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क्या शिशु को दूध पिलाने से मां की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं? जानें डॉक्टर से

Does Breastfeeding Make Your Bones Weak In Hindi: शिशु को दूध पिलाने से मां की हड्डियों पर असर पड़ता है। लेकिन, किस तरह और क्या वाकई वे कमजोर हो जाती हैं? जानने के लिए लेख पढ़ें-
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क्या शिशु को दूध पिलाने से मां की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं? जानें डॉक्टर से


नवजात शिशु के बेहतर विकास के लिए उसे मां का ही दूध पिलाना चाहिए। मां के दूध में वो सभी गुण होते हैं, जो किसी भी अन्य आहार से नहीं मिल सकते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर डॉक्टर्स यही सलाह देते हैं कि मांओं को अपने शिशु को जन्म के तुरंत बाद से ही स्तनपान कराना चाहिए। इसके अलावा, महिलाओं को भी अच्छी डाइट फॉलो करनी चाहिए। उन्हें अपनी डाइट में ऐसी चीजों को नहीं शामिल करना चाहिए, जिससे गैस या ब्लोटिंग की समस्या होने सकती है। असल में, मां जो कुछ खाती हैं, उसका लाभ शिशु को भी मिलता है। बहरहाल, आपने यह भी सुना होगा कि ब्रेस्टफीड कराने से महिला के वजन पर काफी असर पड़ता है। तो क्या इसी तरह, ब्रेस्टफीड कराने से महिला की हड्डियां भी कमजोर हो सकती हैं? क्या वाकई ऐसा होता है या यह महज एक मिथक है? आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।

क्या शिशु को दूध पिलाने से मां की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं?- Does Breastfeeding Make Your Bones Weak In Hindi

जैसा कि यह बात हम जानते हैं कि ब्रेस्टफीड कराने से महिला का वजन कम होता है। हालांकि, यह स्थाई नहीं है। जेसा ही मां शिशु को दूध पिलाना छोड़ देती है, वैसे उनका वजन सामान्य होने लगता है। इसी तरह, कहा जा सकता है कि शिशु को दूध पिलाने से मां की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। लेकिन, यह स्थाई नहीं होता है। जैसे ही मां बच्चे को दूध पिलाना छोड़ देती हैं, उनका स्वास्थ्य पहले की तरह सामान्य हो जाता है। यहां सवाल उठता है कि ब्रेस्टफीडिंग करवाने से हड्डियां कमजोर कैसे होती हैं? डॉक्टर का कहना है, "अगर मां लगातार 6 महीने तक शिशु को नियमित रूप से अपना दूध पिलाती हैं, तो ऐसे में 10 फीसदी तक बोन मास लूज हो सकता है। वास्तव में, दूध पिलाने के कारण एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है। इससे हड्डियों पर अतिरिक्त दबाव बनता है, जिससे महिलाओं की हड्डियों कमजोर महसूस होती हैं। मगर ध्यान रखें कि यह स्थाई नहीं है।"

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ब्रेस्टफीडिंग के बाद बोन रिकवरी कैसे करें

ब्रेस्टफीडिंग बंद करते ही महिलाओं का स्वास्थ्य पहले की तरह हो जाता है। ऐसा ही उनकी हड्डियों के साथ भी होता है। असल में, दूध पिलाना बंद करने के बाद से ही महिलाओं के पीरियड्स शुरू हो जाते हैं। इससे एस्ट्रोजन का स्तर सामान्य होने लगता है। नतीजतन, हड्डियों भी पहले की तरह सामान्य स्थिति में पहुंच जाती हैं। आपको बता दें कि ब्रेस्टफीडिंग के कारण महिलाओं को किसी भी तरह की हड्डियों से जुड़ी परेशानी नहीं होती है। वे स्वस्थ जीवन जीती हैं। हां, अगर हड्डियों कमजोर महसूस हों, तो इसके बढ़ती उम्र या अन्य बीमारियां जिम्मेदार हो सकती है। हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप कैल्शियम युक्त आहार लें। इसके लिए, दही, दूध और दूध से बने अन्य प्रोडक्ट को डाइट में शामिल करें।

All Image Credit: Freepik

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