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कैंसर के इलाज के दौरान आंखों पर क्या असर पड़ता है? डॉक्टर से जानें

कैंसर के इलाज में कई तरह के ट्रीटमेंट का उपयोग किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के बाद आंखों पर कई तरह से प्रभावित होती हैं। इस लेख में आगे जानते हैं कि कैंसर ट्रीटमेंट से आंखों पर क्या समस्याएं हो सकती हैं।
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कैंसर के इलाज के दौरान आंखों पर क्या असर पड़ता है? डॉक्टर से जानें


कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी, रेडिएशन, इम्यूनोथेरेपी और अन्य दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। इसके इलाज में शरीर के लिए हानिकारक कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। इस इलाज से शरीर के कई हिस्सों पर प्रभाव पड़ता है। कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स में जी मिचलाना, थकान और हेयर लॉस एक सामान्य लक्षण माने जाते हैं। इसी तरह के कुछ खास कैंसर का इलाज कराते समय कुछ मरीजों को आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इससे उनकी लाइफस्टाइल प्रभावित होती है और उन्हें कार चलाने या किसी चीज को पढ़ने में दिक्कत का सामना करना पदुड़ता है। आंखों पर पड़ने वाले प्रभावों का समय पर इलाज न किया जाए तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती हैं। आंखों पर पड़ने वाले प्रभावों की चांज के बाद डॉक्टर संबंधित समस्या को कम करने पर विचार कर सकते हैं। इस लेख जानते हैं कि डॉक्टर संजीव गुप्ता, वरिष्ट नेत्र सर्जन, आई केयर सेंटर से जानते हैं कि कैंसर के इलाज के बाद आंखों पर क्या असर पड़ता है। 

कैंसर के इलाज से आंखों पर क्या असर पड़ता है? 

कैंसर के इलाज के दौरान विभिन्न उपचार आंखों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे निम्नलिखित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं

आंखों में लालिमा और सूजन 

कैंसर के इलाज में शामिल कुछ दवाएं आंखों की रक्त वाहिकाओं को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे आंखों में लालिमा और सूजन हो सकती है। इससे आंखें थकी हुई और भारी महसूस हो सकती हैं। साथ ही, कुछ लोगों को आंख आने और आंखें लाल रहने की समस्या हो सकती है। 

eye changes during cancer treatment

ड्राई आई सिंड्रोम 

कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी से आंखों की आंसू बनाने वाली ग्रंथियां प्रभावित हो सकती हैं, जिससे आंखों की नमी कम होने लगती है। ऐसे में मरीज को आंखों पर ड्राईनेस की समस्या होने लगती हैं और ड्राई आई सिंड्रोम की स्थिति उत्पन्न होती है। इस दौरान आंखों में जलन, खुजली और धुंधला दिखाई देने की समस्या हो सकती है।

विजन में धुंधलापन 

कुछ कैंसर की दवाएं या रेडियोथेरेपी विजन में धुंधलापन पैदा कर सकती हैं। यह अस्थायी हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में लंबे समय तक बना रह सकता है। इस स्थिति में मरीज को आंखों पर जोर डालने में परेशानी हो सकती है, जैसे पढ़ाई, टीवी देखना या कंप्यूटर पर काम करना मुश्किल हो सकता है।

इसके अलावा कुछ मालमो में व्यक्ति को फोटोफोबिया (प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता), मोतियाबिंद (कैटरैक्ट) और कंजक्टिवाइटिस की समस्या भी हो सकती है। 

आंखों से संबंधित समस्याओं को कैसे मैनेज करें? - How To Manage Eye Related Problems In Hindi 

  • आंखों की नियमित जांच कराएं 
  • ड्राई आई के लिए लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें
  • फोटोफोबिया की स्थिति में तेज रोशनी से बचें। घर में हल्की रोशनी का प्रयोग करें और बाहर जाते समय धूप से बचने के लिए सनग्लासेस पहनें। 
  • आंखों में सूजन या जलन होने पर ठंडी सिंकाई करने से राहत मिल सकती है।
  • पर्याप्त रूप में आराम करें। 

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कैंसर उपचार से आंखों में विभिन्न प्रकार के बदलाव हो सकते हैं, लेकिन सही देखभाल और प्रबंधन से इन समस्याओं को रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। आंखों की नियमित जांच, उचित आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल और स्वच्छता का ध्यान रखकर आप आंखों से संबंधित समस्याओं से बच सकते हैं। कैंसर का इलाज कराते समय आंखों में होने वाली परेशानियों में आप डॉक्टर से संपर्क करें।   

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