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Ovarian Cancer: मह‍िलाओं में होने वाली जानलेवा बीमारी है ओवेर‍ियन कैंसर, जानें कैसे होती है इसकी जांच

ओवेर‍ियन का कैंसर ज्‍यादातर 50 से 70 वर्ष की उम्र वाली महिलाओं को होता है। ब्‍लड टेस्‍ट, अल्‍ट्रासाउंड आद‍ि की मदद से इसका पता लगाया जाता है। 
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Ovarian Cancer: मह‍िलाओं में होने वाली जानलेवा बीमारी है ओवेर‍ियन कैंसर, जानें कैसे होती है इसकी जांच


Medical Tests For Ovarian Cancer: ओवेर‍ियन कैंसर का मतलब है अंडाशय में होने वाला कैंसर। यह समस्‍या मह‍िलाओं में होती है। अमेरिका में ओवेर‍ियन कैंसर दूसरा सबसे आम गाइनेकोलॉजिक कैंसर है। ओवेरियन कैंसर (अंडाशय का कैंसर) तब होता है जब अंडाशय की कोशिकाएं असामान्‍य रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। इसके कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ संभावित कारण हो सकते हैं। जैसे- उम्र बढ़ने के साथ ओवेरियन कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है, खासकर 50 साल की उम्र के बाद। मह‍िलाओं में हॉर्मोनल बदलाव के कारण भी ओवेर‍ियन कैंसर हो सकता है। अगर मह‍िला ने कभी गर्भधारण नहीं क‍िया है, तो भी कैंसर का जोख‍िम बढ़ सकता है। अगर आपको ओवेर‍ियन कैंसर के लक्षण महसूस हो रहे हों, तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाह‍िए। इसके अलावा ओवेर‍ियन कैंसर की पुष्टि के ल‍िए डॉक्‍टर जरूरी जांच करते हैं। इन टेस्‍ट के बारे में आगे बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के डफर‍िन हॉस्‍प‍िटल की वर‍िष्‍ठ गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ ल‍िल‍ि स‍िंह से बात की।  

ओवेर‍ियन कैंसर का पता कैसे चलता है?- Ovarian Cancer Signs 

ओवेर‍ियन कैंसर का पता इन लक्षणों से चलता है- 

  • ओवेरियन कैंसर के लक्षण अक्सर धीरे-धीरे बढ़ते हैं। ओवेर‍ियन कैंसर के कारण पेट में सूजन और दर्द महसूस हो सकता है।
  • मास‍िक धर्म के समय या बाद में असामान्‍य रक्‍तस्राव भी हो सकता है।
  • ओवेर‍ियन कैंसर के कारण पेट में गैस, कब्‍ज या सूजन जैसी समस्‍याएं भी हो सकती हैं।
  • कैंसर के कारण भूख में कमी या वजन घटने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
  • ओवेरि‍यन कैंसर होने पर बार-बार पेशाब जाना या अध‍िक थकान महसूस हो सकती है।  

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ओवेर‍ियन कैंसर का पता लगाने के ल‍िए जरूरी जांच- Important Tests For Ovarian Cancer

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ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के लिए इन जांचों का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है-

  1. सीए-125 (CA-125) नाम के टेस्ट की मदद से ओवेर‍ियन कैंसर का पता लगाया जाता है। यह एक तरह का ब्‍लड टेस्‍ट है। यह रक्‍त में मौजूद सीए-125 (CA-125) की मात्रा को मापता है। इस जांच की मदद से पता चलता है क‍ि मह‍िला को ओवेर‍ियन कैंसर है या नहीं।   
  2. अगर अन्य जांचों से कैंसर की संभावना की पुष्टि होती है, तो ट्यूमर के नमूने को बायोप्सी की मदद से लिया जाता है और पैथोलॉजिस्ट सैंपल को चेक करके कैंसर का पता लगाते हैं। 
  3. पेल्विक परीक्षण की मदद से डॉक्‍टर पेल्विक क्षेत्र की जांच करते हैं ताकि अंडाशय की असामान्य वृद्धि या सूजन की पहचान की जा सके।
  4. ट्रांसएब्डोमिनल या ट्रांसवैजाइनल अल्ट्रासाउंड से अंडाशय की स्थिति और आकार की जांच की जाती है, जिससे ट्यूमर की पहचान की जाती है।
  5. सीटी स्कैन (CT Scan) की मदद से कैंसर की स्टेज का पता लगाया जाता है। 
  6. अगर अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन से स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती है, तो डॉक्‍टर एमआरआई (MRI) भी करते हैं। 

ओवेर‍ियन कैंसर (Ovarian Cancer) से बचने के ल‍िए न‍ियम‍ित एक्‍सरसाइज करें, हेल्‍दी डाइट लें, नियमित स्क्रीनिंग करवाएं और असामान्‍य लक्षणों पर गौर करें।

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