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जावित्री का सेवन किन समस्याओं में नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें

औषधीय गुणों से भरपूर जावित्री का सेवन करने से स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। आइए लेख में जानें -
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जावित्री का सेवन किन समस्याओं में नहीं करना चाहिए? एक्सपर्ट से जानें


Kin Logo Ko Nahi Khani Cahiye Javitri In Hindi: जावित्री, जिसको मेस (Mace) के नाम से जाना जाता है। यह लाल रंग का खुशबूदार मसाला होता है, जिसको खाना बनाने और उसका स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। औषधीय गुणों से भरपूर जावित्री में बहुत से पोषक तत्व पाए जाते हैं। जावित्री का आयुर्वेदिक चिकित्सा में इस्तेमाल किया जाता है। इसका सेवन करने से पाचन में सुधार करने और भूख में सुधार करने जैसे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं। लेकिन कुछ लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। कई बार गलत तरीके से इसका इस्तेमाल करने से लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आइए सेक्टर-12 में स्थित, अर्चित आयुर्वेदिक क्लिनिक के डॉ. अनंत त्रिपाठी (Dr. Anant Tripathi of Archit Ayurvedic Clinic, Sector 12, Noida) से जानें किन समस्याओं में जावित्री का सेवन करने से बचना चाहिए?

किन लोगों को नहीं करना चाहिए जावित्री का सेवन? - Who Should Not Consume Javitri?

प्रेग्नेंसी में न खाएं

जावित्री की तासीर गर्म होती है। ऐसे में प्रेग्नेंसी के दौरान इसका सेवन करने से बचने की सलाह दी जाती है, खासकर अधिक मात्रा में न खाने की सलाह दी जाती है। इस मसाले में मिरिस्टिसिन और एलेमिसिन जैसे कंपाउड होते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है, हार्मोन्स के कार्यों पर असर डालता है, साथ ही, इससे गर्भाशय के संकुचन (Contractions) को बढ़ावा देता है, जिसके कारण बच्चे का समस्या से पहले जन्म होने (Premature Delivery), महिलाओं को समय से पहले दर्द होने (Premature Labor) या गर्भपात (Miscarriage) जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

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ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाएं

ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को जावित्री का सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और इसके सेवन से बचना चाहिए। इसमें मौजूद एक्टिव कंपाउंड ब्रेस्ट के दूध में जा सकते हैं। जिसके कारण बच्चे के स्वास्थ्य और उसकी शारीरिक और मानसिक ग्रोथ पर पड़ता है। कई बार इसके कारण बच्चे को पाचन से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।

लो इम्यूनिटी की समस्या में

लो इम्यूनिटी या जल्दी बीमार पड़ने वाले लोगों, बीमारी से उबरने वाले या किसी बीमारी से पीड़ित होने पर लोगों को जावित्री का सेवन करने से बचना चाहिए। इसमें बायोएक्टिव कंपाउंड होते हैं, जो सेंसिटिव लोगों में सूजन बढ़ने और ऑटोइम्यून की कार्यों क्षमता पर असर डालता है।

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एलर्जी की समस्या में

कई बार कुछ लोगों को जावित्री से एलर्जी होती है। ऐसे में इन लोगों को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। ऐसे में इसका सेवन करने से लोगों को स्किन पर रैशेज होने, खुजली होने, पेट खराब होने, सांस लेने में परेशानी होने और कई बार होठों, जीभ और गले पर सूजन आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

उल्टी-मतली या मुंह सूखने की समस्या में

पाचन तंत्र में सुधार करने के लिए जावित्री का सेवन सीमित मात्रा में किया जाता है, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से पेट में गैस्ट्रिक एसिड को बढ़ावा मिलता है और पेट में गर्मी बढ़ने लगती है, जिसके कारण लोगों को मतली, उल्टी ( Nausea), बेचैनी होने की समस्या हो सकती है। कई बार यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं (Gastrointestinal Problems) का कारण भी बन सकता है। इसके अलावा, कई बार लोग मुंह सूखने की समस्या से परेशान रहते हैं। ऐसे में इन लोगों को जावित्री का सेवन करने से बचना चाहिए। जावित्री का अधिक सेवन करने के कारण मुंह में लार का उत्पादन कम हो सकता है, जिसके कारण ड्राई माउथ (Dry Mouth) और ओरल इंफेक्शन (Oral Infections) का खतरा बढ़ सकता है।

चक्कर आने की समस्या में

जावित्री में मौजूद मिरिस्टिसिन कंपाउड मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है। ऐसे में इसका अधिक सेवन करने से बचना चाहिए। अगर जावित्री का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो लोगों को चक्कर आने (Dizziness) और भ्रम होने (Hallucinations) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को पहले से चक्कर आने की समस्या होती है, तो इसका सेवन करने से बचें।

अनियमित हार्ट बीट में

कई लोग अनियमित हार्ट बीट (Irregular Heartbeat) और हार्ट से जुड़ी समस्याओं से परेशान रहते हैं। ऐसे में इन लोगों को जावित्री का सेवन करने से बचना चाहिए। इसमें मौजूद कंपाउंड नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे हार्ट बीट पर असर हो सकता है। ऐसे में पहले से अनियमित हार्ट बीट की समस्या से पीड़ित लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। 

निष्कर्ष

प्रेग्नेंसी में, ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं, चक्कर आने, लो इम्यूनिटी, अनियमित हार्ट बीट, एलर्जी होने, उल्टी या मतली और मुंह सूखने की समस्या से पीड़ित लोगों को जावित्री का सेवन करने से बचना चाहिए। इसका अधिक सेवन करने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती है। ध्यान रहे, इसका सेवन सीमित मात्रा में डॉक्टर की सलाह के साथ करें और कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • 1 दिन में कितना जावित्री खाना चाहिए?

    औषधीय गुणों से भरपूर जावित्री एक मसाला है। इसका इस्तेमाल खाना पकाने के दौरान किया जाता है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना बेहद जरूरी है। ऐसे में 1 दिन में 2 ग्राम जावित्री से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए। 
  • जावित्री की तासीर क्या होती है?

    हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर जावित्री मसाले का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए कई तरीकों से फायदेमंद है, लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है। ऐसे में इसका अधिक सेवन करने से बचें और सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करें। 
  • जावित्री किस काम आती है?

    जावित्री में बहुत से गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन करने से जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने, पाचन को दुरुस्त करने, अनिद्रा से राहत देने, भूख को बढ़ावा देने, इम्यूनिटी को बूस्ट करने, सर्दी-जुकाम और त्वचा में सुधार करने में मदद मिलती है।

 

 

 

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