खून का अंदरूनी रिसाव (Internal Bleeding) क्यों होता है? जानें कारण, लक्षण, इलाज

इंटरनल ब्‍लीड‍िंग को समय रहता ठीक क‍िया जा सकता है, गंभीर केस में सर्जरी की जरूरत पड़ती है इसल‍िए इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण जानकर इलाज करवाएं 
  • SHARE
  • FOLLOW
खून का अंदरूनी रिसाव (Internal Bleeding) क्यों होता है? जानें कारण, लक्षण, इलाज


इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होना कोई आम बात नहीं है। प्रेगनेंसी के दौरान, सर्जरी के बाद, एल्‍कोहॉल के कारण, फ्रैक्‍चर या कई अन्‍य कारणों से बॉडी के अंदर इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होती है। अगर आप पूछेंगे क‍ि इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण क्‍या हैं? तो इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण इस बात पर न‍िर्भर करते हैं क‍ि ब्‍लीड‍िंग क‍िस ऑर्गन में हो रही है। यूरीन में ब्‍लड आना, स्‍कि‍न का रंग बदलना, उल्‍टी के साथ खून, खांसी के साथ खून, सांस लेने में परेशानी इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के कुछ लक्षण हैं। डॉक्‍टर एक्‍स-रे, सीटी-स्‍कैन, मेड‍िकल टेस्‍ट व टूल्‍स की मदद से पता लगाते हैं क‍ि आपको इंटरनल ब्‍लीड‍िंग क्‍यों हुई है, कई कारणों में डॉक्‍टर आपको आराम करने की सलाह देंगे वहीं कुछ में तुरंत सर्जरी भी हो सकती है इसलि‍ए इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण समझ आने पर तुरंत अस्‍पताल जाएं। इस व‍िषय पर ज्‍यादा जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

internal bleeding

इंटरनल ब्‍लीड‍िंग मतलब बॉडी के अंदर ब्‍लीड‍िंग होना, ये एक गंभीर समस्‍या है जो कई कारणों से क‍िसी भी व्‍यक्‍त‍ि को हो सकती है। ब्‍लीड‍िंग को रोकना और ब्‍लीड‍िंग होने का कारण पता लगाने के ल‍िए आपको समय रहते इसके लक्षण की पहचान करनी जरूरी है। 

इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण क्‍या हैं? (Symptoms of Internal Bleeding)

  • 1. क‍िडनी में इंटरनल ब्‍लीडिंग होना- किडनी में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होने पर यूरीन के साथ खून आ सकता है। 
  • 2. मसल्‍स में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होना- मसल्‍स में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होने पर स्‍क‍िन का रंग बदल सकता है, ज‍िस जगह ब्‍लीड‍िंग हो रही है आपको उस जगह स्‍किन के रंग में बदलाव दिखेगा, इसके अलावा दर्द हो सकता है।
  • 3. स‍िर के अंदर ब्‍लीड‍िंग होना- स‍िर या ब्रेन में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होने के लक्षण हैं स‍िर में दर्द, जी म‍िचलाना, उल्‍टी। बॉडी के एक तरफ कमजोरी होना। ब्‍लीड‍िंग बढ़ने के साथ मरीज को कंफ्यूजन या मेमोरी लॉस हो सकती है। ऐसे लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं। 
  • 4. पेट के अंदर ब्‍लीड‍िंग होना- पेट में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होने पर सूजन या दर्द हो सकता है। पेट में ब्‍लीड‍िंग होने से खून वाली उल्‍टी भी हो सकती है। 
  • 5. चेस्‍ट में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होना- अगर आपके चेस्‍ट में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग होती है तो आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है। खांसी, खांसी के साथ खून आना भी चेस्‍ट में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण हैं। चेस्‍ट में थोड़ी सी ब्‍लीड‍िंग होन पर मेडिकल हेल्‍प की जरूरत होती है इसलि‍ए मरीज को फौरन अस्‍पताल ले जाएं। 

इसे भी पढ़ें- वैक्सीन लेने के बाद ये लक्षण दिखें तो तुरंत करें रिपोर्ट, ब्लड क्लॉटिंग और ब्लीडिंग के मामले बेहद कम: मंत्रालय

क्‍यों होती है इंटरनल ब्‍लीड‍िंग? (Causes of Internal Bleeding)

