क्या आपको भी हर समय आती है नींद? जानें ज्यादा नींद आना किस बीमारी का लक्षण है

Causes of Excessive Sleep: कई बार हमें अधिक नींद आने लगती है, यह कुछ कारणों की वजह से हो सकता है। जानें ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है?
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क्या आपको भी हर समय आती है नींद? जानें ज्यादा नींद आना किस बीमारी का लक्षण है

Excessive Sleepiness Causes in Hindi: कई लोगों को बार-बार और बहुत अधिक नींद आती है। यहां तक कि वे रात को पूरी नींद लेने के बाद भी सुबह या दिन में नींद का अनुभव करते हैं। खासकर लंच करने के बाद वे गहरी नींद में सो जाना चाहते हैं। अगर किसी व्यक्ति को ज्यादा नींद आने की दिक्कत कभी-कभार होती है, तो इसे सामान्य माना जा सकता है। लेकिन अगर हर रोज और हर समय नींद का ही अहसास होता है, तो इस स्थिति को सामान्य नहीं समझा जा सकता है। आपको बता दें कि अधिक या ज्यादा नींद आना कुछ मामलों में खराब गुणवत्ता वाली नींद या पर्याप्त नींद न लेने की वजह से हो सकती है। लेकिन कुछ मामलों में ज्यादा नींद आना किसी स्वास्थ्य स्थिति या गंभीर कारणों की वजह से हो सकता है। इसलिए अगर आपको भी ज्यादा नींद आती है या फिर आपको बार-बार सोने की इच्छा होती है, तो इसके पीछे ये बीमारियों या समस्याएं जिम्मेदार हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं, ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है (Jyada Neend Aana kis Bimari ke Lakshan Hai)? या फिर मुझे हर समय नींद क्यों आती है? बहुत ज्यादा नींद आने का क्या कारण है (Excessive Sleepiness Causes  in Hindi)?

ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है?- Excessive Sleepiness Causes  in Hindi

स्लिप डेप्रिवेशन

स्लिप डेप्रिवेशन वह स्थिति होती है, जो नींद की लगातार कमी या नींद की खराब गुणवत्ता की वजह से होती है। अगर कोई व्यक्ति लगातार 7 घंटे से कम नींद ले रहा है, तो उसे स्लिप डेप्रेविशन का सामना करना पड़ सकता है। यह स्थिति व्यक्ति के पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है और किसी नींद विकार का कारण बन सकती है। जब कोई व्यकित खराब गुणवत्ता वाली नींद लेता है या फिर पर्याप्त नींद नहीं लेता है, तो उसे अगले दिन ज्यादा नींद आ सकती है। इसके साथ ही उसे थकान भी महसूस हो सकती है।

अनिद्रा

अनिद्रा आजकल की एक सामान्य समस्या बन गई है। अनिद्रा एक स्लीप डिसऑर्डर होता है, जिसमें लोगों को सोने में कठिनाई होती है। अनिद्रा में लोगों को नींद तो आती है, लेकिन थकान या फिर तनाव की वजह से वह सो नहीं पाते हैं। इस स्थिति में लोग रात भर जाग सकते हैं, सुबह जल्दी उठ सकते हैं या फिर उन्हें सोने में मुश्किल हो सकती है। ऐसे में उन्हें अगले दिन अधिक नींद आ सकती है और वे सो सकते हैं। यानी अनिद्रा भी ज्यादा नींद आने का एक मुख्य कारण हो सकता है। 

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स्लीप एपनिया

स्लीप एपनिया एक स्लीप डिसऑर्डर है, जिसमें व्यक्ति नींद के दौरान अस्थायी रूप से सांस लेना बंद कर देता है। इस स्थिति में रात के समय उनकी नींद प्रभावित हो सकती है। जिसकी वजह से उन्हें अगले दिन गहरी और तेज नींद आ सकती है। स्लीप एपनिया की वजह से व्यक्ति की सुबह या दिन की दिनचर्या पूरी तरह से प्रभावित हो सकती है। स्लीप एपनिया वाले लोगों को रात में सांस लेने में दिक्कत, अनियमित दिल की धड़कन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए ज्यादा नींद आना स्लीप एपनिया की बीमारी का एक लक्षण हो सकता है।

रेस्टलेस लेग सिंड्रोम

रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम यानी पैर हिलाने की आदत. कई लोगों को पैर हिलाने की आदत होती है, यह स्थिति आमतौर पर पैरों में असहज संवेदना पैदा कर सकती है। रेस्टलेस लेग सिंड्रोम जागने या नींद के दौरान हो सकता है। जो लोग रात में सोते समय पैर हिलाते हैं, उन्हें नींद आने में मुश्किल हो सकती है। जब किसी व्यक्ति को रात के समय रेस्टलेस लेग सिंड्रोम होता है, तो इसकी वजह से उसे पैरों में ऐंठन हो सकती है। ऐसे में उसे आरामदायक नहीं नहीं आती है, रात में बार-बार नींद खुलती है, जिसकी वजह से अगली सुबह ज्यादा नींद आ सकती है। यानी ज्यादा नींद आना रेस्टलेस लेग सिंड्रोम का भी एक लक्षण हो सकता है। 

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नार्कोलेप्सी

नार्कोलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल स्थिति है। इस स्थिति में रोगी को नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। नार्कोलेप्स में व्यक्ति को अचानक और किसी भी समय पर नींद आ सकती है और वह सो सकता है। इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह समस्या को गंभीर कर सकता है और पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है।

ज्यादा नींद आना किस बीमारी के लक्षण है: स्लिप डेप्रिवेशन, स्लीप एपनिया, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम, नार्कोलेप्सी और अनिदर्ा ज्यादा नींद आने के मुख्य कारण हो सकते हैं। इसलिए अगर आपको भी इनमें से कोई दिक्कत हो, तो अपनी जीवनशैली और नींद की आदतों में बदलाव कर सकते हैं।

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