क्या है डायबिटीक फुट अल्सर? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के टिप्स

Diabetic Foot Ulcer : डायबिटीज राेगियाें में डायबिटीक फुट अल्सर हाेना एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के टिप्स
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 क्या है डायबिटीक फुट अल्सर? जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के टिप्स

क्या आपने कभी डायबिटीक फुट अल्सर के बारे में सुना है? यह एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। डायबिटीज फुट अल्सर आमतौर पर ब्लड शुगर लेवल काे कंट्राेल में न रख पाने की वजह से हाेता है। इसलिए यह बीमारी डायबिटीज पेशेंट्स में देखने काे मिलती है। लंबे समय तक ब्लड शुगर लेवल के अनियंत्रित हाेने पर यह समस्या जन्म लेती है। पैर में अल्सर हाेने पर स्किन की टिश्यू टूट जाती हैं और इसके नीचे की परतें दिखाई देने लगती हैं। फुट अल्सर का खतरा डायबिटीज राेगियाें काे रहता ही है। यह ज्यादातर अंगूठे और पंजाें के नीचे हाेता है। वॉकहार्ट अस्पताल, मुंबई सेंट्रल के डायबेटोलॉजिस्ट और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉक्टर अल्तमश शेख (Dr Altamash Shaikh, Diabetologist and Endocrinologist, Wockhardt Hospital, Mumbai Central) से जानते हैं डायबिटीक फुट अल्सर के लक्षण, कारण और बचाव टिप्स-

Diabetic Foot Ulcer

क्या है डायबिटीक फुट अल्सर? (What is Diabetic Foot Ulcer)

डॉक्टर अल्तमश शेख बताते हैं कि डायबिटीज एक गंभीर समस्या है। डायबिटीज कई अन्य बीमारियाें का कारण भी बन सकता है। इन्हीं में से एक है डायबिटीक फुट अल्सर। डायबिटीक फुट अल्सर डायबिटीज मरीजाें के पैराें में हाेने वाली एक समस्या है। लंबे समय तक डायबिटीज की समस्या रहने पर डायबिटीक फुट अल्सर हाे जाता है। इस दौरान मरीजाें काे कई समस्याओं काे सामना करना पड़ता है।  

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डायबिटीक फुट अल्सर के लक्षण (Diabetic Foot Ulcer Symptoms)

डायबिटीज फुट अल्सर के हर मामले में दर्द नहीं महसूस नहीं हाेता है। यह एक गंभीर समस्या है, इसलिए इसका समय पर इलाज करना बहुत जरूरी है। इसके इलाज में देरी हाेने पर समस्या काफी बढ़ जाती है, जिससे व्यक्ति के पैर खराब हाे जाता है।

  • तलवाें के रंग में बदलाव हाेना
  • ब्लड शुगर लेवल का अनियंत्रित रहना
  • पैराें का सुन्न हाे जाना
  • पैराें में ब्लड सर्कुलेशन का सही न हाेना
  • पैराें में गांठ बनना
  • छाले के आस-पास सूजन और लालिमा हाेना

डायबिटीक फुट अल्सर के कारण (Diabetic Foot Ulcer Causes)

  • ब्लड शुगर लेवल के कंट्राेल में न रहने के वजह से
  • गलत तरह से जूते पहनने से
  • सिगरेट, शराब का सेवन करने से
  • जिन डायबिटीज मरीजाें काे रेटिनाेपेथी, हृदय राेग हाेता है, उन्हें इसका जाेखिम अधिक हाेता है।
  • माेटापा या बढ़ा हुआ वजन भी डायबिटीज फुट अल्सर का एक कारण हाे सकता है।

डॉक्टर काे कब दिखाएं?

  • पैराें के स्किन कलर में बदलाव नजर आने पर
  • पैराें से बदबू आने पर
  • बुखार और जी मिचलाना जैसा महसूस हाेने पर
  • ब्लड शुगर लेवल कंट्राेल में न रहने पर

डायबिटीक फुट अल्सर के बचाव टिप्स (Diabetic Foot Ulcer Prevention Tips)

अगर आप डायबिटीज पेशेंट हैं, ताे आपकाे डायबिटीक फुट अल्सर हाेने की संभावना ज्यादा रहती है। ऐसे से इससे बचने के लिए आपकाे कुछ बचाव टिप्स काे जरूर फॉलाे करना चाहिए।

diabitic foot ulcer prevention tips

  • राेजाना अपने पैराें के कलर की जांच करें।
  • टाइट माेजे पहनने से बचें। इसकी जगह पर सूती के ढीले माेजे पहनें। अपने माेजाें काे राेज धाेएं।
  • हमेशा पैराें में फुटवियर पहन कर रखें। घर पर भी आपकाे चप्पल पहनकर रखना चाहिए। 
  • टाइट जूते, चप्पल पहनने से भी बचें। ढीले जूते पहनें, जिससे वे आपके पैराें काे काटे नहीं।
  • अपने पैराें काे बार-बार साबुन और पानी से धाेते रहें। साेने से पहले पैराें काे जरूर धाेएं।
  • किसी भी तेल या मॉयश्चराइजर से अपने पैराें की मालिश करें। इस स्थिति में आपकाे फ्रेगनेंस फ्री मॉयश्चराइज यूज करना चाहिए।
  • पैराें काे धाेने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल न करें। इसके विपरीत बहुत अधिक ठंडे पानी के इस्तेमाल से भी बचें। 
  • अपने ब्लड शुगर लेवल काे नियंत्रण में रखें। 
  • नाखून काटने की बजाय उनकी फाइलिंग करें।
  • अपने पैराें में हलचल करते रहें। लंबे समय तक एक ही जगह पर खड़े हाेने से बचें।
  • पैराें पर अधिक भार डालने से बचें।
  • सिगरेट, एल्काेहल से पूरी तरह से दूरी बनाकर रहें।

अगर आपकाे भी डायबिटीक फुट अल्सर की समस्या है, ताे आपकाे इन बचाव टिप्स काे जरूर फॉलाे करने चाहिए। साथ ही डायबिटीज राेगियाें काे इस बीमारी से बचने के लिए अपने ब्लड शुगर लेवल काे कंट्राेल में रखना चाहिए। 

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