कैंसर का इलाज, जैसे की कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी, शरीर पर गहरा असर डालता है और इसके कारण मरीज को शारीरिक और मानसिक रूप से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इनमें से एक चुनौती है मुंह और दांतों की स्वास्थ्य समस्याएं, जो इलाज के दौरान बढ़ सकती हैं। ये समस्याएं इलाज के दौरान मरीज की जीवनशैली को प्रभावित करती हैं और उनके खाने-पीने, बोलने और सोने में मुश्किल पैदा कर सकती हैं। कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से मुंह के अंदर सूजन, घाव, जलन, ड्राईनेस और इंफेक्शन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही, रोगी का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे ओरल हेल्थ से जुड़ी नई समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। इन समस्याओं को पहचानना और समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी है ताकि मरीज को ज्यादा असुविधा न हो और वह आरामदायक जीवन जी सके। इस लेख में हम कैंसर के इलाज के दौरान होने वाली ओरल हेल्थ समस्याओं और उन्हें कंट्रोल करने के उपायों के बारे में जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
कैंसर के इलाज में होने वाली ओरल समस्याएं- Oral Health Problems Caused By Cancer Treatment
कैंसर के इलाज, विशेष रूप से कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी, के दौरान शरीर पर कई दुष्प्रभाव पड़ते हैं। इन इलाज के कारण मुंह और दांतों से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं-
- कीमोथेरेपी और रेडिएशन से मुंह की कोशिकाएं प्रभावित होती हैं, जिससे मुंह में सूजन, घाव और अल्सर हो सकते हैं। यह दर्दनाक होते हैं और खाने-पीने में समस्या पैदा कर सकते हैं।
- कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से लार ग्रंथियां कमजोर हो सकती हैं, जिसके कारण मुंह में ड्राईनेस हो सकती है। इससे खाने, पीने और बोलने में मुश्किल हो सकती है।
- कैंसर के इलाज से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिससे मसूड़ों में सूजन और ब्लीडिंग हो सकती है। यह इंफेक्शन का कारण भी बन सकता है।
- कैंसर के इलाज के दौरान, मुंह के अंदर की कोशिकाएं ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं, जिससे मुंह में फंगल इंफेक्शन (ओरल थ्रश) हो सकता है।
- कीमोथेरेपी के दौरान, लार की कमी के मुंह में बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जिससे दांतों की सड़न हो सकती है।
- कीमोथेरेपी और रेडिएशन के कारण मुंह में बैक्टीरिया और फंगल इंफेक्शन हो सकता है, जिससे मुंह से बदबू आने लगती है।
- कैंसर के इलाज के दौरान मसूड़े सेंसिटिव हो सकते हैं, जिससे मसूड़ों में दर्द और असुविधा हो सकती है। यह इंफेक्शन और सूजन का संकेत हो सकता है।
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कैंसर के इलाज के दौरान ओरल समस्याओं को कैसे कंट्रोल करें?- How to Control Oral Health Problems Caused By Cancer Treatment
- कीमोथेरेपी और रेडिएशन से मुंह में बैक्टीरिया और फंगस बढ़ सकते हैं, जिससे इंफेक्शन और सूजन हो सकती है। इसलिए मुंह को नियमित रूप से साफ करना बहुत जरूरी है।
- रोज हल्के ब्रिसल वाले टूथब्रश से ब्रश करें।
- दिन में दो बार माउथवॉश का इस्तेमाल करें, विशेष रूप से एंटी-बैक्टीरियल माउथवॉश का, जो बैक्टीरिया को कम करता है।
- मुंह को हमेशा गुनगुने पानी से कुल्ला करने की आदत डालें।
- कीमोथेरेपी और रेडियेशन के कारण लार की कमी होती है, जिससे मुंह सूख सकता है। नियमित रूप से पानी पीते रहें ताकि मुंह सूखा न हो।
- रोज फ्लॉसिंग करें, लेकिन बहुत जोर से न करें। हल्के दबाव से मसूड़ों की मालिश करें।
- मुलायम और नर्म चीजों का सेवन करें, जैसे सूप, दलिया, उबली हुई सब्जियां आदि।
कैंसर के इलाज के दौरान ओरल हेल्थ समस्याओं का सामना करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही देखभाल और समय पर उपायों के जरिए इन समस्याओं को कंट्रोल किया जा सकता है।
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