
Danto Ki Safai Kyon Jaruri Hai: बचपन से ही हमसे कहा जाता है कि हमें अपने दांतों की नियमित सफाई करनी चाहिए। दांतों की सफाई और हाइजीन का ध्यान रखा जाए, तो दांतों में कीड़े नहीं लगते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर घरों में छोटे बच्चों को सुबह और रात को सोने से पहले यानी दो बार ब्रश करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, आपने देखा होगा कि वयस्क लोग दिन में सिर्फ एक बार ब्रश करने को इंपॉर्टेंस देते हैं। जबकि, ऐसा किया जाना सही नहीं है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आखिर ओरल हाइजीन और दांतों की नियमित सफाई क्यों जरूरी होती है और इसके कितने फायदे हो सकते हैं। इस बारे में हमने शारदा अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार-इंटरनल मेडिसिन डॉ. श्रेय श्रीवास्तव से बात की। (Danto Ki Safai Karne Ke Fayde)
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दांतों की नियमित सफाई करने के फायदे- Dental Hygiene Importance In Hindi
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दांतों को सड़ने से बचाता है
जब आप नियमित रूप से दांतों की साफ-सफाई रखते हैं, प्रॉपर ओरल हाइजीन को महत्व देते हैं, तो दांतों में सड़न की दिक्कत नहीं आती है। आपको बता दें कि दांतों में सड़न की दिक्कत क्यों होती है? दरअसल, जब आप कुछ भी खाते हैं और ओरल हाइजीन पर ध्यान नहीं देते हैं, तो इस स्थिति में दांतों के बीच खाने की चीजें फंस जाती हैं। अगर लंबे समय तक चीजें दांतों के बीच फंस जाए, तो इस स्थिति में मुंह के अंदर बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो धीरे-धीरे दांतों को डैमेज करने लगते हैं। इससे दांतों सड़न पैदा हो जाती है। ओरल हाइजीन का ध्यान रखने से ऐसी दिक्कत नहीं आती है।
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मसूड़ों को लाभ
ओरल हाइजीन का ध्यान न रखने पर मसूड़ों से संबंधित दिक्कतें भी होने लगती हैं। वहीं, जब आप नियमित रूप से ब्रश करते हैं, तो इससे दांतों के बीच प्लाक नहीं जमता। साथ ही, बैक्टीरिया के पनपने का रिस्क भी कम हो जाता है। ध्यान रखें कि जब आप दांतों की प्रॉपर सफाई करते हैं, तो इसकी वजह से मूसड़े भी कमजोर हो जाती है। कमजोर मसूड़ों की वजह से दांत कमजोर होकर उम्र से पहले ही टूट जाते हैं। नियमित रूप से ब्रश करने और मुंह की साफ-सफाई का ध्यान रखने से मसूड़ों को नुकसान नहीं होता है।
मुंह से बदबू में कमी
जो लोग ओरल हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं, उनके मुंह से बदबू आने की समस्या भी देखी गई है। दांतां के बीच जमे प्लाक और मुंह में बैक्टीरिया बनने के कारण सांसों की बदबू की समस्या भी बढ़ जाती है। ध्यान रखें कि मुंह से बदबू आने पर लोगों के साथ बातचीत के दौरान दिक्कतें आती हैं, कॉन्फिडेंस लूज हो जाता है। यही नहीं, अक्सर लोग ऐसे व्यक्ति से बात करने से बचते हैं, जिनकी मुंह से बदबू आती है। ऐसे में जरूरी है कि आप नियिमत रूप से ब्रश करें और समय-समय पर डॉक्टर के पास जाकर दांतों की क्लीनिंग करवाएं ताकि मुंह से बदबू न आए।
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अन्य डिजीज का रिस्क
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब आप ओवर हाइजीन का ध्यान नहीं रखते हैं, तो कई अन्य बीमारी होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसमें हाई डिजीज और डायबिटीज जैसी मेडिकल कंडीशन भी शामिल हैं। यहां आप जानना चाहेंगे कि आखिर खराब ओरल हाइजीन और हार्ट डिजीज के बीच क्या संबंध है? Harvard Health में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, "पुअर ओरल हाइजीन की वजह से मसूड़ों में बैक्टीरिया लग सकते हैं। जो बैक्टीरिया मसूड़ों को संक्रमित करते हैं, मसूड़े की सूजन और पीरियोडोंटाइटिस का कारण बनते हैं। वही बैक्टीरिया शरीर में ब्लड फ्लो के जरिए व्लड वेसल्स तक पहुंच जाते हैं। समय पर इनका ध्यान न रखा जाए, तो रक्त वाहिकाओं में सूजन हो जाती है और वे क्षतिग्रस्त हो सकती हैं। इस स्थिति में छोटे रक्त के थक्के बनने लगते हैं, जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है।’ कुल मिलाकर आप कह सकते हैं कि नियमित रूप से दांतों की सफाई करवाने से आप संक्रमण और गंभीर डिजीज के जोखिम को भी कम करते हैं।"
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FAQ
दांतों की सफाई करवाने से क्या होता है?
दांतों की सफाई करवाने से कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है, जैसे मसूड़े स्वस्थ होते हैं, कैविटी का रिस्क कम होता है और दांत स्वस्था तथा चमकदार बनते हैं।क्या दांतों की गहरी सफाई जरूरी है?
दांतों की नियमित सफाई जरूरी है। इसके साथ ही समय-समय पर दांतों की डीप क्लीनिंग भी आवश्यक होते हैं। असलन में, कई बार दांतों के बीच फंसे खाने के कण ब्रश की मदद से नहीं निकलते हैं। ऐसे में डीप क्लीनिंग की मदद से दांतों की अच्छी सफाई हो जाती है।दांतों की सफाई कितने महीने में करनी चाहिए?
दांतों की सफाई नियमित करनी चाहिए। हां, डॉक्टर के पास जाकर डीप क्लीनिंग आप 6 माह में एक बार करवा सकते हैं। यह ओरल हाईजीन का प्रॉपर तरीका होता है।
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Nov 04, 2025 15:44 IST
Published By : Anurag Gupta