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फेफड़ों में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं? डॉक्टर से जानें इनके लक्षण

फेफड़े हमारे शरीर के अहम अंग होते हैं। इनका स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है। फेफड़ों में किसी भी तरह की दिक्कत आने से संपूर्ण स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। हालांकि, फिर भी कई लोग फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित हैं। 
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फेफड़ों में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं? डॉक्टर से जानें इनके लक्षण

Lungs Diseases in Hindi: फेफड़े हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। स्वस्थ रहने के लिए फेफड़ों का सही से कार्य करना बहुत जरूरी होता है। जब फेफड़ों में किसी तरह की दिक्कत आती है, तो व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। फेफड़ों की बीमारियों को श्वसन रोग (respiratory diseases) कहा जाता है। ये रोग वायुमार्ग और फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। वायु प्रदूषण, धूम्रपान, धूल-मिट्टी, प्रदूषित कण श्वसन रोगों के मुख्य कारण हो सकते हैं। अस्थमा और सीओपीडी, फेफड़ों सबसे आम बीमारियां हैं। अधिकतर लोग इन बीमारियों से जूझ रहे हैं। लेकिन, इनके अलावा फेफड़ों में कौन-कौन सी बीमारियां होती हैं? आइए, सीके बिड़ला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के पल्मोनोलॉजिस्ट हेड डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर से जानते हैं-

फेफड़ों में कौन-कौन सी बीमारी होती हैं?- Lungs Diseases in Hindi

1. अस्थमा

अस्थमा, फेफड़ों की एक बेहद आम समस्या है। वायु प्रदूषण, धूम्रपान और जानवरों के बाद, अस्थमा के मुख्य कारण हो सकते हैं। आजकल अधिकतर लोग अस्थमा की समस्या से जूझ रहे हैं। यह बीमारी फेफड़ों को बुरी तरह से प्रभावित करती है। दरअसल, जब वायुमार्ग में सूजन आ जाती है और संकीर्ण हो जाती है, तो इस स्थिति में अस्थमा के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। अस्थमा रोगियों में बलगम का उत्पादन ज्यादा हो सकता है। सांस लेने में कठिनाई, घरघराहट, सीने में जकड़न, सीने में दबाव और खांसी अस्थमा के लक्षण हो सकते हैं। हालांकि, सभी रोगियों में इसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं।

2. सीओपीडी (COPD)

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) एक फेफड़ों की बीमारी है, जो लंबे समय तक वायु प्रदूषण और हानिकारक गैसों के संपर्क में रहने से होती है। इसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार सीओपीडी दुनियाभर में मौत का चौथा प्रमुख कारण है। इसकी वजह से साल 2021 में 3.5 मिलियन मौतें हुईं थी। सीओपीडी वाले रोगियों के फेफड़े सही तरीके से काम करना बंद कर देते हैं। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सीओपीडी की स्थिति में भी वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना, लगातार खांसी आना, पीला बलगम निकलना, सांस लेने में परेशानी, सीने में भारीपन, थकान, कमजोरी और ऊर्जा की कमी सीओपीडी के संकेत माने जाते हैं। अगर आपको इन लक्षणों का अनुभव हो, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।

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3. फेफड़ों का कैंसर

जब फेफड़ों में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती है, तो इस स्थिति में कैंसर हो सकता है। फेफड़ों का कैंसर, सबसे आम कैंसरों में से एक है। यह कैंसर फेफड़ों से शुरू होता है, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में भी फैल सकता है। यह कैंसर हृदय, लिवर, ब्रेन और हड्डियों तक भी फैल सकता है। बुजुर्गों और धूम्रपान करने वाले लोगों में फेफड़ों का कैंसर होने का जोखिम अधिक रहता है। जोड़ों में दर्द, सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों को बिलकुल नजरअंदाज न करें। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण है, जो लगभग 85 फीसदी मामलों के लिए जिम्मेदार है।

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4. ब्रोंकाइटिस

ब्रोंकाइटिस में श्वासनली और ब्रांकाई में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से व्यक्ति को लगातार खांसी की समस्या बनी रह सकती है। सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। इसकी वजह से फेफड़ों में मौजूद वायुमार्ग में सूजन आ जाती है। वे बलगम से भर जाते हैं। अगर आपको दो हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी रहती है, तो ब्रोंकाइटिस की जांच जरूर करवाएं। यह आमतौर पर नाक, कान और गले से शुरू होता है। घरघराहट, सांस लेने में दिक्कत, सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, नाक बहना और लगातार खांसी ब्रोंकाइटिस के लक्षण होते हैं।

5. निमोनिया

निमोनिया एक फेफड़ों की आम बीमारी है। यह एक संक्रामक रोग है। यानी यह बीमारी एक से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। यह बैक्टीरिया या वायरस के कारण होते हैं। निमोनिया की वजह से फेफड़ों में सूजन आ जाती है। इसकी वजह से व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है। निमोनिया एक या दोनों फेफड़ों को प्रभावित कर सकता है। कुछ मामलों में निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है। थकान, ठंड लगना, जी मिचलाना, उल्टी, तेज बुखार और कफ निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं।

6. पल्मोनरी एडिमा

यह एक गंभीर स्थिति है, जिसमें फेफड़ों में तरल पदार्थ भर जाता है। इसकी वजह से पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने और छोड़ने में दिक्कत होती है। दरअसल, पल्मोनरी एडिमा के कारण व्यक्ति को ऑक्सीजन मिलने में परेशानी होती है। इससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है। खांसी, घरघराहट, चक्कर आना, कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना आदि पल्मोनरी एडिमा के लक्षण हो सकते हैं।

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