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क्या बुखार में गिलोय का सेवन करना फायदेमंद होता है? जानें एक्सपर्ट की राय

बुखार में गिलोय का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसमें कई ऐसे तत्व हैं, जो बुखार से रिकवरी में मदद कर सकते हैं।
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क्या बुखार में गिलोय का सेवन करना फायदेमंद होता है? जानें एक्सपर्ट की राय


Is Giloy Helpful In Fever In Hindi: मौसम में हर दूसरे दिन तब्दीलियां हो रही हैं। हर कोई इस बदलते मौसम से परेशान है। ऐसा इसलिए भी है, क्योंकि मानसून के दिनों में लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, जिससे बीमार होने का रिस्क बढ़ जाता है। कई लोग इन दिनों अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट करने के लिए तरह-तरह के उपाय अपनाते हैं। जैसे, घर का काढ़ा पीते हैं, अदरक चाय का सेवन करते हैं और तुलसी आदि की मदद से भी खुद को संक्रमण और बुखार से बचाए रखने की कोशिश करते हैं। इसी क्रम में कुछ लोग बुखार में गिलोय का सेवन करते हैं। माना जाता है कि गिलोय का जूस या इसका एक्सट्रैक्ट का सेवन करने से बुखार या कई तरह की बीमारयिं से खुद को बचाया जा सकता है। सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है? इस बारे में हमने दिल्ली नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. आरपी पराशर से बात की है।

गिलोय क्या है?- What Is Giloy In Hindi

What Is Giloy In Hindi

गिलोय का वैज्ञानिक नाम है, टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया। इसे हिंदी में अलग-अलग नामें से जाना जाता है, जैसे गुडुची। आयुर्वेद की मानें, तो गिलोय हमारे स्वास्थ्य लिए बहुत ही लाभकारी है। इसमें कई पोषक ततव होते हैं, जो स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार इसमें एल्कलॉइड होता है, जो बहुत ज्यादा प्रभावशाली होता है। इसकी जड़ और पत्त्यिं का भी उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद में गिलोय को कड़वे स्वाद वाली जड़ी-बूटी कहा गया है। यह वात और कफ दोष को कम करने में भी मदद करता है।

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क्या बुखार में गिलोय कारगर है?- Kya Bukhar Me Giloy Kha Sakte Hai

Benefits of Giloy In Hindi

जैसा कि हमने पहले ही जिक्र किया है कि आयुर्वेद के अनुसार गिलोय बहुत ही उपयोगी तत्व है। आप चाहें, तो इसका सेवन किसी भी रूप में कर सकते हैं। जैसे, गिलोय का जूस या गिलोय का पेस्ट आदि। निश्चित रूप से बुखार होने पर आप इसका सेवन कर सकते हैं। असल में, गिलोय का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है। इसमें एंटी-टॉक्सिक, एंटीपायरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट है। ये सभी तत्व बुखार को कम करने और कई संक्रमण के जोखिम को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं। आपको बता दें कि आयुर्वेद के अनुसार बुखार के दो कारण हो सकते हैं, जैसे आम यानी अनुचित पाचन के कारण शरीर में टॉक्सिंस का बने रहना और दूसरा विदेशी कारण। गिलोय में सूजनरोधी और बुखार को कम करने की क्षमता है। यह दोनों तरह के बुखार से रिकवरी में मदद कर सकता है।

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गिलोय के अन्य फायदे

डायबिटीज में कारगर

डायबिटीज के रोगियों को अपनी डाइट में गिलोय को शामिल करना चाहिए। इसमें कई ऐसे तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने में अहम योगदान निभाते हैं। इसके अलावा, डायबिटीज में अल्सर और घाव जैसे रिस्क को कम करने में मदद करते हैं, क्योंकि इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स होता है।

पाचन क्षमता में सुधार होता है

गिलोय का सेवन करने से पाचन क्षमता में भी सुधार होता है। यही नहीं, उल्टी, ब्लोटिंग, पेट दर्द, हाइपरएसिडिटी आदि चीजों से भी राहत मिलती है।

जोड़ों के दर्द से राहत

गिलोय का सेवन आप जोड़ों के दर्द से राहत में भी अहम योगदान देता है। वैसे भी मानसून के दिनों में जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है। गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व होते हैं, जो सूजन को कम करने और अर्थराइटिस में हो रहे दर्द को कम करने में मदद करते हैं।

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