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Diabetic Foot Ulcer: डायबिटिक फुट अल्सर की शुरुआती स्टेज के क्या कारण होते हैं? जानें एक्सपर्ट से

डायबिटीज में पैरों के घाव भरने में ज्यादा समय लगा सकता है। आगे जानते हैं डायबिटीक फुट अल्सर की शुरुआती स्टेज के क्या कारण होते हैं?
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Diabetic Foot Ulcer: डायबिटिक फुट अल्सर की शुरुआती स्टेज के क्या कारण होते हैं? जानें एक्सपर्ट से


Causes Of Early Stage Diabetic Foot Ulcer In Hindi: डायबिटीज की समस्या में लोगों को कई अन्य बीमारियां होने का खतरा रहता है। इसमें पैरों में अल्सर हो सकता है। समय पर ध्यान न देने के कारण यह समस्या मरीज के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। ऐसे इसलिए क्योंकि डायबिटिज के रोगियों के शरीर में बनने वाले घाव व चोट को ठीक होने में अधिक समय लग जाता है। दरअसल, गलत तरीके चलने या गलत जूते और चप्पल पहनने से भी लोगों को पांव में घाव हो सकता है। इन घावों को भरने में सामान्य से अधिक समय लगता है। जिन लोगों की डायबिटीज कंट्रोल में रहती है उनके घाव तेजी से भर जाते हैं, जबकि डायबिटीज में अधिक बढ़ोतरी होने से घाव को ठीक करने के लिए ट्रीटमेंट या सर्जरी की आवश्यको हो सकती है। ऐसे में कुछ लोगों जानना चाहते हैं कि डायबिटीक फुट अल्सर के शुरुआती स्टेज के क्या कारण हो सकते हैं। इस लेख में मेडिकवर अस्पताल के डायबटोलॉजिस्ट सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सचिन नलवाड़े से जानते हैं कि डायबिटीज फुट अल्सर के शुरुआती स्टेज के क्या कारण हो सकते हैं। 

फुट अल्सर क्या हैं?

पैर के अल्सर वे घाव होते हैं जो त्वचा में गहरे घाव के रूप में विकसित होते हैं। साथ ही, इन घावों का इलाज मुश्किल हो सकता है। ये घाव आमतौर पर पैरों के निचले हिस्से, एड़ी, और पैर की उंगलियों में होते हैं। अगर इनका समय पर इलाज न किया जाए, तो ये गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं और यहां तक कि पैर को काटने (एम्प्यूटेशन) की आवश्यकता भी पड़ सकती है।

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डायबिटीक फुट अल्सर के शुरुआती स्टेज के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes Of Early Stage Diabetic Foot Ulcer in Hindi

न्यूरोपैथी 

डायबिटीज के कारण खून में हाई ब्लड शुगर से नसों को नुकसान पहुंचता है, जिसे न्यूरोपैथी कहते हैं। जब नसें प्रभावित होती हैं, तो पैरों में संवेदना कम हो जाती है। इस स्थिति में, व्यक्ति को चोट या संक्रमण का पता नहीं चलता, जिससे पैर में अल्सर विकसित हो सकते हैं।

ब्लड सर्कुलेशन खराब होना

डायबिटीज के कारण नसों में सिकुड़न हो सकती है, जिससे पैरों में रक्त का संचार कम हो जाता है। जब पैरों में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंचता, तो वहां के घावों का उपचार धीमा हो जाता है और अल्सर बनने की संभावना बढ़ जाती है।

हाई ब्लड शुगर

हाई ब्लड शुगर लेवल शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर करता है, जिससे घावों का उपचार धीमा हो जाता है। इसके अलावा, हाई ब्लड शुगर बैक्टीरिया और संक्रमण के विकास की संभावानाओं को बढ़ा सकती हैं।

पैर की त्वचा सूखना 

डायबिटीज के कारण त्वचा की नमी और लचीलेपन में कमी आ सकती है, जिससे त्वचा सूखी और पतली हो जाती है। सूखी और पतली त्वचा में आसानी से दरारें और घाव हो सकते हैं, जो बाद में अल्सर में बदल सकते हैं।

अत्यधिक वजन और मोटापा

मोटापा और अत्यधिक वजन भी पैर के अल्सर की वजह बन सकते हैं। अधिक वजन के कारण पैरों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे घाव होने की संभावना बढ़ जाती है।

डायबिटीक फुट अल्सर से बचाव कैसे करें? 

  • पैरों की नियमित जांच करनी चाहिए।
  • संक्रमण को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
  • आरामदायक और सही फिटिंग वाले जूते पहनें।
  • पैरों की त्वचा को नमी प्रदान करने के लिए मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। 
  • धूम्रपान छोड़ने से पैरों के अल्सर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

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Diabetic Foot Ulcer: डायबिटीक फुट अल्सर एक बड़ी समस्या बन सकती है। ऐसे में इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। कई बार पैरों के घाव इतना अधिक बढ़ जाते हैं कि उसके इलाज के लिए सर्जरी करने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए डॉक्टर ब्लड शुगर को कंट्रोल करने पर जोर देते हैं। 

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