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मिसकैरेज के बाद गर्भाशय की सफाई कब और क्यों जरूरी होती है? बता रही हैं डॉक्टर

मिसकैरेज होने के बाद आमतौर पर गर्भाशय अपने आप साफ हो जाता है। लेकिन, कुछ स्थितियों में गर्भशय की सफाई करवानी जरूरी हो जाती है. आइए जानते हैं कब और क्यों जरूरी होती है मिसकैरेज के बाद गर्भशय की सफाई 
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मिसकैरेज के बाद गर्भाशय की सफाई कब और क्यों जरूरी होती है? बता रही हैं डॉक्टर


गर्भपात यानी मिसकैरेज किसी भी महिला के लिए शारीरिक और मानसिक रूप तनाव भरा हो सकता है। मिसकैरेज होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसके बाद महिला का गर्भाशय पूरी तरह साफ होना बहुत जरूरी होता है। अगर मिसकैरेज के बाद गर्भाशय में टिशू रह जाए तो इससे महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। दरअसल अधूरे मिसकैरेज में टिशू अपने आप बाहर नहीं आते हैं और महिला को शारीरिक रूप से कमजोर कर सकते हैं। मिसकैरेज शारीरिक और इमोशनल तौर पर बहुत मुश्किल अनुभव होता है। लेकिन, गर्भाशय की सफाई होना महिला के संपूर्ण स्वास्थ्य और आगे की प्रेग्नेंसी के लिए बहुत जरूरी होता है। आमतौर पर दवाई की मदद से महिलाओं का गर्भापात पूरा कराने की कोशिश की जाती है।

लेकिन, कुछ मामलों में मिसकैरेज के बाद गर्भाशय की सफाई करवाने की जरूरत पड़ सकती है। कानपुर के पारस हेल्थ की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गाइनेकोलॉजी डॉ. प्रीति शुक्ला (Dr. Preeti Shukla, Senior consultant, Obstetrics and Gynaecology,Paras Health Kanpur) के अनुसार, "जब गर्भपात पूरा नहीं होता या टिशू अपने आप बाहर नहीं आते, तो सक्शन एंड इवैक्यूएशन या डाइलेशन एंड क्यूरेटेज (D&C) जैसे प्रोसीजर किए जाते हैं, जो गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई के लिए ज्यादा सही और प्रभावी तरीका माना जाता है।" ऐसे में आइए जानते हैं कि मिसकैरेज के बाद गर्भाशय की सफाई की जरूरत कब और क्यों पड़ती है?

गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई कब जरूरी होती है? - When is d&c Necessary After Miscarriage in Hindi?

डॉ. प्रीति शुक्ला की माने तो, "ज्यादातर मामलों में गर्भपात नेचुरल रूप से पूरा हो जाता है और महिला का शरीर खुद ही भ्रूण और उससे जुड़े टिशू को बाहर निकाल देता है। लेकिन कुछ मामलों में ऐसा नहीं हो पाता और गर्भाशय (Uterus) में कुछ अवशेष रह जाते हैं। ऐसे समय पर यूट्रस की सफाई करनी जरूरी हो जाती है।" गर्भाशय की सफाई आमतौर पर कुछ ही स्थितियों में की जाती है, जिसमें-

  • इनकम्पलीट मिसकैरेज: अगर गर्भपात पूरी तरह नहीं हुआ है और गर्भाशय में कुछ भ्रूण और उससे जुड़े टिशू रह गए हैं, तो सफाई करवाना जरूरी हो जाता है।
  • हेवी ब्लीडिंग: मिसकैरेज के बाद अगर महिला को लगातार हैवी ब्लीडिंग हो रही है, तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि गर्भाशय पूरी तरह साफ नहीं हुआ है। इस स्थिति में भी गर्भाशय की सफाई जरूरी होती है।
  • इंफेक्शन के लक्षण: मिसकैरेज के बाद बुखार, पेट दर्द, बदबूदार वेजाइनल डिस्चार्ज आदि पेट में इंफेक्शन के संकेत हो सकते हैं और इस स्थिति में पेट की सफाई करवानी जरूरी होती है।
  • अल्ट्रासाउंड में टिशू दिखाई देना: मिसकैरेज के बाद अगर सोनोग्राफी करवाने पर यूट्रस में टिशू या ब्लड क्लॉट्स दिखते हैं, तो डॉक्टर सफाई करवाने की सलाह देते हैं।
  • लंबे समय तक दर्द: अगर मिसकैरेज के बाद महिला को लगातार पेट या पीठ में दर्द बना रहता है, तो इसका कारण यूट्रस में बचा हुआ टिशू हो सकता है। इस स्थिति में भी महिला को जांच करवाकर डॉक्टर की सलाह पर सफाई करवाने की जरूरत प़ड़ सकती है।

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यूट्रस की सफाई क्यों जरूरी होती है? - Why is Uterus Cleaning Necessary After Miscarriage in Hindi?

