Importance Of Syphilis Test In Pregnancy: प्रेग्नेंसी के दौरान, गर्भवती महिलाओं को इंफेक्शन और बीमारियों से सावधान रहना चाहिए। ऐसी ही एक बीमारी है सिफलिस (Syphilis)। सिफलिस एक यौन संचारित इंफेक्शन STI) है। इस इंफेक्शन को प्रेग्नेंसी में नजरअंदाज करने की भूल न करें। वरना समय से पहले डिलीवरी, स्टिल बर्थ, गर्भपात जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की मानें, तो प्रेग्नेंसी में हर महिला को सिफलिस की जांच जरूर करवाना चाहिए। अगर समय रहते जांच की जाए, तो सिफलिस का इलाज आसान होता है और मां व शिशु की सेहत पर बुरा असर नहीं पड़ता। समय पर सिफलिस का इलाज करवाने से गर्भस्थ शिशु को कई बीमारियों से बचाया जा सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि सिफलिस इंफेक्शन क्या होता है, सिफलिस की जांच, प्रेग्नेंसी में क्यों जरूरी है, साथ ही आपको बताएंगे कि यह टेस्ट कब और कैसे किया जाता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
सिफलिस क्या होता है?- What Is Syphilis
- सिफलिस एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन है, यह मुख्य रूप से यौन संबंध बनाने से फैलता है।
- सिफलिस के शुरुआती लक्षण- हल्के घाव, बुखार, दाने, सूजी हुई ग्रंथियां हो सकती हैं।
- सिफलिस इंफेक्शन शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है।
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प्रेग्नेंसी में सिफलिस खतरनाक है?- Syphilis In Pregnancy Is Dangerous Or Not
- हां प्रेग्नेंसी में सिफलिस होना खतरनाक है और गर्भस्थ शिशु के लिए जानलेवा भी हो सकता है।
- सिफलिस इंफेक्शन, प्लेसेंटा के जरिए भ्रूण तक पहुंच सकता है।
- प्रेग्नेंसी में सिफलिस के कारण गर्भपात, समय से पहले प्रसव या जन्मजात सिफलिस भी हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में सिफलिस टेस्ट कब कराएं?- When To Go For Syphilis Test In Pregnancy
- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सिफलिस की जांच करवाना चाहिए।
- दूसरी तिमाही या डिलीवरी से पहले भी सिफलिस की जांच करवा सकते हैं।
- अगर इंफेक्शन ज्यादा है, तो टेस्ट बार-बार किया जा सकता है।
सिफलिस टेस्ट कैसे किया जाता है?- How Syphilis Test Is Done
- सिफलिस की जांच करने के लिए सामान्य ब्लड टेस्ट किया जाता है जो वीडीआरएल या आरपीआर टेस्ट कहलाता है।
- सिफलिस की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर अन्य जांच की जाती हैं और डॉक्टर सिफलिस का इलाज शुरू करते हैं।
सिफलिस का इलाज कैसे किया जाता है?- How Syphilis Is Treated
- सिफलिस के इलाज के लिए पेनिसिलिन इंजेक्शन लेने की सलाह दी जाती है।
- समय पर इलाज करवाने से इंफेक्शन पूरी तरह से ठीक हो जाता है और शिशु को नुकसान से बचाया जा सकता है।
- सिफलिस के इलाज के बाद, इंफेक्शन दोबारा न हो इसके लिए डॉक्टर दोबारा फॉलो-अप टेस्ट की सलाह देते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान सिफलिस से कैसे बचें?- How To Prevent Syphilis In Pregnancy
- प्रेग्नेंसी के दौरान सिफलिस से बचने के लिए समय रहते जांच जरूरी है।
- यौन संबंध के दौरान सुरक्षा का ध्यान रखें।
- पार्टनर को भी टेस्ट करवाने के लिए प्रेरेित करें, ताकि इंफेक्शन दोबारा न हो।
- सिफलिस के लक्षणों को नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष:
सिफलिस एक इंफेक्शन है जो प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकता है, लेकिन इसे समय पर जांच की मदद से रोकना संभव है। सिफलिस का टेस्ट आसानी से हो जाता है इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान इसे कोई भी महिला करवा सकती है।
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FAQ
सिफलिस रोग कैसे होता है?
सिफलिस एक यौन संचारित इंफेक्शन है, जो ट्रेपोनेमा पैलिडम नाम के बैक्टीरिया से फैलता है। यह असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून या प्रेग्नेंसी के दौरान मां से शिशु में फैल सकता है।सिफलिस ठीक होने में कितना समय लगता है?
सिफलिस का इंजेक्शन यानी पेनिसिलिन लेने पर यह इंफेक्शन कुछ हफ्तों में ठीक हो सकता है। देर से इलाज शुरू करने पर सिफलिस रोग गंभीर हो जाता है और कई अंगों को प्रभावित कर देता है।सिफलिस और एचआईवी में क्या अंतर है?
सिफलिस एक तरह का बैक्टीरियल इंफेक्शन है जबकि एचआईवी एक वायरल इंफेक्शन है। वायरल इंफेक्शन का इलाज संभव है लेकिन इसे पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। वहीं दूसरी ओर, सिफलिस को दवा से ठीक किया जा सकता है।