भारतीय परंपरा में घी को सिर्फ स्वाद का ही नहीं बल्कि सेहत का भी खजाना माना जाता है। रसोई से लेकर आयुर्वेदिक चिकित्सा तक, घी का इस्तेमाल शरीर को ताकत देने, दिमाग को तेज करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। लेकिन आज जब मार्केट में तरह-तरह के घी उपलब्ध हैं, तब सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि कौन-सा घी सेहत के लिए ज्यादा अच्छा है रेगुलर (A1) घी या फिर A2 घी? आयुर्वेद में घी को सर्वोत्तम आहार बताया गया है जो शरीर और को पोषण देता है। लेकिन आजकल मार्केट में मिलने वाला घी और पारंपरिक तरीके से बना घी एक जैसा नहीं होता। खासतौर पर A2 घी और रेगुलर (A1) घी को लेकर लोगों में भ्रम बना हुआ है कि आखिर कौन सा घी सेहत के लिए ज्यादा अच्छा है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या A2 घी सामान्य घी से बेहतर है?
क्या A2 घी सामान्य घी से बेहतर है? - Is A2 Ghee Better Than Regular Ghee
A2 घी क्या है? - What is A2 ghee
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि भारत में पारंपरिक रूप से तीन मुख्य देसी गायों की नस्लें जानी जाती हैं, साहीवाल, राठी और गिर। इन गायों के दूध को दही की तरह जमाकर बिलौना (मथनी) पद्धति से जो घी निकाला जाता है, उसे A2 घी कहा जाता है। इसमें दूध को पहले दही की तरह जमाया जाता है, फिर इसे मथकर मक्खन निकाला जाता है और इस मक्खन से घी तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में घी के प्राकृतिक गुण पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेदिक डॉक्टर हमेशा लोगों को बिलौना विधि से बना A2 घी लेने की ही सलाह देते हैं। इस घी में पाया जाने वाला प्रोटीन - A2 बीटा केसीन शरीर के लिए अधिक उपयुक्त और स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है।
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A1 और A2 घी में क्या फर्क है? - What is the difference between A1 and A2 ghee
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि भारत में पारंपरिक रूप से तीन मुख्य गायों की नस्लें पाई जाती हैं साहीवाल, राठी और गिर। इन गायों के दूध में A2 बीटा केसीन प्रोटीन पाया जाता है। वहीं, विदेशी नस्ल की गायों (जैसे होल्स्टीन, जर्सी) के दूध में A1 बीटा केसीन प्रोटीन ज्यादा पाया जाता है।
- A1 बीटा केसीन को स्वास्थ्य के लिए कम फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इसमें इम्यूनिटी बढ़ाने की क्षमता कम होती है और यह लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों को दिक्कत दे सकता है।
- A2 बीटा केसीन पचने में हल्का होता है, इम्यूनिटी मजबूत करता है और पेट की समस्याओं को कम कर सकता है।
- A1 बीटा केसीन प्रोटीन शरीर में पचने के बाद डाइजेशन पर बुरा असर डाल सकता है। वहीं A2 बीटा केसीन आसानी से पचता है, इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और लैक्टोज इंटॉलरेंस वाले लोगों के लिए भी कुछ हद (a2 ghee vs normal ghee) तक सुरक्षित होता है।
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आयुर्वेद का नजरिया
आयुर्वेद में घी को ओजवर्धक, बुद्धिवर्धक और वात-पित्त को संतुलित करने वाला बताया गया है। लेकिन इसमें साफ उल्लेख है कि यह घी केवल देसी गाय के दूध से बने घी पर लागू होता है। आयुर्वेद में कभी भी अमेरिकन या हाइब्रिड नस्ल की गायों के घी की सिफारिश नहीं की गई। प्राचीन ग्रंथों में बिलौना पद्धति से बना हुआ देसी गाय का घी ही पचने में हल्का, पोषण देने वाला और आयुर्वेदिक औषधियों में उपयोगी माना गया है।
A2 घी के फायदे - Benefits of A2 bilona ghee
- A2 बीटा केसीन आसानी से पचता है और गैस, एसिडिटी की समस्या नहीं होने देता।
- इसमें मौजूद इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग प्रॉपर्टीज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को मजबूत करती हैं।
- A2 घी अपेक्षाकृत पचने में आसान होता है, इसलिए लैक्टोज सेंसिटिविटी वाले लोग भी थोड़ी मात्रा में इसका सेवन कर सकते हैं।
- आयुर्वेद के अनुसार यह स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाता है।
- इसमें मौजूद फैटी एसिड स्किन को नमी देते हैं और हड्डियों को मजबूत करते हैं।
सावधानियां
- A2 घी फायदेमंद जरूर है, लेकिन अधिक मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है।
- जिन्हें हार्ट या कोलेस्ट्रॉल की गंभीर समस्या है, वे डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसे डाइट में शामिल करें।
- मार्केट में नकली या मिक्स A2 घी भी बिकता है, इसलिए हमेशा अच्छे ब्रांड या स्थानीय डेयरी से ही घी खरीदें।
निष्कर्ष
आयुर्वेद में घी को अमृत समान बताया गया है, लेकिन इसमें भी सबसे उत्तम माना गया है देशी गाय का बिलौना विधि से बना A2 घी। यह न केवल पचने में आसान है बल्कि इम्यूनिटी, डाइजेशन, दिमाग और दिल की सेहत के लिए भी लाभकारी है। वहीं, रेगुलर घी भले ही स्वादिष्ट हो लेकिन इसमें पाए जाने वाला A1 प्रोटीन लंबे समय में शरीर के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। आधुनिक रिसर्च भी इस बात की पुष्टि कर चुकी है कि A2 घी स्वास्थ्य के लिहाज से ज्यादा बेहतर विकल्प है। इसलिए अगर आप अपने खानपान में घी शामिल कर रहे हैं तो कोशिश करें कि वह घी देशी गायों के दूध से, बिलौना पद्धति से तैयार किया गया हो।
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FAQ
सबसे अच्छा देसी घी कौन सा है?
A2 देसी घी सेहत के लिए सबसे अच्छा होता है, यह पारंपरिक तरीके से बनाया जाता है। बाजार में कई कंपनियां A2 घी बेच रही हैं, लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर सलाह देते हैं कि विश्वसनीय सोर्स से ही शुद्ध बिलौना पद्धति का A2 घी खरीदा जाए।ए2 घी का सेवन कैसे करें?
रोजाना 1-2 चम्मच A2 घी डाइट में शामिल करना पर्याप्त है। इसे दाल, सब्जी या रोटी पर लगाकर खाया जा सकता है।क्या हम रोज ए2 घी खा सकते हैं?
अगर आपको किसी प्रकार की हार्ट या कोलेस्ट्रॉल की गंभीर समस्या समस्या नहीं है तो रोजाना एक सीमित मात्रा में देसी घी का सेवन किया जा सकता है।