महिलाओं को अक्सर ये कन्फ्यूजन रहता है कि पहली और दूसरी प्रेगनेंसी के बीच आखिर कितना गैप होना चाहिए। ये सवाल महिलाओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बेहद महत्वपूर्ण है क्योंंकि जल्दी दूसरी प्रेगनेंसी प्लान करने के कारण प्रेगनेंसी में रिस्क बढ़ जाता है जिससे मां और बच्चे दोनों की सेहत को खतरा होता है। ये मुद्दा जितना स्वास्थ्य से जुड़ा है उतना ही सामाजिक भी है, महिलाओं के साथ-साथ पुरुष और हर वर्ग के लोगों को ये समझना चाहिए कि एक प्रेगनेंसी के बाद महिला के शरीर को आराम और रिकवरी की जरूरत होती है, अगर आप दो प्रेगनेंसी के बीच पर्याप्त गैप नहीं देंगे तो महिला की जान को खतरा रहता है। गांव-देहात के साथ शहरों में भी इस जानकारी के अभाव में हर साल न जाने कितनी जानें जाती हैं पर दो प्रेगनेंसी के बीच सही गैप क्या होना चाहिए इसके बारे में हम आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
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पहली और दूसरी प्रेगनेंसी के बीच हो 2 साल का गैप (Ideal gap between two pregnancies)
गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा ने बताया कि आपको पहली और दूसरी प्रेगनेंसी के बीच दो साल का गैप रखना चाहिए। चाहे प्रेगनेंसी सीजेरियन यानी ऑपरेशन के जरिए हो या नॉर्मल डिलीवरी हो, कम से कम 2 साल का गैप जरूरी है। दो प्रेगनेंसी के बीच 2 से 5 साल या इससे ज्यादा का भी गैप हो सकता है पर आपको कम से कम दो साल का गैप बरकरार रखना चाहिए इससे मां और बच्चा दोनों हेल्दी रहते हैं।
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एबॉर्शन की स्थिति में 6 महीने का गैप रखें
डॉ दीपा ने बताया कि अगर किसी कारण से आपका एबॉर्शन हुआ है तो आप डॉक्टर की सलाह पर 6 महीने बाद दोबारा प्रेगनेंसी प्लान कर सकते हैं। डॉ दीपा के मुताबिक ओपीडी में ऐसी कई महिलाएं आती हैं जो गांव नहीं बल्कि शहरों से होती हैं उन्हें प्रेगनेंसी प्लान करने का सही समय पता नहीं होता। कुछ तो पहली प्रेगनेंसी के एक साल बाद ही दूसरी प्रेगनेंसी प्लान कर लेती हैं, हम ऐसे मरीजों की काउंसलिंग करते हैं और उन्हें इसके नुकसान के बारे में बताते हैं।
गैप न रखने पर बिगड़ सकती है बच्चों की सेहत (Side effects of less gap between two pregnancies)
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दो प्रेगनेंसी के बीच सही गैप न रखने के कारण आपके दोनों बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। जो बच्चा गर्भ है उसे सही पोषण नहीं मिल सकेगा क्योंकि मां के शरीर को रिकवरी का समय चाहिए होता है। अगर इस समय आप प्रेगनेंसी प्लान कर लेंगी तो होने वाले बच्चे को आपके शरीर से कैल्शियम और बाकि जरूरी पोषक तत्व नहीं मिलेंगी इसके अलावा प्रीमेच्योर डिलीवर और लो बर्थ वेट का खतरा भी बढ़ता है तो वहीं दूसरी ओर पहले बच्चे के लिए भी प्रेगनेंसी जल्दी प्लान करना ठीक नहीं है क्योंकि इससे आपको बच्चे को स्तनपान करवाने और बच्चे की देखभाल करने में समस्या हो सकती है।
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गैप रखने के लिए गर्भनिरोधक तरीके अपनाएं (Use contraceptive options)
गर्भ को रोकने के लिए आप कई तरीके अपना सकते हैं जैसे-
- आप हार्मोनल इंजेक्शन ले सकते हैं, इन इंजेक्शन को तीन माह में एक बार लिया जाता है।
- कई महिलाएं कॉपर-टी अपनाती हैं जो कि एक इंट्रा यूटेराइन डिवाइस है और T आकार का होता है।
- गर्भनिरोधक दवाओं की मदद से भी अनचाहे गर्भ को रोका जा सकता है।
- कंडोम्स का इस्तेमाल, सबसे सेफ गर्भनिरोधक उपाय माना जाता है।
प्रेगनेंसी में दो साल का गैप जरूर करें, इससे मां और दोनों बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहेगा और आप एक स्वस्थ परिवार बना सकेंगे।
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