महिलाओं के स्वस्थ रहने के लिए हार्मोन्स का संतुलित रहना बेहद जरूरी है। महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण पीसीओएस, थायराइड, त्वचा से जुड़ी समस्याओं, वजन बढ़ना और अनियमित पीरियड्स की समस्या बढ़ सकती है। खासकर महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के असंतुलित होने के कारण पीरियड्स और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं बढ़ जाती हैं। एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन के लिए जरूरी है कि आप अपने शरीर में बढ़े हुए हार्मोन के स्तर को कम करने (How To Remove Excess Estrogen From Body) की कोशिश करें। हार्मोन और गट हेल्थ कोच डाइटिशियन मनप्रीत कालरा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करके बताया कि शरीर में एस्ट्रोजन लेवल कम कैसे करें? इसके साथ ही एक्सपर्ट ने यह भी जानकारी दी कि एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने से क्या होता है?
एस्ट्रोजन डिटॉक्सिफिकेशन कैसे करें? - How To Remove Excess Estrogen From Body in Hindi?
1. तनाव कम करने वाली गतिविधियों को अपने शारीरिक गतिविधियों को शामिल करें, जैसे योग, ध्यान, गहरी सांस लेना। यह गतिविधियां आपके शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित कर सकता है।
2. अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों (Foods Reduce Estrogen Levels) को शामिल करें। खासकर पत्तागोभी, ब्रोकोली, फूलगोभी जैसी पकी हुई क्रूस वाली सब्जियों को, क्योंकि इनके सेवन से एस्ट्रोजन लेवल को कम किया जा सकता है।
3. एस्ट्रोजन लेवल को कम करने या कंट्रोल करने के लिए विटामिन बी एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसलिए आप शकरकंद, केला, दाल जैसे विटामिन बी6 से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें।
4. अत्यधिक शराब के सेवन और चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन से परहेज करें, क्योंकि ये शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन को बढ़ाता है, जो आपके शरीर में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
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एस्ट्रोजन हार्मोन बढ़ने से क्या होता है? - What Are Tthe Symptoms Of Estrogen Dominance in Hindi?
- अत्यधिक एस्ट्रोजन का स्तर गर्भाशय की परत को मोटा कर सकता है, जिसके कारण पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या होती है।
- एस्ट्रोजन का बढ़ा हुआ स्तर मासिक धर्म चक्र (Menstrual Cycle) को बाधित कर सकता है, जिससे पीरियड होने के समय और ब्लड फ्लो दोनों अनियमित हो सकती हैं।
- एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव मूड स्विंग का कारण बन सकता है, जिससे आपमें चिड़चिड़ापन भी बढ़ सकता है।
- प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (पीएमडीडी) से जुड़ी गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं जैसे मूड से जुड़ी परेशानी, चिंता और चिड़चिड़ापन एस्ट्रोजेन बढ़ने के कारण हो सकता है।
- एस्ट्रोजन के बढ़े हुए स्तर के कारण अक्सर महिलाओं के स्तन के ऊतकों में सूजन, कोमलता या गांठ की समस्या हो सकती है।
- हाई एस्ट्रोजन हार्मोन त्वचा में तेल उत्पादन को बढ़ा सकता है, जिससे एक्ने या पिंपल्स निकलने की समस्या बढ़ सकती है।
- एस्ट्रोजन के स्तर में बदलाव योनि से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ा सकता है, जिससे आपको बार-बार यूरिन इंफेक्शन की समस्या हो सकती है, जिससे यीस्ट या बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
- हाई एस्ट्रोजन लेवल आपके नींद के पैटर्न और गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है, जिससे सोने में समस्या हो सकती है।
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- एस्ट्रोजन के स्तर में उतार-चढ़ाव आपके पीरियड साइकिल के दौरान माइग्रेन की समस्या को भी ट्रिगर कर सकता है।
- हाई एस्ट्रोजन आपके शरीर में फैट जमा होने का कारण बन सकता है, जिससे आपका वजन बढ़ सकता है, खासकर हिप्स और जांघों के आसपास।
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