Organs That Affected By Osteoporosis In Hindi: ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों से जुड़ी बीमारी है। इसकी वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती है। आमतौर पर ऑस्टियोपोरोसिस का पता इसके शुरुआती दिनों में नहीं चलता है। इसीलिए इसे साइलेंट डिजीज के नाम से भी जाना जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियां कमजोर होकर फ्रैक्चर होने लगती हैं। कई बार ऑस्टियोपोरोसिस होने पर मरीज की हड्डियों का आकार भी बदल जाता है। बहरहाल, क्या आप जानते हैं कि ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है। यहां हम जानेंगे कि ऑस्टियोपोरोसिस के कारण शरीर के कौन-कौन से अंग प्रभावित होते हैं। इस बारे में हमने Gr. Noida West स्थित सर्वोदय अस्पताल में Senior Consultant-Orthopedic and Joint replacement डॉ. अंकुर सिंह से बात की।
ऑस्टियोपोरोसिस किन अंगों को प्रभावित करता है- What Body Systems Are Affected By Osteoporosis In Hindi
स्केलेटल सिस्टम
ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी होने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। समय बीतने के साथ स्थिति और भी गंभीर होने लगती है। कमजोर हड्डियां आसानी से फ्रैक्चर हो जाती हैं। इसी तरह, ऑस्टियोपोरोसिस का प्रभाव सीधे-सीधे स्केलेटल सिस्टम पर पड़ता है। इसकी वजह से नितंब, स्पाइन, रिस्क यानी कलाई पर बुरा असर पड़ता है। हालांकि, यह ध्यान रखें कि ऑस्टियोपोरोसिस में शरीर की कोई भी हड्डी कमजोर होकर फ्रैचर हो सकता है।
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मस्कुलर सिस्टम
हालांकि, ऑस्टियोपोरोसिस से मस्कुलर सिस्टम सीधे-सीधे यानी प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित नहीं होती है। लेकिन, अप्रत्यक्ष असर इस पर नजर आता है। ऑस्टियोपोरोसिस के कारण न सिर्फ हड्डियां कमजोर होती हैं, बल्कि मसल्स भी कमजोर होने लगती हैं और मसल्स मास को नुकसान भी पहुंचने लगता है। आपको बता दें कि ऑस्टियोपोरोसिस होने पर लोग अक्सर कम फिजिकल एक्टिविटी करते हैं। कम फिजिकल एक्टिविटी ही मसल्स मास और मसल्स स्ट्रेंथ को प्रभावित करती है। नतीजतन, धीरे-धीरे मूवमेंट पर असर नजर आने लगता है और एक समय बाद पोस्चर भी खराब हो जाता है।
सेंट्रल नर्वस सिस्टम
ऑस्टियोपोरोसिस की वजह से सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर भी असर पड़ता है। सवाल है, कैसे? विशेषज्ञों के अनुसार जब ऑस्टियोपोरोसिस होता है, तो ऐसे में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। कई बार फ्रैक्चर भी हो जाता है। अगर लगातार और लंबे समय तक इस तरह की दिक्कत बनी रही, तो व्यक्ति की बैलेंसिंग क्षमता कमजोर होने लगती है। बॉडी की सामंजस्य बनाने की क्षमता भी बिगड़ जाती है। ऐसे में व्यक्ति के गिरने और चोट लगने का जोखिम भी बना रहता है।
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ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क किसे अधिक होता है
वैसे तो माना जाता है कि ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क बुजुर्गों को अधिक होता है। लेकिन, युवा भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, जैसे-
- बढ़ता वजन ऑस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकता है। खासकर, जिन लोगों का वजन ज्यादा है और मसल्स मास कम है। उन्हें ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा अधिक होता है।
- जिन लोगों की लाइफस्टाइल बहुत खराब है, शराब और स्मोकिंग की आदत है और फिजिकल एक्टिविटी बिल्कुल नहीं है। ऐसे लोगों को भी ऑस्टियोपोरोसिस का रिस्क रहता है।
- कुछ दवाइयां भी ऑस्टियोपोरोसिस का कारक बनती हैं। हालांकि, इस संबंध में आपको डॉक्टर से विस्तार से बात करनी चाहिए।
- अगर फैमिली में किसी को ऑस्टियोपोरोसिस रहा है, तो भावी पीढ़ी को भी इस बीमारी के होने का जोखिम बना रहता है।
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