
कोरोना वायरस की रफ्तार को कम करने के लिए देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत की गई है। लाखों लोगों को रोज कोविड वैक्सीन लग रही है। कोरोना वैक्सीन लेने के बाद लोगों में ब्लीडिंग और ब्लड क्लॉटिंग के बेहद मामूली मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा नेशनल एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (National Adverse Event Following Immunization) ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) को प्रस्तुत एक रिपोर्ट में कहा है। भारत में कोरोना वैक्सीन लेने के बाद खून बहने और ब्लड क्लॉटिंग के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन ये बहुत कम है। देश में इन स्थितियों के निदान की अपेक्षित संख्या के अनुरूप है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन लेने के बाद खून के थक्के जमने के 26 मामले सामने आए है। लेकिन यह एस्ट्रेजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन यानी कोविशील्ड वैक्सीन लेने वालों में ही सामने आए है। कोवैक्सीन पर अभी तक इस तरह के कोई मामले नहीं आए है। मंत्रालय ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कोविशील्ड लगने के 20 दिनों के भीतर अगर कोई भी तकलीफ हो तो अस्पताल जाने की सलाह दी है।
National AEFI (Adverse Event Following Immunization) Committee submits report to @MoHFW_INDIA
— PIB India (@PIB_India) May 18, 2021
Bleeding & clotting cases following #COVID19 vaccination in #India are 𝐦𝐢𝐧𝐢𝐬𝐜𝐮𝐥𝐞 & in line with the expected number of diagnoses of these conditions
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ये लक्षण दिखने पर करें वैक्सिनेशन सेंटर पर रिपोर्ट
भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने एक खास प्रेस रिलीज जारी की है, जिसमें उन्होंने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को कोविड की वैक्सीन लगवाने के बाद निम्न लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे अपने वैक्सिनेशन सेंटर पर इसे रिपोर्ट करना चाहिए।
- - सांस फूलना
- - सीने में दर्द
- - हाथ में सूजन या दर्द
- - अंगों में दर्द होना या अंगों में सूजन
- - इंजेक्शन वाले स्थान या उसके आस-पास की त्वचा पर लाल धब्बे होना
- - पेट में लगातार दर्द होना
- - लगातार उल्दी होना
- - लगातार सिरदर्द होना
- - मानसिक स्थिति में परिवर्तन होना
- - आंखों में दर्द या धुंधली दृष्टि

26 लोगों में मिले हैं ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण (26 Cases of Blood Clotting Symptoms Recorded)
राष्ट्रीय एईएफआई (National AEFI) समिति ने बताया कि 3 अप्रैल 2021 तक 7.5 करोड़ वैक्सीन की डोज दी गई थी, जिसमें से 6.5 पहली डोज थी और लगभग 1 करोड़ दूसरी डोज थी। इस दौरान 684 जिलों में से कुल 23 हजार मामलों की शिकायत दर्ज की गई थी। इनमें से 700 मामले बेहद गंभीर बताए गए थे। गंभीर मामलों में से कमेटी ने 498 मामलों का गंभीरता से अध्ययन किया, जिसमें 26 मामले ऐसे थे, जिनमें ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण पाए गए थे। कमेटी ने बताया कि ये मामले कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले लोगों में पाए गए हैं। कोवैक्सीन लेने वालों में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। भारत में मिलने वाले ये मामले बेहद कम लेकिन ठोस है। भारत में प्रति दस लाख डोज में 0.6 केस सामने आए है, जबकि अमेरिका में प्रति दस लाख 4 केस सामने आ रहे है।
- - 26 लोगों में वैक्सीन लेने के बाद ब्लड क्लॉटिंग के लक्षण सामने आए है।
- - कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले लोगों में यह समस्या सामने आ रही है।
- - कोवैक्सीन लेने वालों में अभी तक ब्लड क्लॉटिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है।
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कोरोना वायरस से बचाव के लिए देशभर में कोविशील्ड वैक्सीन भी लगाई जा रही है। यह शरीर में एंटीबॉडी बनाने और कोरोना से बचाव करने में मदद करता है। यह कोरोना के जोखिम को काफी हद तक कम कर देता है। देश में 27 अप्रैल 2021 तक कोविशील्ड की 13.4 करोड़ से अधिक खुराद दी जा चुकी है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय देश में लगाई जा रही कोरोना वैक्सीन की सुरक्षा की लगातार निगरानी कर रहा है। ऐसे में आपको घबराने या डरने की जरूरत नहीं है।
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