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प्रेग्नेंसी की पहली त‍िमाही में होता है डेट‍िंग स्‍कैन, डॉक्‍टर से जानें क्‍यों जरूरी है यह जांच

Dating Scan: प्रेग्नेंसी की पहली त‍िमाही में होने वाली अल्‍ट्रासाउंड जांच को डेट‍िंग स्‍कैन कहते हैं। इस जांच से गर्भावस्था की स्‍टेज का पता चलता है।
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प्रेग्नेंसी की पहली त‍िमाही में होता है डेट‍िंग स्‍कैन, डॉक्‍टर से जानें क्‍यों जरूरी है यह जांच


Dating Scan in Pregnancy: प्रेग्नेंसी एक नाजुक समय होता है। इस दौरान सावधानी बरतने और सही जांच करवाने से प्रेग्नेंसी से ड‍िलीवरी तक की प्रक्र‍िया आसान बन जाती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान कई प्रकार की जांचें होती हैं, जिनमें से एक जरूरी जांच है डेटिंग स्कैन (Dating Scan)। यह जांच आमतौर पर पहली तिमाही में की जाती है और इस जांच की मदद से प्रेग्नेंसी की सही उम्र का पता लगाया जाता है। इस लेख में हम डेटिंग स्कैन के बारे में विस्तार से जानेंगे। साथ ही इसकी प्रक्रिया, फायदे और महत्व के बारे में चर्चा करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की सीनि‍यर गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

डेटिंग स्कैन क्या है?- What is Dating Scan in Pregnancy

dating scan in pregnancy

डेटिंग स्कैन एक अल्ट्रासाउंड स्कैन होता है जो प्रेग्नेंसी के समय की सही तारीख का पता लगाता है। यह जांच 6 से 14 सप्ताह के बीच की जाती है। इस दौरान, डॉक्टर गर्भ में पल रहे भ्रूण की लंबाई, आकार और विकास की स्थिति का आंकलन करते हैं।

डेटिंग स्कैन की प्रक्र‍िया- Dating Scan Procedure in Pregnancy

डेटिंग स्कैन की प्रक्रिया आसान होती है। इसमें एक अल्ट्रासाउंड मशीन के सामने लिटाया जाता है। जांच के दौरान, पेट पर जेल लगाया जाता है, जो मशीन के साथ सही संपर्क बनाने में मदद करती है। फिर, डॉक्टर अल्ट्रासाउंड मशीन का इस्‍तेमाल करके भ्रूण की हरकत की जांच करते हैं। इस स्कैन के दौरान, डॉक्टर भ्रूण की नाड़ी, उसकी स्थिति और उसके विकास की गति का भी मूल्यांकन क‍िया जाता है। इससे डॉक्‍टर को यह समझने में मदद मिलती है कि भ्रूण सही तरीके से विकसित हो रहा है या नहीं।

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डेटिंग स्कैन का महत्‍व- Dating Scan in Pregnancy Importance

  • डेटिंग स्कैन की मदद से गर्भावस्था की सही उम्र का पता लगाने में मदद म‍िलती है। इससे डिलीवरी की तारीख को तय करने में मदद म‍िलती है।
  • इस स्कैन से भ्रूण के विकास की स्थिति की भी जानकारी मिलती है। अगर भ्रूण का विकास सामान्य से कम या ज्यादा हो रहा है, तो डॉक्टर पर इस पर तुरंत ध्‍यान दे पाते हैं।
  • डेटिंग स्कैन से यह भी पता चलता है कि गर्भ सही स्थान पर है या नहीं। इससे एक्‍टोपिक प्रेग्नेंसी का खतरा कम होता है।
  • इस स्कैन के जरिए डॉक्टर यह भी जान सकते हैं कि क्या भ्रूण में कोई स्वास्थ्य संबंधी समस्या तो नहीं है, जिससे माता-पिता को आगे की तैयारी करने में मदद मिलती है।

कब और क्यों कराएं डेटिंग स्कैन?- Why and When to Go For Dating Scan in Pregnancy

डेटिंग स्कैन आमतौर पर गर्भावस्था के 6 से 14 सप्ताह के बीच कराया जाता है। अगर मासिक धर्म चक्र अनियमित है या आप सुनिश्चित नहीं हैं कि आपने कब गर्भधारण किया, तो यह स्कैन और भी जरूरी हो जाता है। डेटिंग स्कैन प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही का एक खास हिस्सा है। यह न केवल गर्भावस्था की सही उम्र का पता लगाता है, बल्कि भ्रूण के विकास की निगरानी और मां के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखता है। 

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