलने से 15-20 मिनट पहले लगाना चाहिए ताकि यह स्किन में अच्छी तरह से समा जाए। अगर आप लंबे समय तक धूप में रहते हैं या पसीना आता है, तो हर 2-3 घंटे में दोबारा लगाना जरूरी है। मेकअप के नीचे भी सनस्क्रीन लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष

सनस्क्रीन सिर्फ सुंदरता की बात नहीं, बल्कि स्किन हेल्थ के लिए जरूरी है। भारतीय स्किन को भी सूरज की हानिकारक किरणों से नुकसान पहुंचता है। सही सनस्क्रीन का चयन और नियमित उपयोग आपको पिग्मेंटेशन, समय से पहले झुर्रियां, सनबर्न और स्किन एलर्जी जैसी समस्याओं से बचा सकता है। इसलिए अगली बार जब आप बाहर निकलें, तो सनस्क्रीन लगाना न भूलें, यह आपकी त्वचा के लिए एक जरूरी सुरक्षा कवच है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • क्या हम सीधे चेहरे पर सिर्फ सनस्क्रीन लगा सकते हैं?

    जी हां, आप सीधे चेहरे पर सिर्फ सनस्क्रीन लगा सकते हैं, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी स्किन टाइप क्या है। यदि आपकी स्किन सामान्य या ऑयली है, तो आप मॉइश्चराइजर के बिना भी सनस्क्रीन लगा सकते हैं, खासकर अगर वह सनस्क्रीन मॉइश्चराइजिंग प्रॉपर्टी के साथ आती हो। हालांकि, अगर आपकी स्किन बहुत रूखी है, तो पहले हल्का मॉइश्चराइजर लगाना फायदेमंद होता है ताकि त्वचा में नमी बनी रहे। सनस्क्रीन को साफ चेहरे पर लगाना चाहिए और बाहर निकलने से कम से कम 15-20 मिनट पहले लगाना जरूरी होता है ताकि यह अच्छी तरह से स्किन में समा जाए।
  • सनस्क्रीन को दिन में कितनी बार लगाना चाहिए?

    सनस्क्रीन को दिन में कम से कम दो बार लगाना चाहिए, खासकर अगर आप धूप में ज्यादा समय बिता रहे हैं। सुबह घर से निकलने से लगभग 15-20 मिनट पहले सनस्क्रीन लगाना जरूरी है ताकि यह स्किन में अच्छे से अवशोषित हो सके। अगर आप लंबे समय तक बाहर हैं, तैराकी कर रहे हैं या पसीना ज्यादा आ रहा है, तो हर 2-3 घंटे में दोबारा सनस्क्रीन लगाना चाहिए।
  • क्या ठंड में सनस्क्रीन लगाना चाहिए?

    जी हां, ठंड में भी सनस्क्रीन लगाना जरूरी होता है। सर्दियों में सूरज की किरणें हल्की जरूर महसूस होती हैं, लेकिन अल्ट्रावायलेट किरणें तब भी स्किन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन किरणों से स्किन टैनिंग, एजिंग और डार्क स्पॉट्स का खतरा बना रहता है। ठंड में लोग धूप में ज्यादा समय बिताते हैं, जिससे स्किन पर यूवी एक्सपोजर बढ़ सकता है।

 

 

 

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