डॉ. प्रीति शुक्ला का कहना है कि, "मिसकैरेज के बाद यूट्रेस की सफाई महिला के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर गर्भाशय सही तरह से साफ नहीं होता है, तो इसका असर सेहत पर नकारात्मक तौर पर पड़ सकता है।" इसलिए, कई कारणों से गर्भपात के बाद बच्चेदानी की सफाई जरूरी हो सकती है, जिससे-

  • संक्रमण से बचाव: अगर गर्भाशय में टिशू रह जाए, तो वह सड़ सकता है और इससे महिला को गंभीर इंफेक्शन हो सकता है, जिसे सेप्सिस कहा जाता है।
  • भविष्य की हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए: अगर मिसकैरेज के बाद गर्भाशय में कोई समस्या रह जाती है, तो यह आगे चलकर इनफर्टिलिटी या गर्भधारण में परेशानी का कारण बन सकती है।
  • शरीर को जल्दी ठीक होने के लिए: जब गर्भाशय पूरी तरह साफ होता है, तो महिला का शरीर जल्दी रिकवर करता है और पीरियड्स भी नॉर्मल समय में वापस आने लगता है।
  • इमोशनल हेल्थ के लिए: कई महिलाएं मिसकैरेज के बाद मानसिक रूप से बहुत परेशान होती हैं। जब उन्हें यह विश्वास होता है कि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब कोई समस्या नहीं है, तो उन्हें मानसिक रूप से राहत मिलती है।

क्या हर महिला के लिए गर्भाशय की सफाई जरूरी है? - Is It Necessary To Clean Uterus After Miscarriage in Hindi?

डॉ. प्रीति शुक्ला के अनुसार, "हर मामले में मिसकैरेज के बाद यूट्रस की सफाई जरूरी नहीं होती। अगर गर्भपात अपने आप पूरी तरह हो गया है और महिला को कोई लक्षण या समस्या नहीं हैं, तो गर्भाशय की सफाई की जरूरत नहीं पड़ती।" कई मामलों में डॉक्टर दवाइयों के जरिए भी यूट्रस को साफ करने का विकल्प देते हैं, जो गर्भाशय को संकुचित करके टिशू को बाहर निकालने में मदद करती हैं। अगर दवाएं काम नहीं करतीं, तभी सर्जिकल क्लीनिंग की मदद से गर्भाशय की सफाई की जरूरत पड़ती है।

निष्कर्ष

मिसकैरेज किसी भी महिला के लिए शारीरिक और मानसिक तौर पर परेशान होने वाली स्थिति है। ऐसे में गर्भाशय की सफाई की जरूरत महिला की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करती है। यह प्रक्रिया महिलाओं के लिए आमतौर पर तब जरूरी होती है, जब मिसकैरेज अधूर हो, इंफेक्शन का खतरा हो या फिर महिला को बहुत ज्याद ब्लीडिंग हो। इसलिए, मिसकैरेज के बाद अगर आपके शरीर में कोई समस्या नजर आए तो बिना देर किए डॉक्टर से कंसल्ट करें।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • मिसकैरेज होने पर कितने दिन ब्लीडिंग होती है?

    मिसकैरेज के बाद महिलाओं को ब्लीडिंग होना आप है, जो 2 हफ्ते तक जारी रह सकती है। प्रेग्नेंसी के टिशू निकलने के बाद महिलाओं को 2 हफ्ते तक हल्की ब्लीडिंग हो सकती है।
  • गर्भपात से ठीक होने में शरीर को कितना समय लगता है?

    मिसकैरेज के बाद महिालओं को ठीक होने पर कुछ हफ्तों से कुछ महीनों तक का समय लग सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि महिला का मिसकैरेज प्रेग्नेंसी के किस महीने और कैसे हुआ था।
  • मिसकैरेज होने के बाद क्या करना चाहिए?

    मिसकैरेज के बाद शारीरिक और इमोशनल रूप से महिलाओं को ठीक होने में समय लगता है। इसलिए, इस दौरान उन्हें आराम करने, हेल्दी डाइट लेने और अपने इमोशन्स को कंट्रोल करने की जरूरत होती है।

 

 

 

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