Is Danti Mool Helpful in Relieving Constipation: इन दिनों जीवनशैली, अनियमित खानपान, ऑफिस, काम का स्ट्रेस, कम नींद और कई कारणों से लोगों को कब्ज (Constipation) की परेशानी हो रही है। कब्ज होने पर अक्सर लोगों को मल त्याग करने में कठिनाई होती है, जिससे पूरे पाचन तंत्र पर प्रभाव पड़ता है। कब्ज की परेशानी से जूझने वाले लोग अक्सर विभिन्न प्रकार की दवाओं का सेवन करते हैं। जब अंग्रेजी दवाएं काम नहीं करती हैं, तो कब्ज को दूर करने के लिए आयुर्वेदिक चूर्ण (Ayurvedic Churna for Constipation) का सहारा लेते हैं।
कब्ज को दूर करने में दंती मूल का सेवन भी सदियों से किया जा रहा है। आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कब्ज में दंती मूल कैसे फायदेमंद (How Danti Mool is beneficial in Constipation) है और कब्ज होने पर दंती मूल का सेवन कैसे (How to take Danti Mool when you have constipation) करना चाहिए।
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दंती मूल क्या है?- What is Danti Mool
दंती (Baliospermum montanum) एक छोटा झाड़ीदार पौधा होता है। इस पेड़ की जड़ को ही दंती मूल के नाम से जाना जाता है। आयुर्वेदिक पद्धतियों में दंती मूल का इस्तेमाल कई प्रकार की बीमारियों का इलाज करने में किया जाता है।
कब्ज में कैसे फायदेमंद है दंती मूल- Benefits of Danti Mool in Constipation
आयुर्वेदिक सेंटर माधवबाग के सीईओ और आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. रोहित साने के अनुसार, आयुर्वेद में कब्ज को “विबन्ध” कहा गया है। कब्ज होने का प्रमुख कारण वात दोष में गड़बड़ी को माना जाता है। कब्ज को दूर करने में दंती मूल जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी बहुत फायदेमंद होती है। दंती का मूल भाग आयुर्वेद में खास तौर पर विरेचन (purgation) में प्रयोग किया जाता है। दंती मूल को त्रिदोष नाशक माना गया है, जो शारीरिक बीमारियों से लड़कर स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। आइए जानते हैं दंती मूल कैसे कब्ज में फायदेमंद होती है।
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1. मल को करें ढीला
दंती मूल का सबसे प्रमुख गुण है इसका तीव्र विरेचक प्रभाव बड़ी आंत के काम को तेज करता है। इससे मल को ढीला करके आसानी से बाहर निकालने मदद मिलती है।
2. वात का संतुलन
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि कब्ज की समस्या तब होती है जब शरीर में वात का संतुलन अधिक हो जाता है। एक सीमित मात्रा में दंती मूल का सेवन करने से वात का संतुलन बनाने में मदद मिलती है। दंती मूल के प्रभावकारी तत्व आंतों में चिकनाहट पैदा करके मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाते हैं। इससे कब्ज की परेशानी दूर होती है।
3. लिवर की सफाई
दंती मूल में राल और स्टार्च पाया जाता है। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर लिवर की सफाई करता है। लिवर सही तरीके से काम करने पर कब्ज और पाचन से जुड़ी समस्या नहीं होती है।
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कब्ज में दंती मूल का सेवन कैसे करें- How to consume Danti Mool in Constipation
आयुर्वेदाचार्य रोहित साने का कहना है कि दंती मूल की तासीर अत्यधिक गर्म होती है। इसलिए कब्ज या किसी भी अन्य परेशानी में दंती मूल का सेवन सिर्फ आयुर्वेदिक एक्सपर्ट की सलाह पर ही करना चाहिए। कब्ज होने पर नीचे बताए गए तरीकों से दंती मूल का सेवन किया जा सकता है :
1. दंती मूल चूर्ण : घी, गुनगुने पानी के साथ आधा छोटा चम्मच दंती मूल का सेवन करना चाहिए। आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर आप सुबह खाली पेट या रात को सोने से पहले दंती मूल का सेवन कर सकते हैं।
2. काढ़ा : 5 ग्राम दंती मूल को 200 ml पानी में उबालकर अच्छे से पका लें। कब्ज की समस्या में सप्ताह में 1 बार दंती मूल काढ़े का सेवन करें।
3. घृत के रूप में :दंती मूल का उपयोग बवासीर व पेट संबंधी समस्याओं के लिए विशेष तेलों में किया जाता है।
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निष्कर्ष
कब्ज की परेशानी सुनने में एक आम समस्या लग सकती है। लेकिन समय पर कब्ज का इलाज कराना जरूरी है। यदि समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह शरीर की संपूर्ण क्रियाओं को बाधित कर सकती है। कब्ज को दूर करने में दंती मूल बहुत फायदेमंद होता है। दंती मूल शरीर को शुद्ध करती है, आंतों को उत्तेजित करती है, मल को ढीला करती है और पेट को हल्का करके कब्ज की परेशानी को दूर करती है।
FAQ
दंती मूल क्या है?
दंती मूल एक आयुर्वेदिक औषधीय जड़ी-बूटी है। आयुर्वेदाचार्य कब्ज, बवासीर और पंचकर्म क्रिया के दौरान दंती मूल का प्रयोग करते हैं। दंती मूल का सेवन सिर्फ आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही करना चाहिए।दंती मूल का सेवन कैसे करें?
दंती मूल चूर्ण या घृत के रूप में लिया जा सकता है। दंती मूल की तासीर अत्यधिक गर्म होती है। इसलिए इसका सेवन हमेशा आयुर्वेदाचार्य की सलाह पर ही करना चाहिए।क्या दंती मूल बच्चों के लिए सुरक्षित है?
दंती मूल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं माना जाता है। दंती मूल की तासीर गर्म होती है, इसलिए ये बच्चों में एलर्जिक रिएक्शन पैदा कर सकती है। यही कारण है कि दंती मूल बच्चों के लिए बिल्कुल सुरक्षित नहीं मानी जाती है।