Is it right to drink milk in a Copper Vessel: भारतीय घरों में पारंपरिक तौर पर आज भी तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है। विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों से युक्त होने के कारण तांबे के बर्तनों को स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत फायदेमंद माना गया है। विशेष रूप से जल को तांबे के पात्र में रखने और पीने (Benefits of Drinking Water in a Copper Vessel) की परंपरागत आधुनिक युग में भी घरों में काफी प्रचलित है। लेकिन जब बात तांबे के बर्तनों में दूध पीने या दूध को स्टोर करने की आती है, तो इसको लेकर लंबे समय से बहस जारी है।
इस लेख में दिल्ली की अंजना कालिया डाइट क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजना कालिया (Dr. Anjana Kalia, Ayurvedic Doctor and Nutritionist, Anjana Kalia‘s Diet Clinic, Delhi) से विस्तार से जानेंगे तांबे के बर्तन में दूध पीना सही या नहीं।
आयुर्वेद के अनुसार तांबे के गुण
डॉ. अंजना कालिया का कहना है कि तांबा एक धातु है। इस धातु को आयुर्वेद में "ताम्र" कहा गया है और इसके कई औषधीय गुण माने गए हैं। यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में सहायक होता है। यूं तो तांबे के बर्तनों की प्रकृति गर्म होती है, लेकिन ये पाचन शक्ति को बढ़ाता है। तांबे में प्राकृतिक रूप से रक्त शोधन यानी की ब्लड प्यूरीफिकेशन के गुण होते हैं।
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क्या दूध तांबे के बर्तन में पीना सही है- Is it good to drink milk in a copper vessel?
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि विज्ञान और आयुर्वेद दोनों ही इस बात पर सहमति जताते हैं कि तांबे के बर्तन में न तो दूध को रखना चाहिए और न ही तांबे के बर्तन में दूध पीना चाहिए। दरअसल दूध स्वभाव से थोड़ा अम्लीय (slightly acidic) होता है, विशेषकर यदि वह कुछ समय तक रखा गया हो। जब अम्लीय पदार्थ तांबे के संपर्क में आता है, तो यह धातु ऑक्सीडाइज होकर दूध में मिल जाती है। इससे दूध में कॉपर आयन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। ऐसे दूध का सेवन करने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है।
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तांबे के बर्तन में दूध पीने के नुकसान- Side Effect of Drinking milk in a copper vessel
- तांबे की क्रिया के कारण दूध का pH असंतुलित हो जाता है जिससे वह फट सकता है या खराब हो सकता है। यह न केवल स्वाद को खराब करता है, बल्कि पाचन में भी समस्या भी पैदा कर सकता है।
- आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, यदि लंबे समय तक तांबे के बर्तन में दूध पिया जाए, तो शरीर में कॉपर की मात्रा बढ़ सकती है जिससे कॉपर टॉक्सिसिटी हो सकती है। इसके कारण सिरदर्द और पेट के दर्द की परेशानी हो सकती है।
- आयुर्वेद दूध को एक सात्विक आहार यानी की शुद्ध, पौष्टिक और मन को शांत करने वाला कहा गया है। लेकिन अगर इसका सेवन तांबे के पात्र में किया गया है, तो ये अशुद्ध हो जाता है। ऐसे दूध का सेवन करने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है।
- चरक संहिता और सुश्रुत संहिता जैसे प्रमुख ग्रंथों में कहा गया है कि दूध को कभी भी खट्टी चीजों के साथ नहीं पीना चाहिए। तांबा भी एक अम्लीय धातु यानी की खट्टी धातु माना गया है। इसलिए तांबे में बर्तन में दूध का सेवन करने की मनाही होती है।
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दूध को किस बर्तन में रखना चाहिए- In which container should milk be stored?
आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि दूध का पारंपरिक तौर पर अच्छे प्रकार के पीतल या चांदी के बर्तन में उबालना और रखना चाहिए। जिन लोगों के घरों में इस धातु के बर्तन नहीं है, वो दूध को कांच, स्टील और मिट्टी के बर्तनों में भी रख सकते हैं।
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निष्कर्ष
आयुर्वेदाचार्य के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि तांबे के बर्तनों में दूध को रखना और पीना दोनों ही गलत है। तांबे के बर्तन में दूध पीने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के नुकसान हो सकते हैं। जिन लोगों को तांबे के बर्तन पसंद हैं, वो इसमें पानी पी सकते हैं। तांबे के बर्तन में पानी पीने से स्वास्थ्य को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं। यूं तो तांबा अमृत समान है, परंतु यदि उसका उपयोग अनुचित रूप में किया जाए, तो वही विष बन सकता है। इसलिए किसी भी पारंपरिक चीज का उपयोग करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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FAQ
तांबे के लोटे में दूध क्यों नहीं रखना चाहिए?
तांबे के लोटे या बर्तनों में दूध को रखने की मनाही होती है। दूध में प्राकृतिक रूप से हल्का लैक्टिक एसिड होता है। जब इसे तांबे (Copper) के संपर्क में रखा जाता है, तो यह धातु के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करता है। इस प्रक्रिया से तांबा दूध में घुल जाता है, जिससे स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।दूध के लिए कौन सा बर्तन सबसे अच्छा है?
दूध एक संवेदनशील और पोषक तत्वों से भरपूर पदार्थ है, जिसे सही बर्तन में रखना जरूरी होती है। दूध को रखने के लिए स्टेनलेस स्टील, कांच का बर्तन और मिट्टी का बर्तन उपयुक्त माना गया है।ताबं के बर्तन में कौन से फूड आइटम नहीं रखने चाहिए
तांबे के बर्तन में अम्लीय (खट्टे) खाद्य पदार्थ नहीं रखने चाहिए। आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, तांबे के बर्तन में अम्लीय पदार्थ रखने से ये रासायनिक प्रतिक्रिया करते है। ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करने से स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलि तांबे के बर्तन में नींबू, दही, छाछ, टमाटर, इमली, सिरका, और खट्टे फल जैसे फूड आइटम को नहीं रखना चाहिए।