
अक्सर आपने देखा होगा कि बच्चा नींद में थोड़ी देर रोता है कि मां उसे दूध पिलाने (Is it okay to feed a sleeping baby) लगती है। इसके अलावा कुछ मांओं को पता नहीं होता और वह अनजाने में बच्चे को दूध पिलाने लगती है। लेकिन, यह तरीका आपके बच्चे की सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकती है। क्या है बच्चे को शांत करने के लिए सही है, अगर आप ऐसा कर रहे हैं तो यह किस हद तक सही है? जानते हैं इस बारे में डॉ. ऋषि कथूरिया, सीनियर कंसल्टेंट, नियोनेटोलॉजी एंड पीडियाट्रिक्स, मदरलैंड हॉस्पिटल, नोएडा से।
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क्या सोते हुए बच्चे को दूध पिलाना चाहिए-Is it okay to feed a sleeping baby in hindi
डॉ. ऋषि कथूरिया, बताते हैं कि सोते हुए बच्चे को दूध पिलाने के विषय में सावधानी बरतनी चाहिए। अधिकांश मामलों में, बच्चे को दूध पिलाना तब तक उचित नहीं है जब तक कि वह पूरी तरह से जागा न हो ताकि वह बेहतर तरीके से दूध पी सके। इसलिए सोते हुए बच्चे, विशेष रूप से नवजात शिशुओं को दूध पिलाना सही नहीं है।
सोते हुए बच्चे को दूध पिलाने के नुकसान-Disadvantages of feeding a sleeping baby
सोते हुए बच्चे को दूध पिलाने में कई जोखिम होते हैं, जैसे कि दूध गले में फंस सकता है या बच्चे को खांसी आ सकती है, जिससे उन्हें असुविधा हो सकती है। इससे श्वास मार्ग अवरुद्ध होने का खतरा भी बढ़ सकता है। दूध बच्चे के फेफड़े के मार्ग में जा सकता है और उसे नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा इस तरह से बच्चे को दूध पिलाना ओवरफीडिंग आ सकता है जो कि बच्चे के लिए सही नहीं है। साथ ही जिन शिशुओं को सोने के बाद फीडिंग दी जाती है उन्हें बाद में नींद की गड़बड़ी हो सकती है। इसके अलावा यह चॉकिंक की वजह बन सकता है जिससे बच्चा बेचैन होकर रो सकता है।
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सोते समय बच्चे को बॉटल से दूध पिलाना सही है-Is it okay to feed bottle milk to baby while sleeping?
नहीं, सोते समय शिशु को बोतल से दूध पिलाने भी सही तरीका नहीं है। दरअसल, शिशु को लेटाकर, खासकर पीठ के बल लिटाकर दूध पिलाने से दम घुटने, गले में चॉक होने, कान में संक्रमण और दांतों में सड़न का खतरा बढ़ सकता है। इससे शिशु की नींद में भी गड़बड़ी हो सकती है। इसके अलावा अगर सोने के लिए वो बोतल पर निर्भर हो जाता है तो बाद में उसे बोतल से दूध छुड़ाना मुश्किल हो जाता है।

इसलिए, बच्चे को दूध पिलाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि बच्चा जागा हुआ है और सही तरीके से दूध पी रहा है। दध पिलाने के बाद बच्चे को थोड़ी देर संभालकर रखना भी जरूरी है ताकि वह दूध की वजह से उल्टी न कर दे या खांसी न हो। नवजात शिशु को हर 2-3 घंटे में दूध पिलाने के लिए जगाने की सलाह तब तक दी जाती है जब तक कि वह अपना जन्म के वजन को वापस न पा ले वो भी तब अगर उनका वजन ज्यादा कम हो गया है। इसके अलावा अगर आपका शिशु ठीक से दूध नहीं पी रहा है या नींद में लग रहा है, तो उसे दूध पिलाने के लिए जगाना जरूरी हो सकता है।
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विशेषकर नन्हे शिशुओं के माता-पिता को यह बात समझनी चाहिए कि बच्चे के सोने के दौरान दूध पिलाना उनकी निगरानी के बिना न करें अगर बच्चे को नींद के दौरान खाना देना आवश्यक हो तो डॉक्टर की सलाह लेना बेहतर रहता है। कुल मिलाकर, सोते हुए बच्चे को दूध पिलाने से जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखते हुए इसे सावधानी से करना चाहिए और हमेशा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही कदम उठाएं।
अपने मन से बच्चे को कभी भी दूध पिलाने से बचें। इससे बच्चे को गलत आदत डल सकती है और यह किसी भी प्रकार से फीडिंग का सही तरीका नहीं है।
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FAQ
बच्चे को रात में कितनी बार दूध पिलाना चाहिए?
बच्चे को रात में हर दो से घंटे पर दूध पिलाने की जरूरत हो सकती है। इस तरह से 2 महीने तक के बच्चे को आपको 2 से 4 बार दूध पिलाना पड़ सकता है। 3 से 6 महीने के बच्चे को 1 से 3 बार दूध पिलाना पड़ सकता है और 6 से 12 महीने के बच्चे को दूध पिलाने के लिए आपको रात में 1 से 2 बार जगना पड़ सकता है।कैसे पता करें कि बच्चे का पेट भर गया है?
जब बच्चे का पेट भर जाता है तो वह स्तनपान करना छोड़कर यहां वहां देख सकता है। इसके अलावा उसकी बेचैनी कम हो सकती है और शरीर के हलचल में शांत बंदलाव आ सकता है। इसके अलावा उम्र बढ़ने के साथ बच्चे पेट भरने के बाद खेलना शुरू कर सकते हैं।अगर बच्चा बार-बार दूध निकाले तो क्या करें?
ऐसे में हो सकता है कि बच्चे को गैस बन गई हो या फिर आप बच्चे को ओवरफीडिंग करवा रहे हों। इस स्थिति में आर बच्चे को एक बार डॉक्टर को दिखा सकते हैं।
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Nov 16, 2025 06:03 IST
Published By : Pallavi Kumari