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ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को क्यों खानी चाहिए दही? एक्सपर्ट से जानें कितनी मात्रा में खाएं

ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर की हड्डियां खोखली होने लगती हैं। ऐसे में दही का सेवन इन खोखली होती हड्डियों के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है। आइए, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को क्यों खानी चाहिए दही? एक्सपर्ट से जानें कितनी मात्रा में खाएं


ऑस्टियोपोरोसिस एक हड्डी रोग है जो तब होती हैं जब हड्डियां अपना कैल्शियम और तमाम खनिज खोने लगती हैं। इस बीमारी में हड्डियां खोखली हो जाती हैं और इनमें फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में खोखली होती हड्डियों के लिए जरूरी होता है कि आप अपनी डाइट में खनिज तत्वों की मात्रा बढ़ा दें, जैसे कि कैल्शियम। इसके अलावा इस बात की भी जरूरत होती है आप उन बातों पर ध्यान दें जो कि कैल्शियम की कमी का कारण बन सकते हैं और हड्डियों की सेहत को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में डाइट से लेकर हर एक चीज पर ध्यान देना जरूरी हो जाता है। इस स्थिति में डाइट से जुड़ा एक सवाल यह है कि क्या ऑस्टियोपोरोसिस में दही का सेवन सही है? क्या इससे सेहत को कोई नुकसान तो नहीं होता या इसे खाना फायदेमंद है? जानते हैं इस बारे में Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से।

ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को क्यों खानी चाहिए दही?

सुपर्णा मुखर्जी बताती हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए दही और योगर्ट का सेवन फायदेमंद हो सकता है। दही और योगर्ट अपने समृद्ध पोषण गुणों और हड्डियों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। दरअसल, इसके पीछे कई कारक हैं। जैसे कि

  • - दही कैल्शियम और विटामिन डी का उत्कृष्ट स्रोत हैं। हमारी हड्डियां मुख्य रूप से कैल्शियम से बनी होती हैं और ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों का द्रव्यमान कम होता है। ऐसे में दही का सेवन हड्डियों के कैल्शियम को बढ़ाने में मदद कर सकता है और उन्हें मजबूती दे सकता है।
  • -दही प्रोटीन से भरपूर है और दही और प्रोटीन हड्डियों और मांसपेशियों का एक मूलभूत निर्माण खंड है। मांसपेशियों के द्रव्यमान को बनाए रखने के लिए पर्याप्त प्रोटीन का सेवन महत्वपूर्ण है, जो स्केलेटल सिस्टम को सहारा देने और गिरने व फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
  • -इसके अलावा दही और योगर्ट जैसे फर्मेंटेड डेयरी उत्पादों में मौजूद प्रोबायोटिक्स हड्डियों के बेहतर स्वास्थ्य में योगदान दे सकते हैं। कुछ शोध बताते हैं कि ये गुड बैक्टीरिया आंत के स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, जिससे कैल्शियम जैसे खनिजों का अवशोषण बढ़ सकता है।
  • -दही में हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी अन्य खनिज और विटामिन भी होते हैं, जैसे फॉस्फोरस, पोटैशियम और मैग्नीशियम। ये पोषक तत्व कैल्शियम और विटामिन डी के साथ मिलकर हड्डियों की संरचना और कार्य को मजबूत बनाते हैं।

Curd for Osteoporosis

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ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज कितनी मात्रा में ले दही?

वयस्कों, खासकर 51 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और 70 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुषों के लिए, कैल्शियम का अनुशंसित दैनिक सेवन युवा वयस्कों की तुलना में ज्यादा होता है। हालांकि, विशिष्ट सुझाव अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन एक सामान्य दिशानिर्देश यह है कि प्रतिदिन 2-3 सर्विग डेयरी उत्पाद खाएं। जैसे कि

  • -1 कप यानी 8 औंस या लगभग 240 ग्राम लो फैट सादा दही खाएं।
  • -एक छोटा बर्तन यानी लगभग 150 ग्राम फलों के साथ दही मिलाकर खाएं।

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ध्यान दें कि कम फैट और बिना चीनी वाले दही का सेवन करें। अपनी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने वाले डेयरी और अन्य कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों की सही मात्रा निर्धारित करने के लिए डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से बात करें। ये आपके ऑस्टियोपोरोसिस को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए एक संतुलित आहार योजना बनाने में भी आपकी मदद कर सकते हैं।

FAQ

  • किस विटामिन की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस होता है?

    ऑस्टियोपोरोसिस को विटामिन डी की कमी से भी जोड़कर देखा जाता रहा है। विटामिन डी, हड्डियों के होमियोस्टेसिस के लिए जरूरी है और अक्सर ऑस्टियोपोरोसिस में इन दोनों को जोड़कर देखा जाता है। इसके अलावा विटामिन सी भी इसकी वजह बन सकता है।
  • ऑस्टियोपोरोसिस होने पर क्या खाएं?

    ऑस्टियोपोरोसिस होने पर सबसे पहले तो अपनी डाइट में कैल्शियम, प्रोटीन और विटामिन डी का सेवन बढ़ा दें। इसके लिए हरी सब्जियों, ड्राई फ्रूट्स और तमाम प्रकार के हेल्दी बीजों का सेवन करें। इसके अलावा दूध, दही और मशरूम को भी डाइट में शामिल करें।
  • ऑस्टियोपोरोसिस से कौन सा अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है?

    ऑस्टियोपोरोसिस से सबसे ज्यादा हड्डियां प्रभावित रहती हैं। इनमें फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए जब भी यह रोग हो डॉक्टर द्वारा इलाज में रहना बेहद जरूरी हो जाता है।

 

 

 

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