Is It Safe To Put A Laptop On Your Belly When Pregnant In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपने स्वास्थ्य और खानपान का खास ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि इस दौरान छोटी-छोटी आदतें बच्चे के स्वास्थ्य और उसके विकास पर प्रभाव डाल सकती हैं। ऐसे में कई वर्किंग महिलाएं घर पर काम करने के दौरान लंबे समय के लिए लैपटॉप का इस्तेमाल करती हैं। कई बार इस दौरान महिलाएं पेट या गोद में लैपटॉप को रखकर काम कर लेती हैं, लेकिन क्या ऐसा करने से क्या होता है? ऐसे में आइए पश्चिमी दिल्ली के बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ की फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. कनिका शर्मा (By Dr Kanika Sharma, Fertility Specialist, Birla fertility & IVF, West Delhi) से जानें क्या प्रेग्नेंसी में लैपटॉप को पेट पर रखना सुरक्षित है? और ऐसा करने से क्या होता है?
क्या प्रेग्नेंसी में पेट पर लैपटॉप रखना सही है? - Is It Okay To Keep A Laptop On The Stomach During Pregnancy?
डॉ. कनिका शर्मा के अनुसार, लैपटॉप को सीधे तौर पर पेट पर रखने की सलाह नहीं दी जाती है। क्योंकि लैपटॉप से शरीर का तापमान बढ़ सकता है और पेट में भ्रूण के आसपास अधिक गर्मी बढ़ सकती है, जिसके कारण बच्चे का विकास प्रभावित होता है। वहीं, कुछ मामलों में, इसके कारण एमनियोटिक लिक्विड (Amniotic Fluid) की मात्रा कम हो जाती है, जिसको ऑलिगोहाइड्रामनिओस (Oligohydramnios) के नाम से जाना जाता है या इसके कारण अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध (Intrauterine Growth Restriction (IUGR)) यानी गर्भाशय के अंदर बच्चे की ग्रोथ में रूकावट की समस्या हो सकती है।
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डॉ. कनिका के अनुसार, लैपटॉप से लो लेवल की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन छोड़ता है, हालांकि ये एक्स-रे की तुलना में काफी कम हो हानिकारक हैं, लेकिन इनका नियमित इस्तेमाल और इसकी गर्मी के संपर्क में रहने के कारण महिलाओं को न्यूरल ट्यूब दोष (Neural Tube Defects) और बच्चे की ग्रोथ से जुड़ी अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसके बावजूद प्रग्नेंसी के दौरान बिना कारण के खतरे से बचने की सलाह दी जाती है।
ब्लड फ्लो होता है कम
लंबे समय तक पेट या गोद में लैपटॉप को रखकर बैठे रहने या काम करने के कारण पेल्विक या शरीर के निचले हिस्से के अंगों में ब्लड फ्लो ठीक से नहीं हो पाता है, जिसके कारण बच्चे के लिए खतरनाक है, साथ ही, इससे महिलाओं के पैरों में सूजन आने, वैरिकोज वेंस (Varicose veins), सुन्नता या झुनझुनी और अन्य गंभीर समस्याएं जैसे थ्रोम्बोम्बोलिक (Thromboembolic) या पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary Embolism) समस्याएं भी हो सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में लैपटॉप का इस्तेमाल करने के लिए टिप्स - Tips For Using Laptop During Pregnancy In Hindi
डॉ. कनिका के अनुसार, मां और बच्चे दोनों के विकास और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान लैपटॉप का इस्तेमाल सही तरीके से करना चाहिए। इसके लिए कुछ टिप्स को फॉलो किया जा सकता है।
लैपटॉप डेस्क या टेबल का इस्तेमाल करें
लैपटॉप को पेट या गोद में रखकर इस्तेमाल करने के बजाए, इसको टेबल या डेस्क जैसी स्थिर सतह पर रखकर इस्तेमाल करें। इसके अलावा, अगर सोफे या बिस्तर पर इसका इस्तेमाल करने के लिए लैपटॉप स्टैंड का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इससे प्रेग्नेंसी के दौरान लैपटॉप के कारण होने वाली समस्याओं से बचाव करने और शरीर को गर्मी से दूर रखने में भी सहायक है।
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सपोर्ट लेकर बैठें
लैपटॉप पर काम करने के दौरान पीठ के निचले हिस्से और पेल्विक स्ट्रेस को कम करने के लिए बैठते समय कुशन को बैक सपोर्ट के लिए इस्तेमाल करें।
बीच-बीच में ब्रेक लें
काम के बीच में छोटे-छोटे ब्रेक लें और फिर टहलें या स्ट्रेच करें। इससे यूट्रस और शरीर के निचले हिस्से में ब्लड फ्लो को बेहतर करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट या गोद में लैपटॉप को रखकर इसका इस्तेमाल करने से मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है। इसकी गर्मी के कारण बच्चे की ग्रोथ में रुकावट आ सकती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान किसी तरह की परेशानी से बचने के लिए एक स्थिर टेबल पर लैपटॉप को रखकर इस्तेमाल करें, बैठते समय पीठ के निचले हिस्से को स्ट्रेस से बचाने के लिए कुशन का सपोर्ट लेकर बैठें और काम के बीच में ब्रेक लेकर वॉक करें, जिससे शरीर के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होती है।
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FAQ
प्रेग्नेंसी में कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं तितली मुद्रा, प्राणायाम, केगल एक्सरसाइज, हल्की वॉक, त्रिकोणासन, मलासन और ताड़ासन को करना फायदेमंद है। इससे स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने और मांसपेशियों को मजबूती देने में मदद मिलती है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।प्रेग्नेंसी में क्या खाना चाहिए?
प्रेग्नेंसी के दौरान स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए साबुत अनाज, बीन्स, दालें, फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करें। इनको खाने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं, साथ ही, महिलाओं के शरीर को एनर्जी देने और शरीर की कमजोरी को दूर करने में भी मदद मिलती है।प्रेगनेंसी में कौन-कौन सी तकलीफ होती है?
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को शरीर में थकान होने, उल्टी होने, हार्मोन्स में बदलाव होने, मूड स्विंग्स होने, पैरों में सूजन आने, पीठ में दर्द होने, बार-बार यूरिन आने, मतली की समस्या होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।