ज्यादातर घरों में माता-पिता दोनों वर्किंग होते हैं ऐसे में जब आपके घर में बच्चे का जन्म होता है तो मैटरनिटी लीव के बाद सवाल उठता है कि बच्चे को कौन संभालेगा, इस स्थिति में माता-पिता नैनी या आया को बच्चे की देखभाल के लिए रखते हैं। हालांकि बच्चे को एक गैर इंसान के हाथ में सौंपना एक मुश्किल काम है क्योंकि बीते कई सालों से दुनियाभर में आया की ओर से अपराध और क्रूरता के मामले सामने आए हैं ऐसे में आपको ऐसे व्यक्ति की जरूरत होगी जो न सिर्फ बच्चे को संभाल सके बल्कि उसके लिए सेफ भी हो। आपको बच्चे के लिए पढ़ी-लिखी और हाईजीन रखने वाली आया ढूंढनी चाहिए जिसका स्वभाव सरल हो ताकि वो बच्चे के साथ आसानी से एडजस्ट कर ले। इस लेख में हम चर्चा करेंगे कि आपको आया रखने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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1. कैसी होनी चाहिए शिशु की देखभाल करने वाली आया या नैनी? (Nanny for baby)
आप आया को रखने से पहले ये जरूरी सवाल पूछ लें- क्या तुम्हें खाना बनाना आता है, बच्चे की नैपी बदलने का तरीका जानती हो, बच्चा रोने लगे तो कैसे संभालना होगा, शिशु को नहलाने का सही तरीका क्या है, बच्चे को कैसे सुलाया जाता है आदि। नैनी रखने से पहले आप अपने परिजनों से भी राय ले सकते हैं, क्योंकि परिजन बच्चे के व्यवहार के बारे में जानते हैं वो आपको बेहतर सुझाव दे सकते हैं।
2. कम उम्र की नैनी रखने से बचें
अगर आप युवा आया को रखेंगे तो वो काम तो जल्दी कर पाएगी पर आपके बच्चे को संभालने में कामियाब नहीं हो पाएगी। कोशिश करें कि ऐसी आया को चुनें जो खुद भी एक मां हो, उम्रदराज़ और एक्सपीरियंस वाली आया आपके बच्चे के हर अहसास को फौरन समझ जाएगी और उसका बेहतर खयाल रख सकेगी। जिस आया को आप रख रहे हैं उसके व्यवहार को भी जानने की कोशिश करें, अगर नैनी बहुत गुस्से में रहती है तो बच्चा उससे डर सकता है। आपको सरल स्वभाव की खुशमिज़ाज आया को रखना चाहिए।
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3. अचानक से शिशु को छोड़कर न जाएं
शिशु को अचानक से घर में नैनी के साथ छोड़ना न शुरू करें। अगर आपने नैनी को रखा है, तो शुरूआत के कुछ दिन बच्चे के साथ रहें, ताकि शिशु आपके सामने नैनी के साथ सहज महसूस करे। आपके सामने जब नैनी शिशु के पास रहेगी तो उसके मन में भी आया के प्रति भरोसा बढ़ेगा और शिशु उसे अपनाने लगेगा। जब बच्चे को आदत नहीं होती और आप अचानक से शिशु को आया के साथ छोड़कर चली जाती हैं तो बच्चों के रोने का कारण समझ नहीं और वो परेशान होते रहते हैं।
4. आया के जरूरी दस्तावेजों को चेक करें
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आप शिशु के लिए पहली बार आया रखने जा रहे हैं तो आपको बता दें कि ये आपकी और शिशु की सेफ्टी के लिए जरूरी है कि आप आया या नैनी के जरूरी कागज़ों को चेक करें जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, फोन नंबर, पता फिर इस बात की जांच करें कि आया को कितना अनुभव है, अगर नैनी को ज्यादा अनुभव नहीं है तो उसे बच्चे को संभालने में परेशानी आएगी। इसके अलावा आप आया को रखने से पहले ट्रायल लेकर देखें, कुछ दिन बच्चे को आया के साथ छोड़कर देखें, अगर बच्चा कंफर्टेबल है या आया बच्चे को आसानी से संभाल पा रही है तो ही उसे रखें।
5. आया या नैनी को कोई बीमारी न हो (Avoid sick person as nanny for baby)
आपको आया या नैनी रखते समय इस बात पर गौर करना है कि वो मेडिकल तौर पर फिट हो। अगर आया को स्किन से जुड़ी डिसीज़ है तो वो शिशु को भी हो सकती है क्योंकि बच्चे को तैयार करने से लेकर उसे खिलाने का काम आया करती है इसलिए ये जरूरी है कि आप इस बात पर ध्यान दें कि आया हाईजीन के प्रति कितनी जागरूक है और उससे उसकी मेडिकल हिस्ट्री की भी जानकारी लें। इस समय कोविड का खतरा टला नहीं है ऐसे में ध्यान दें कि आया साफ-सफाई के मामले में कितनी सचेत है उसे खांसी या बुखार जैसी शिकायत न हो वरना आपका बच्चा भी बीमारी की चपेट में आ सकता है, शिशुओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है।
6. घर में शिशु के लिए लगवाएं सीसीटीवी (CCTV for baby)
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आपको एक बात का ध्यान हमेशा रखना है कि आप बच्चे को किसी अन्य व्यक्ति के भरोसे छोड़कर जा रहे हैं, इसके बुरे परिणाम भी होते हैं इसलिए आपको शिशु की गतिविधियों पर नजर रखनी है। अगर आप ऑफिस जाते हैं और बच्चा आया के साथ अकेला घर पर रहता है तो ये और भी जरूरी है कि आप बच्चे पर निगरानी रखें। सीसीटीवी लगाने का ये भी फायदा है कि आप बच्चे के लिए जरूरी निर्देश आया को दे सकते हैं। कुछ सीसीटीवी सामने लगाएं वहीं कुछ ऐसी जगह पर लगाएं जिसके बारे में सिर्फ आप जानते हों।
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7. माता-पिता में से एक हर समय हो शिशु के पास (Atleast one parent should be there with baby)
जितना ध्यान आप अपने बच्चे का रख पाएंगे या उसकी जरूरतों को समझ पाएंगे उतना एक नैनी या परिवार का अन्य सदस्य नहीं कर पाएगा इसलिए हमेशा प्लान करें कि माता-पिता में से कोई एक सदस्य हर समय शिशु के पास हो कम से कम तब तक जब तक बच्चा पांच से छह साल का न हो जाए। अगर आप नैनी को शिशु की देखभाल के लिए लगा भी रहे हैं तो भी ये जरूरी है कि माता-पिता में से कम से कम कोई एक शिशु के साथ हर समय साथ रहे। आपको आया के भरोसे शिशु की सारी जिम्मेदारी नहीं छोड़नी चाहिए, इससे शिशु की मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि माता-पिता के साथ के साथ ही बच्चे का विकास ठीक ढंग से संभव है।
केवल मजबूरी की स्थिति में भी बच्चे को आया के हाथ में दें, आज कल कई ऑफिस में क्रेच की सुविधा होती है जहां बच्चे सेफ रहते हैं और आप उनसे कभी भी मिल सकते हैं ऐसे में आप बच्चे को मजबूरन किसी गैर के हवाले न करें।
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