
How Dangerous Is Early Stage Diabetic Foot Ulcer In Hindi: डायबिटीज के मरीजों में फुट अल्सर या टो अल्सर होना कोई नई बात नहीं है। हालांकि, अगर इस समस्या की अनदेखी की जाए, तो यह घातक हो सकती है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि अक्सर डायबिटीज के रोगियों का घाव आसानी से भरता नहीं है। वहीं, इन्हें टोज या फुट में आसानी से अल्सर हो जाते हैं। ऐसा एक मुख्य कारण है कि पैरों में अक्सर जूते की वजह से रगड़ लगती है। कई ऐसे मामले देखे गए हैं कि डायबिटीज के रोगियों में जूतों की वजह से छाले हो जाते हैं। इस घाव को ठीक होने में महीनों लग जाते हैं। कई बार यह इतने बढ़ जाते हैं कि डॉक्टर ट्रीटमेंट या सर्जरी तक की जरूरत पड़ जाती है। इसी से बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आखिर डायबिटिक फुट अल्सर कितनी गंभीर समस्या है। लेकिन, यह सवाल उठना जरूरी है कि आखिर फुट अल्सर का शुरुआती स्टेज कितना घातक हो सकता है? क्या इस संबंध में शुरू से ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए? आइए, जानते हैं Sharda Hospital में General Medicine के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी से।
डायबिटिक फुट अल्सर की शुरुआती स्टेज कितनी घातक होती है?- Is A Diabetic Foot Ulcer Dangerous In Hindi

इससे पहले कि हम यह जानें कि डायबिटीज फुट अल्सर क शुरुआती स्टेज कितनी घातक होती है? यह जान लें कि आखिर इसके कितने स्टेज होते हैं। विशेषज्ञों की मानें, तो इसके 4 स्टेज होते हैं। हर स्टेज घाव के आकार और उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। इसलिए, अगर कभी भी फुट या टो अल्सर हो, तो इसे नजरअंदाज करना समझदारी नहीं है। खासकर, तब जब कोई डायबिटीज का मरीज हो। जहां तक सवाल इस बात का है कि आखिर इसकी शुरुआती स्टेज कितनी घातक होती है, तो इसे हम कह सकते हैं कि हर स्टेज में घातक हो सकती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज के करीब 15 फीसदी मरीजों को फुट अल्सर का सामना करना पड़ता है। अगर शुरुआती स्टेज में ही इसकी अनदेखी की जाए, तो यह संक्रमण में बदल सकता है। ध्यान रखें कि कई बार इंफेक्शन इतना फैल जाता है कि उसकी रिकवरी मुश्किल हो जाती है। इस तरह की कंडीशन में कई बार फुट या टो को सर्जरी की मदद से रिमूव करने की नौकबत आ जाती है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि फुट अल्सर को पहले स्टेज में ही प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाया जाए।
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डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षण
यूं तो डायबिटीज के मरीजों में फुट अल्सर के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। लेकिन, जो कॉमन लक्षण हर मरीज में दिखते हैं, वे हैं-
- पैरों के नाखून, स्किन में बदलाव नजर आना है, जैसे छाले या घाव होना
- पैरों से बार-बार खून निकलना
- फुट अल्सर में पस बनना या खास किस्म के फ्लूइड का स्राव होना
- बहुत गंदी महक आना
- घाव में बहुत दर्द होना
- स्किन का रंग बदल जाना
- घाव में सूजन होना
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डायबिटिक फुट अल्सर की केयर कैसे करें

अगर आप डायबिटिक हैं तो फुट अल्सर की किसी भी स्थिति में अनदेखी न करें। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना इलाज करवाएं। इसके अलावा, कुछ उपायों की मदद लें, जिससे रिकवरी की गति बढ़ सकती है, जैसे-
- फुट अल्सर को हमेशा साफ रखें
- अगर अल्सर में पस बन रहा है, तो डॉक्टर की मदद से उसकी क्लीनिंग करवाएं
- संक्रमित हिस्से के टिश्यूज को डॉक्टर की मदद से काटकर बाहर निकलवा दें
- फुट अल्सर के खास किस्म की बैंडेज आते हैं, उसका इस्तेमाल करें।
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