डिलीवरी के बाद महिलाओं को क्यों होती है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज की समस्या, डॉक्टर से जानें इसके बचाव का तरीक

Postpartum Gastrointestinal Diseases : यदि डिलीवरी के बाद आपको भी हो रही है पेट संबंधी समस्या, तो डॉक्टर से जानें इसके बचाव का उपाय। 

 

Vikas Arya
Written by: Vikas AryaUpdated at: May 11, 2023 18:32 IST
डिलीवरी के बाद महिलाओं को क्यों होती है गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज की समस्या, डॉक्टर से जानें इसके बचाव का तरीक

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Postpartum Gastrointestinal Diseases in Hindi : डिलीवरी के बाद महिलाओं के हार्मोन का स्तर सामान्य होने लगता है। ऐसे में उनको कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समय अधिकतर महिलाओं को पेट संबंधी समस्या हो सकती है। इसमें पाचन क्रिया प्रभावित होना सबसे आम समस्या में से एक मानी जाती है। डिलीवरी के बाद महिलाओं के पेट पर पड़ने वाले भ्रूण का दबाव कम हो जाता है, ऐसे में पाचन क्रिया पर प्रभाव पड़ता है। जिस वजह से महिलाओं को पोस्टपार्टम गैस्ट्रोइंंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं। इस दौरान महिलाओं को कब्ज, गैस, पेट फूलना, स्ट्रेस, बाउल मूवमेंट को कंट्रोल करने में परेशानी व गट लीक (आहार से प्रोटीन खून में मिलना) आदि की समस्या हो सकती है। इस लेख में दिल्ली के सीके बिरला अस्पताल के स्री रोग विभाग की लीड कंसल्टेंट डॉक्टर निविदिता कॉल से जानते हैं कि किन कारणों से डिलीवरी के बाद महिलाओं को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज होते हैं। साथ ही, इसके बचाव के भी कुछ टिप्स दिए गए हैं।

डिलीवरी के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज होने के कारण - Causes Of Postpartum Gastrointestinal Disease In Hindi

हार्मोन में बदलाव होना

हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से पोस्टपार्टम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज की समस्या हो सकती है। डिलीवरी के बाद होने वाली सूजन को ठीक होने में कई महीने लग जाते हैं। ऐसे में पेट संबंधी समस्या होना एक आम बात है।

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postpartum gastrointestinal disease in hindi

एंटीबॉयोटिक दवाओं का उपयोग

डिलीवरी के बाद महिला की रिकवरी के लिए डॉक्टर एंटीबॉयोटिक दवाएं देते हैं। इन दवाओं के सेवन से पेट में मौजूद गुड बैक्टीरिया प्रभावित हैं, जिसकी वजह से पेट संबंधी समस्या हो सकती है।

डाइट में पोषक तत्वों की कमी

डाइट में पोषक तत्व न लेने के कारण महिलाओं को पेट संबंधी समस्याएं हो सकती है। डाइट में शुगर लेने से डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई तरह की समस्याओं को सामना करना पड़ सकता है।

गंभीर रोग होना

नर्वस सिस्टम से संबंधी समस्या, डायबिटीज व ऑटोइम्यून डिजीज वाली महिलाओं को डिलीवरी के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज होने की समस्या हो सकती है।

डिलीवरी के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज का कैसे बचाव करें - Prevention Tips For Postpartum Gastrointestinal Disease In Hindi

डिलीवरी के बाद गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज के बचाव के टिप्स पुणे बनेर स्थित मणिपाल अस्पताल के गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के कंसलटेंट डॉ. अमोल डाहले ने विस्तार से बताए। 

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

डिलीवरी के बाद पेट संबंधी समस्या जेसै कब्ज की स्थिति में आपको पर्याप्त पानी पीना चाहिए। सुबह के समय हल्का गुनगुना पानी पीने से आपका मल शॉफ्ट होता है और आपको कब्ज की समस्या में आराम मिलता है।

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फाइबर युक्त आहार का सेवन करें

डाइट में आपको फाइबर युक्त आहार को शामिल करना चाहिए। फाइबर युक्त आहार आपके पाचन तंत्र को बेहतर करने का काम करते हैं। इसके लिए आप फल, सब्जियों और नट्स को डाइट में शामिल कर सकते हैं।

रोजाना एक्सरसाइज करें

रोजाना एक्सरसाइज करने से आपकी कई समस्याएं दूर होती है। डिलीवरी के बाद पेट की समस्या को दूर करने और पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए आप रोजाना सुबह पेट से जुड़ी एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं।

गैस बनाने वाली चीजों को न खाएं

कुछ चीजों को खाने से गैस संबंधी समस्या हो सकती है। इस समय छोले, राजमा और गोभी आदि चीजों को डाइट में शामिल नहीं करना चाहिए।

डिलीवरी के बाद आपको गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग की वजह से अधिक परेशानी हो रही है, तो ऐसे में अपने डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।

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