डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें डाइट को लेकर हम हमेशा परेशान रहते हैं। हमें समझ नहीं आता कि शुगर को मैनेज कैसे करें। थोड़ी सी भी लापरवाही होती है और शुगर बढ़ जाता है। सिर्फ डाइट की बात करें तो कुछ बदलाव आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। जैसे कि शुगर में सरसों तेल का सेवन। लेकिन, सवाल यह है कि शुगर में सरसों का तेल कितना फायदेमंद है (Sarso ka tel sugar me kha sakte hai)? क्या इसमें बना खाना शुगर लेवल नहीं बढ़ाता है। क्या सरसों का तेल इंसुलिन का काम काज भी प्रभावित कर सकता है? इन तमाम चीजों के बारे मे विस्ताप से जानने के लिए हमने Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से बात की।
क्या शुगर में सरसों का तेल खा सकते हैं-Can diabetic patients eat mustard oil?
डायबिटीज को मैनेज करने के लिए खाना पकाने के तेल का चयन करते समय, ऐसे तेलों पर ध्यान देना जरूरी है जिनमें संतृप्त वसा यानी सैचुरेटेड फैट कम हो और हेल्दी फैट, जैसे मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट, भरपूर मात्रा में हों। ऐसे में सरसों का तेल (sugar me sarson ka tel) एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। आप इसे खाना बनाने से लेकर चोखा या फिर स्नैक्स आदि में ऊपसे से मिलाकर खा सकते हैं। इसके हेल्दी फैटी एसिड आपकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं।
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डायबिटीज में सरसों के तेल के फायदे-Mustard oil benefits in diabetes
सरसों के तेल में संतृप्त वसा कम होती है और यह ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड सहित मोनोअनसैचुरेटेड (MUFA) और पॉलीअनसैचुरेटेड (PUFA) दोनों वसा का एक अच्छा स्रोत है। इसके अलावा यह ब्लड शुगर और इंसुलिन गतिविधि में सुधार कर सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि सरसों के तेल का हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव हो सकता है, जिसका अर्थ है कि यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। दरअसल, डायबिटीज से ग्रस्त चूहों पर किए गए शोध से पता चला है कि सरसों के तेल ने इंसुलिन गतिविधि और मांसपेशियों के ऊतकों में ग्लूकोज ट्रांसपोर्टर प्रोटीन (ग्लूट 4) की अभिव्यक्ति को बढ़ाया। इसके अलावा भी डायबिटीज में सरसों के तेल के कई फायदे कई हैं। जैसे कि
सरसों के तेल में ट्रांस फैट नहीं होता
सरसों का तेल में ट्रांस फैट नहीं होता जिस वजह से यह सेहत के लिए हर प्रकार से फायदेमंद है। बाकी तेल में ट्रांस फैट होता है जो कि सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकता है। सरसों के तेल में ट्रांस फैट की अनुपस्थिति इंसुलिन के स्तर को बनाए रखने में मदद करती है। दरअसल, ट्रांस फैट धमनियों में जमा होने लगता है जिससे ब्लॉकेज और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। ऐसे में बाकी तेल जिनसे ट्रांस फैट बढ़ता है उसकी तुलना में सरसों तेल का सेवन फायदेमंद है।
ओमेगा-6 और ओमेगा-3 से भरपूर
सरसों के तेल में ओमेगा-6 से ओमेगा-3 का अच्छा अनुपात होने के कारण, इसमें फैटी एसिड एक अच्छा प्रोफाइल होता है, जो कोरोनरी हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। इसके अलावा यह हाई कोलेस्ट्रॉल (mustard oil good for cholesterol) जैसी बीमारियों के खतरे को भी कम करने में मदद करता है। इससे दिल की बीमारियों से बचाव होता है। American Heart Association (AHA) की भी मानें तो सरसों के तेल में असंतृप्त वसा प्रचुर मात्रा में होते हैं और संतृप्त वसा अपेक्षाकृत कम होती है। इसका मोनोअनसैचुरेटेड फैट कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार है।
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सरसों का तेल इस्तेमाल करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान
सरसों का तेल भले ही हेल्दी हो लेकिन इन तेलों में भी कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए इनका इस्तेमाल कम से कम करें। तेल का दोबारा इस्तेमाल करने से बचें। तलने के लिए तेल का बार-बार इस्तेमाल न करें। इसके अलावा तेल बदलते रहें। विभिन्न पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए सरसों, कैनोला, जैतून और चावल की भूसी के तेल को बदल-बदलकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा लेबल की जांच करें, जहां तक हो सके, कोल्ड-प्रेस्ड या लो प्रोसेस्ड ऑयल का चुनाव करें। किसी एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपको नहीं पता है कि आपके लिए कौन सा तेल सबसे अच्छा है, तो व्यक्तिगत सलाह के लिए डॉक्टर या पंजीकृत आहार विशेषज्ञ से बात करना हमेशा अच्छा होता है। इसके अलावा आप एक्सपर्ट से बात करके अपनी डाइट में बदलाव करते हुए सरसों के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
FAQ
डायबिटीज वाले को कौन सा तेल खाना चाहिए?
डायबिटीज वाले लोगों के लिए अलसी के तेल का सेवन सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड ज्यादा होता है जो कि डायबिटीजे में नसों और मांसपेशियों को हेल्दी रखने और शरीर के सूजन को कम करने में मदद कर सकता है।डायबिटीज पेशेंट को कौन से फल नहीं खाने चाहिए?
डायबिटीज पेशेंट को उन फलों के सेवन से बचना चाहिए जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा हो या फिर जिनमें शुगर ज्यादा है। इसलिए डायबिटीज के मरीजों को आम, अंगूर, चीकू और लीची के सेवन से बचना चाहिए।शुगर में चावल खाना चाहिए या नहीं?
शुगर के मरीजों को चावल खाने से बचना चाहिए खासकर कि सफेद चावल। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स हाई होता है जिससे शरीर का शुगर स्पाइक बढ़ता है। हालांकि, आप ब्राऊन राईस खा सकते हैं जिसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता और इससे आपको शुगर स्पाइक नहीं होता।