अगर आप दूसरा बच्चा प्लान कर रहे हैं तो उससे पहले आपको जान लेना चाहिए कि पहले और दूसरे बच्चे के बीच कितना फर्क होना चाहिए। इसके लिए आपको सबसे पहले दूसरे बच्चे को लाने का कारण जानना है, क्या आप दूसरे बच्चे को इसलिए ला रहे हैं क्योंकि पहला अकेला महसूस करता है या कोई अन्य कारण है पर आपको अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले आर्थिक स्थिति, अपना स्वास्थ्य और दो बच्चों के बीच सही गैप के बारे में जरूर सोचना चाहिए। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि दो बच्चों के बीच कितना गैप होना चाहिए और उससे जुड़ी कुछ जरूरी बातें। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ लिलि सिंह से बात की।
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दो बच्चों के बीच कितना गैप करें? (Gap between two kids)
अगर आपने प्लान कर लिया है कि आपको दूसरा बच्चा चाहिए तो पहले और दूसरे बच्चे के बीच सही एज गैप मेनटेन करें। आपको खुद के शरीर को कम से कम 18 महीने का समय देना होगा, उसके बाद ही आप दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान कर सकती हैं। दो बच्चों के बीच आप 2 से 4 साल का गैप कर सकती हैं, ये गैप आपके लिए भी अच्छा होगा, स्तनपान की प्रक्रिया और बच्चों को संभालने की प्रैक्टिस आपको एक ही पीरियड में काम आ सकती है। हालांकि अगर पति-पत्नी अलग रहते हैं तो एक ही एज ग्रुप के दो बच्चों को संभालना किसी एक इंसान के लिए मुश्किल हो सकता है। जब दो बच्चों में उम्र का गैप कम होता है तो आप बच्चों के उनके पूरे बचपन के दौरान पूरी तरह से संभाल सकती हैं।
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दो बच्चों में कम गैप बिगाड़ सकता है मानसिक स्वास्थ्य
अगर दो बच्चों के बीच गैप कम है तो आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है क्योंकि दो बच्चों को संभालने का जिम्मा आपके ऊपर एक साथ आएगा जिसके चलते ज्यादातर पैरेंट्स स्ट्रेस में आ जाते हैं और उन्हें डिप्रेशन जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। अगर आपको पहले ही बच्चे को संभालने में मुश्किल आ रही है तो दूसरे बच्चे को प्लान करने के लिए थोड़ा गैप कर सकते हैं।
अपनी हेल्थ को प्राथमिकता दें
कई महिलाओं का शरीर दूसरे बच्चे के लिए तैयार नहीं होता फिर भी वो दूसरी प्रेग्नेंसी के बारे में सोचती हैं, ऐसा करना सही नहीं है। आपको दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले डॉक्टर के पास जाकर जांच करवानी चाहिए ताकि आपको पता चले कि आपका शरीर प्रेग्नेंसी के लायक है भी या नहीं।
आर्थिक स्थिति को भी देखें
आपको दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले अपनी आर्थिक स्थिति का भी ध्यान रखना है। दूसरे बच्चे की प्लानिंग करते समय आपको इस बात का ध्यान रखना है कि उसका असर पहले बच्चे पर न आए या उसके खर्चे से आपको कटौती न करनी पड़े।
ज्यादा गैप से प्रेग्नेंसी में आ सकती है अड़चन (Side effects of long gap between two kids)
अगर आप दो बच्चों के बीच ज्यादा गैप करेंगे तो दूसरे बच्चे के समय आपको कंसीव करने में समस्या आ सकती है। उम्र बढ़ने के साथ आपका एनर्जी लेवल भी कम हो जाता है और आपका शरीर प्रेग्नेंसी के लिए तैयार नहीं हो पाता। ऐसी उम्मीद करना गलत होगा कि आपकी दूसरी प्रेग्नेंसी भी पहली जैसी होगी क्योंकि हर प्रेग्नेंसी का केस दूसरे से अलग होता है, हर बार आपको अलग तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा।
दो बच्चों के बीच कम गैप के नुकसान (Side effects of short gap between two kids)
दो बच्चों के बीच एज का गैप तय करते समय मां का स्वास्थ्य ध्यान में रखना जरूरी है। जब वो पूरी तरह से रिकवर हो जाएं तभी आप दूसरे बच्चे के बारे में सोच सकते हैं। दो बच्चों के बीच कम गैप होने से लो बर्थ वेट का खतरा या प्रीमेच्योर बर्थ का खतरा हो सकता है।
दो बच्चों के बीच 3 साल या उससे ज्यादा का गैप
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अगर आपके पहले और दूसरे बच्चे के बीच 2 से 3 साल का गैप होगा तो आपका शरीर पहली प्रेग्नेंसी से पूरी तरह से रिकवर हो जाएगा। दो से तीन साल का गैप मां की सेहत और दोनों बच्चों की सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है। अगर आप 5 से 8 साल का गैप करते हैं तो हाइपरटेंशन, किडनी डिसऑर्डर या डायबिटीज का खतरा हो सकता है।
डब्ल्यूएचओ क्या कहता है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक पहले और दूसरे बच्चे के बीच दो साल का गैप जरूरी है। अगर दो साल का गैप न भी हो तो कम से कम आपको 18 महीने तो लेकर चलना ही होगा। इतने समय में प्रेग्नेंसी के दौरान खोए न्यूट्रिएंट्स आपके शरीर को दोबारा मिल जाएंगे।
दूसरा बेबी प्लान करने से पहले पार्टनर की राय जरूरी है
दूसरा बच्चा प्लान करने जा रहे हैं तो आप सबसे पहले अपने पार्टनर से इसके बारे में बात करें, आप उन्हें अपनी इच्छा बताएं और अपने पार्टनर की राय लें क्योंकि बच्चे की जिम्मेदारी माता-पिता दोनों की होती है इसलिए आपको सबसे पहले आपस में तय करना है कि आप दूसरे बच्चे के लिए तैयार हैं या नहीं। अगर आपका पार्टनर किसी मानसिक, आर्थिक या शारीरिक समस्या से गुजर रहा है तो आपको दूसरे बच्चे की प्लानिंग करने के लिए थोड़ा और समय लेना चाहिए, ऐसे फैसले जल्दबाज़ी में लेना ठीक नहीं है।
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दूसरा बच्चा प्लान करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें
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- अगर आप दूसरा बच्चा प्लान करने जा रहे हैं तो सबसे पहले पार्टनर की सहमति लें।
- उसके बाद आप गाइनोकॉलोजिस्ट से मिलकर उनसे सलाह लें।
- आपको डॉक्टर को अपनी पिछली प्रेग्नेंसी के बारे में जानकारी देनी होगी।
- अगर पिछली प्रेग्नेंसी में किसी तरह की कोई समस्या थी तो उसके बारे में विस्तार से बताएं।
- प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले आपको डॉक्टर की ओर से बताए गए कुछ टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।
- जांच के नतीजे सही आने पर और आपकी आर्थिक सही होने पर ही आप दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करें।
बेबी प्लान करने से पहले मां का स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और अपनी खुशी का खयाल रखना न भूलें।
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