
Untreated Diabetes Symptoms In Hindi: डायबिटीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। यह समस्या होने पर ब्लड शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है या बहुत घट जाता है। ध्यान रखें कि दोनों ही स्थितियां सही नहीं है। डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं, डायबिटीज 1 और डायबिटीज 2। डायबिटीज 1 ऑटो इम्यून डिजीज है। इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पेंक्रियाज में इंसुलिन को प्रोड्यूस करने वाले सेल्स को ही अटैक करने लगता है। वहीं, टाइप 2 डायबिटीज की बात करें, तो इस स्थिति में शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन प्रोड्यूस नहीं कर पाता है और बॉडी सेल्स इंसुलिन के प्रति सही तरह से रेस्पॉन्ड नहीं कर पाता है। कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि डायबिटीज के कारण हमारे शरीर पर बहुत बुरा असर पड़ता है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति समय पर इसके इलाज की शुरुआत न करे, तो स्थिति और भी खराब हो सकती है। जानें, समय पर डायबिटीज का इलाज (Untreated Diabetes) न करने का शरीर पर क्या असर पड़ता है? इस बारे में हमने डॉ दीपिका रुस्तगी सीनियर कंसल्टैंट से बात की।
डायबिटीज का इलाज समय पर न किया जाए तो शरीर पर क्या असर पड़ेगा?- What Happens If Diabetes Go Untreated In Hindi
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हार्ट अटैक और स्ट्रोक
अगर समय पर डायबिटीज का इलाज न किया जाए, हार्ट की प्रॉब्लम हो सकती है। खासकर, हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है। इसके अलावा, हार्ट प्रॉब्लम जैसे कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट स्ट्रोक आदि। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? दरसअल, डायबिटीज के कारण ब्लड फ्लो बाधित होता है और ब्लड वेसल्स क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। ऐसी स्थिति में हार्ट सही तरह से ब्लड पंप नहीं कर पाता है। इससे हार्ट से जुड़ी कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं।
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कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
डायबिटीज के कारण कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी हो सकती है। इस कंडीशन को डायबिटिक डिस्लिपिडेमिया कहा जाता है। इसमें कम “अच्छा“ कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल), उच्च “खराब“ कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) और ऊंचा ट्राइग्लिसराइड्स होता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज खासकर, टाइप 2 शरीर के सामान्य लिपिड (वसा) मेटाबॉलिज्म को बाधित कर सकता है, जिससे डायबिटिक डिस्लिपिडेमिया नामक स्थिति पैदा हो जाती है।
किडनी पर असर

डायबिटीज के कारण किडनी पर बुरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल, डायबिटीज, हाई ब्लड शुगर, की वजह से ब्लड वेसल्स डैमेज हो जाती हैं। ऐसा किडनी में मौजूद ब्लड वेसल्स के साथ भी होता है। जब रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो इस स्थिति में वे सही तरह से काम नहीं करती हैं। नतीजतन, किडनी की कार्यप्रणाली भी बाधित होती है। आपको बता दें कि डायबिटीज के कई मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या के होने का जोखिम भी बना रहता है।
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आंखों का क्षतिग्रस्त होना
डायबिटीज की वजह से लोगों की आंखें भी खराब हो सकती हैं। डायिबटीज के मरीजों में डायबिटिकरेटिनोपैथी हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें, तो डायबिटीज की वजह से रेटिना में मौजूद छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में रक्त प्रवाह सही तरह से नहीं हो पाता है। जिससे रेटिना को नुकसान होने लगता है। अगर समय पर डायबिटीज का इलाज न किया जाए, तो व्यक्ति जिंदगी भर के लिए अंधा हो सकता है। वहीं, डायबिटीज की वजह से ग्लूकोमा और कैटेरक्ट यानी मोतियाबिंद जैसी स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।
पैरों में परेशानी
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डायबिटीज के मरीजों में पैरों में अल्सर होना सबसे कॉमन समस्याओं में से एक है। आपने अक्सर देखा होगा कि डायबिटीज के मरीजों के घाव देरी से ठीक होते हैं और पैरों में अक्सर अल्सर हो जाता है। इसे रिकवरी के लिए स्पेशल ट्रीटमेंट की जरूरत होती है। ऐसा होने के कारण की बात करें, तो विशेषज्ञ समझाते हैं कि डायबिटीज के मरीजों का हार्ट बहुत कमजोर होता है। उसे सही तरह से पंप करने में अतिरिक्त मेहनत लगती है। इस स्थिति में कई बार पैरों तक सही तरह से रक्त प्रवाह नहीं होता है। ऐसे में पैरों में चोट या घाव होने पर उसे न सिर्फ ठीक होने में समय लगता है, बल्कि दर्द भी असहनीय हो सकता है।
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