-1761315298683.webp)
आपके साथ भी कभी न कभी ऐसा जरूर हुआ होगा कि आपको बिस्तर से उठने का मन नहीं कर रहा है या बहुत ज्यादा नींद आ रही है। पूरा-पूरा दिन आपने बिस्तर पर बिता दिया। इस दौरान किसी से बात करने का मन नहीं किया। क्या आपको लगता है कि ये सभी संकेत किसी तरह की मानसिक स्थिति की ओर इशारा कर रहे हैं? असल में यह कहा भी जाता है कि जो लोग दूसरों से मेल-जोल बंद कर देते हैं, बातचीत करने से बचते हैं और दिन भर बिस्तर पर लेटे रहते हैं या सोते रहते हैं, तो इसका मतलब है कि ये लोग तनाव या अवसाद का शिकार हैं। अब इस बात में कितनी सच्चाई है? यह जानना भी जरूरी है। इस संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।
क्या डिप्रेशन में ज्यादा नींद आती है?- Is Excessive Sleep A Symptom Of Depression
-1761315490119.jpg)
ज्यादा सोना किसी भी तरह से गंभीर बीमारी नहीं है। हालांकि, डिप्रेशन के मरीजों में यह सामान्य तौर पर देखा जाता है कि वे अधिक सोते हैं। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि अधिक सोना डिप्रेशन का एक संकेत हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई में प्रकाशित एक लेख से होती है। हालांकि, आपको बता दें कि कभी-कभी ओवरस्लीपिंग यानी बहुत ज्यादा सोना हाइपरसोम्निया के कारण हो सकता है। यह एक तरह की मेडिकल कंडीशन है और डिप्रेशन के मरीजों में यह कॉमन होता है। ऐसा खासकर, एटिपिकल डिप्रेशन के मरीजों में देखने को मिलता है। एटिपिकल डिप्रेशन एक प्रकार का डिप्रेशन है, जिसका अर्थ है कि पॉजिटिव घटनाओं पर अस्थाई रूप से मूड बेहतर होना। बहरहाल, विशेषज्ञ इस बात की पुष्टि करते हैं कि बहुत ज्यादा सोना या बहुत कम सोना, दोनों को ही डिप्रेशन के साथ गहर संबंध है।
इसे भी पढ़ें: क्या आपको भी हर समय आती है नींद? जानें ज्यादा नींद आना किस बीमारी का लक्षण है
डिप्रेशन में ज्यादा नींद आए तो क्या करें?
वैसे तो डिप्रेशन में व्यक्ति का कुछ भी करने का मन नहीं करता है। ऐसी कंडीशन में व्यक्ति सिर्फ सोना पसंद करता है या अकेले रहना पसंद करता है। इस तरह की स्थिति व्यक्ति को और ज्यादा डिप्रेशन में धकेल सकती है। इसलिए, आपको ऐसा नहीं करना है। सवाल है, अधिक नींद आए, तो डिप्रेशन से बचने के लिए क्या किया जा सकता है? इसके लिए दिए गए कुछ टिप्स को फॉलो करें-
- अगर आप बहुत ज्यादा नींद ले रहे हैं, तो इससे बचें। कहने का मतलब है कि आप अपने बेडरूम से बाहर निकलें। बिस्तर पर बैठने से ही नींद आती है या सोने का मन करता है।
- रोशनी में कुछ समय बिताएं। अगर आपका मूड बहुत खराब है यानी डिप्रेशन है, तो आप अपने कमरे की लाइट बंद न करें। इसके बजाय, दिन के समय कमरे से बाहर निकलें और कुछ समय सूरज की रोशनी में बिताएं। आपको अच्छा महसूस होगा।
- जब नींद आने लगे या सोने का मन करे, तो अपने दोस्तों या रिश्तेदारों के साथ कनेक्ट करें। उनके साथ अपनी परेशानी साझा करें। मन में जो भी बातें, जो भी समस्याएं हैं, सब पर चर्चा करें। इससे मन हल्का होता है और डिप्रेशन दूर करने में मदद मिलती है।
- प्रोफेशनल की मदद जरूर लें। कई बार ऐसा होता है कि व्यक्ति तमाम करीबियों की मदद ले चुका होता है। इसके बावजूद, उनकी मानसिक स्वास्थ्य में सुधार नहीं होता है। ऐसे में व्यक्ति खुद को कमरे में बंद कर लेता है। आप ऐसा न करें। इसके बजाय, प्रोफेशनल की मदद लें। आपको अच्छा लगेगा।
इसे भी पढ़ें: आपको भी आती है बहुत ज्यादा नींद? जानें समस्या को दूर करने के 5 उपाय
निष्कर्ष
हर स्वस्थ और वयस्क व्यक्ति को रोजाना कम से कम 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। अगर कोई व्यक्ति 8 घंटे की नींद नहीं लेता है, तो यह सही नहीं है। ध्यान रखें कि कम नींद लेने से मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। वहीं, अगर आप पहले से ही डिप्रेशन का शिकार हैं, तो बहुत ज्यादा नींद आना या नींद बिल्कुल न आने जैसी परिस्थितियां हो सकती हैं। ऐसे में आपको प्रोफेशनल की हेल्प लेनी चाहिए। अकेले डिप्रेशन से जूझना आसान नहीं होता है।
All Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 25, 2025 11:25 IST
Published By : Meera Tagore