Kya Typhoid Me Giloy Kha Sakte Hai: बारिश के दिनों में टाइफाड जैसी बीमारियों का जोखिम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। क्या जानते हैं कि ऐसा क्यों है? दरसअल, टाइफाइड दूषित चीजें खाने और पानी पीने से होता है। वहीं, बारिश के दिनों में दूषित पानी पीने का रिस्क काफी ज्यादा बढ़ जाता है। वैसे भी इन दिनों बारिश काफी ज्यादा होती है। छतों पर रखी टंकी के पानी में बारिश का पानी मिक्स हो जाता है। उस पानी को अगर फिल्टर करके न पिया जाए, तो कई तरह की पानी से जनित बीमारियों का जोखिम हो सकता है। इसमें से एक टाइफाइड भी है। कुछ लोगों का मानना है कि टाइफाइड से छुटकारा पाने के लिए गिलोय का सेवन कर सकते हैं। इससे न सिर्फ रिकवरी होती है, बल्कि इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है। सवाल है, क्या वाकई ऐस होता है? क्या सच में टाइफाइड में गिलोय का सेवन किया जाना चाहिए? यह जानकारी लेने के लिए हमने दिल्ली नगर निगम के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. आरपी पराशर से बात की है।
क्या टाइफाइड में गिलोय का सेवन करना फायदेमंद होता है?- Is Giloy Useful In Typhoid In Hindi
जैसा कि हमने जिक्र किया है कि दूषित खाने और पानी पीने से टाइफाइड जैसी बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए ऐसी चीजों का सेवन किया जाना चाहिए, जिससे शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट हो और टॉक्सिंस बाहर निकल सकें। इस तरह देखा जाए, तो गिलोय का सेवन टाइफाइड जैसी बीमारियों में किया जा सकता है। आयुर्वेद एक्सपर्ट की मानें, तो टाइफाइड में गिलोय का सेवन करना पूरी तरह सुरक्षित होता है। आम को कम करता है। शरीर में आम संचित होने पर माइक्रोब्स सीजनल फीवर और टाइफाइड जैसी बीमारियों को उत्पन्न कर सकते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, आम का अर्थ है अपचित भोजन। इसका मलतब है, जो आपने खाया है, वह सही से हजम नहीं हुआ है। वहीं, गिलोय में कई ऐसे तत्व हैं, जो टाइफाइड से रिकवरी में मदद कर सकते हैं। जैसे गिलोय एंटी-बायोटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर तत्वों से भरपूर है। विशेषज्ञों का कहना है कि गिलोय इम्यूनिटी बूस्ट हर्ब है। इसमें में बर्बेरिन, टीनोस्पोरिन, पामेटिन, मैंगोफ्लोरिन, इथेनॉल जैसे केमिकल कंपाउंड्स होते हैं, जो हर तरह के बुखार और संक्रमण में फायदेमंद होते हैं। टाइफाइड में भी इसका सेवन किया जा सकता है।
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टाइफाइड में गिलोय का सेवन कैसे करें
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की मानें, तो टाइफाइड से छुटकारा पाने के लिए आप इसके पाउडर का इस्तेमाल कर सकते हैं। हल्के गुनगुने पानी के साथ गिलोय पाउडर का एक एक चम्मच सुबह-शाम सेवन। अब इसका सेवन करें। इससे आपकी सेहत में धीरे-धीरे सुधार होने लगेगा। हां, अगर आपको इससे एलर्जी है, तो बेहतर है कि इसका सेवन करने से बचें। इसके अलावा, टाइफाइड होने पर कितनी मात्रा में इसका सेवन करना है, इस पर विशेषज्ञ की राय लेना जरूरी है।
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टाइफाइड में गिलोय के फायदे
इम्यूनिटी बूस्ट होती है
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि टाइफाइड होने पर इम्यूनिटी बहुत ज्यादा कमजोर हो जाती है। ऐसे में बीमारी से रिकवरी में औसत से ज्यादा समय लग जाता है। इससे रिकवरी के लिए टाइफाइन में आप गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय एंटी-बायोटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों का स्रोत है। इसलिए, इसे इम्यूनिटी बूस्ट हर्ब भी कहा जाता है।
ओवर ऑल हेल्थ में सुधार
गिलोय में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं, जो न सिर्फ आपकी इम्यूनिटी को बेहतर बनाते हैं, बल्कि ओवर ऑल हेल्थ पर भी इसका पॉजिटिव असर पड़ता है। यह फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसानों को कम करता है और शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालता है।
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