  • 1. कई केस में सर्जरी के बाद भी इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। ऑपरेशन या सर्जरी के कारण ब्‍लड वैसल्‍स में कट लग सकता है जि‍ससे ब्‍लीड‍िंग होने लगती है। 
  • 2. ब्‍लीड‍िंग ड‍िसऑर्डर के कारण भी इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। इंटरनल ऑर्गन में बम्‍प्‍स के कारण भी इंटरनल ब्‍लीड‍िंग की समस्‍या हो सकती है। 
  • 3. क‍िसी दवा के असर से भी इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। कुछ लोग डॉक्‍टर से सलाह लिए ब‍िना दवा ले लेते हैं। दवा में मौजूद कैम‍िकल कभी-कभी गंभीर र‍िएक्‍शन देते हैं।  
  • 4. एल्‍कोहॉल के बहुत ज्‍यादा सेवन से लीवर डैमेज हो सकता है और इसके कारण भी ब्‍लीड‍िंग की समस्‍या हो सकती है। एल्‍कोहॉल से पेट की लाइन‍िंग पर भी सीधा प्रभाव पड़ता है ज‍िससे इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। 
  • 5. फ्रैक्‍चर होने पर भी इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। बोन्‍स में खून मौजूद होता है, हड्डी टूटने पर इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। 
  • 6. प्रेगनेंट मह‍िलाओं में म‍िसकैरेज होने पर इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है। ऐसा पहली तिमाही में होने की आशंका ज्‍यादा रहती है। 
  • 7. प्‍लैसेंटा के कारण भी प्रेगनेंसी में इंटरनल ब्‍लीड‍िंग की समस्‍या हो सकती है। ऐसा प्रेगनेंसी के 20 हफ्ते बाद हो सकता है। 
  • 8. क‍िसी हार्ड सर्फेस से टकराने पर इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो सकती है, इसकी भी आशंका हो क‍ि आपको बहुत चोट लगने के बाद भी बाहर से ब्‍लीड‍िंग न हो पर लक्षणों पर गौर करें, हो सकता है इंटरनल ब्‍लीड‍िंग हो रही हो। 

इंटरनल ब्‍लीड‍िंग का पता कैसे लगाया जाता है? (Diagnosing Internal Bleeding)

xray for internal bleeding

इंटरनल ब्‍लीड‍िंग का पता लगाने के ल‍िए मेड‍िकल टेस्‍ट क‍िए जाते हैं, टूल्‍स की मदद से समस्‍या की गंभीरता का पता लगाया जाता है। अगर चोट के कारण ब्‍लीड‍िंग हुई है तो डॉक्‍टर एक्‍स-रे करते हैं अगर उसमें समस्‍या पकड़ नहीं आती तो सी-स्‍कैन किया जाता है। ब्‍लड वैसल्‍स को चेक करने के लि‍ए एंज‍ियोग्राफी की जाती है। इसके अलावा ब्‍लीड‍िंग की वजह जानने के लि‍ए डॉक्‍टर कई और टेस्‍ट करवाने के ल‍िए कह सकते हैं।  

इसे भी पढ़ें- Gastrointestinal Bleeding: चेहरे पर पीलापन और कमजोरी हो सकते हैं पाचनतंत्र की इस गंभीर बीमारी के लक्षण

इंटरनल ब्‍लीड‍िंग का इलाज क्‍या है? (Treatment of Internal Bleeding)

इंटरनल ब्‍लीडिंग के दौरान ट्रीटमेंट का पहला काम होता है ब्‍लीडिंग बंद करना। कुछ ब्‍लीड‍िंग के मामले इतने गंभीर नहीं होते और खुद ही ठीक हो जाते हैं पर कुछ मामलों में मरीज की स्‍थिति गंभीर हो सकती है। कुछ केस में डॉक्‍टर को तुरंत सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। अस्‍पताल में जाते ही डॉक्‍टर उस ऑर्गन या ब्‍लड वैसल को चेक करेंगे ज‍िससे ब्‍लीड‍िंग हो रही है। इंटरनल ब्‍लीडिंग के कुछ मामलों में आराम और दवा से ब्‍लीड‍िंग ठीक हो जाती है। माइनर ब्‍लीड‍िंग में डॉक्‍टर आपको आराम करने के ल‍िए कहेंगे ताक‍ि बॉडी को समय म‍िले और वो ब्‍लड को दोबारा एब्‍सॉर्ब कर पाए। वहीं गंभीर केस में सर्जरी की मदद से ब्‍लीड‍िंग रोकी जाती है पर कौनसा तरीका आपके लि‍ए ठीक रहेगा ये आप नहीं बल्‍क‍ि डॉक्‍टर तय करेंगे इसल‍िए इंटरनल ब्‍लीड‍िंग के लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्‍टर के पास जाएं। जब ब्‍लीड‍िंग रुक जाती है तो डॉक्‍टर इस पर ध्‍यान देते हैं क‍ि इंटरनल सारे बॉडी पॉर्ट्स ठीक तरह से काम कर रहे हों और भव‍िष्‍य में ब्‍लीड‍िंग न हो इसका ट्रीटमेंट शुरू क‍िया जाता है। 

हमारी बॉडी बहुत नाजुक होती है, इसल‍िए इसका अच्‍छे से ध्‍यान रखें। लापरवाही बरतने के बजाय अगर आप लक्षणों को पहचानें या डॉक्‍टर से सलाह लें तो आप गंभीर बीमार‍ियों और सर्जरी से बच सकते हैं। 

Read more on Other Diseases in Hindi

Read Next

कोरोना संक्रमण के बाद 'साइटोकाइन स्टॉर्म' के कारण गंभीर हो जाते हैं मरीज, जानें क्या है ये और कैसे बचें

Disclaimer