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बच्चों की पाचन समस्याओं को दूर करता है इसबगोल, जानें सेवन का तरीका और मात्रा

How to give isabgol to Kids : इसबगोल को आयुर्वेद में अश्वकर्ण बीज कहा जाता है। एक प्राकृतिक रेशेदार पदार्थ है, जिसका सेवन पाचन तंत्रिका से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलती है।
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बच्चों की पाचन समस्याओं को दूर करता है इसबगोल, जानें सेवन का तरीका और मात्रा


How to give isabgol to Kids : इसबगोल एक प्राकृतिक औषधि है। वर्षों से इसबगोल का इस्तेमाल कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं में किया जा रहा है। आमतौर पर इसबगोल का इस्तेमाल सिर्फ वयस्कों के लिए किया जाता है, लेकिन क्या यह बच्चों के लिए भी सुरक्षित होती है? इस लेख में आयुर्वेदिक सेंटर माधवबाग के सीईओ और आयुर्वेदिक डॉ. रोहित साने से जानेंगे बच्चों के लिए इसबगोल का इस्तेमाल सुरक्षित है या नहीं (it is safe to isabgol for kids)।

क्या बच्चों के लिए इसबगोल का सेवन सुरक्षित है- How to give isabgol to Kids Expert tell in Hindi

डॉ. रोहित साने का कहना है कि इसबगोल को आयुर्वेद में अश्वकर्ण बीज कहा जाता है। एक प्राकृतिक रेशेदार पदार्थ है, जिसका सेवन पाचन तंत्रिका और पाचन से जुड़ी अन्य परेशानियों से राहत पाने के लिए किया जाता है। इसबगोल का इस्तेमाल वयस्कों के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है। 2 साल की उम्र के बाद बच्चों को इसबगोल दिया जाए, तो यह उन्हें रोजमर्रा में होने वाली परेशानियों से राहत दिलाता है।

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बच्चों को इसबगोल देने के फायदे- Benefits of giving Isabgol to Kids

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1. पेट की गर्मी को करें शांत

आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि इसबगोल ठंडी तासीर का होता है। इसमें मुख्य रूप से फाइबर पाया जाता है। बच्चों को इसबगोल खिलाने से यह उनकी पेट की जलन को शांत करता है। इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से बच्चों के पेट में होने वाली अधिक गर्मी ठीक होती है।

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2. कब्ज को करे दूर

इसबगोल में मौजूद फाइबर कब्ज से राहत दिलाता है। यह आंतों में पानी सोखकर मल को मुलायम बनाता है, जिससे मल त्याग की प्रक्रिया आसान हो जाती है। जब मल त्याग में किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती है, तो कब्ज की समस्या भी नहीं होती है।

3. आंतों की सफाई करें

इसबगोल न केवल मल को बाहर निकालने में मदद करता है, बल्कि यह आंतों की सफाई भी करता है। आंतों की सही तरीके से सफाई होने से पाचन क्रिया दुरुस्त बनती है। इसबगोल का सेवन करने से खाना पचाने की प्रक्रिया भी सुचारू रूप से चलती है। इसबगोल आंतों की परतों से गंदगी और टॉक्सिन को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे पेट हल्का महसूस करता है।

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4. अपच को करता है ठीक

इसबगोल में मौजूद प्रोटीन और फाइबर का सेवन करने से बच्चों को गैस, पेट फूलना और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। इस औषधि के पोषक तत्व पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देकर अपच को दूर करते हैं।

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5. कोलेस्ट्रॉल कम करता है

इसबगोल का सेवन LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करता है। डॉ. रोहित साने के अनुसार, इसबगोल में मौजूद घुलनशील फाइबर (soluble fiber) आंतों में जाकर बाइल एसिड (पित्त रस) को बांध लेते हैं। इस प्रक्रिया से शरीर को नया पित्त बनाने के लिए कोलेस्ट्रॉल का उपयोग करना पड़ता है। इससे खून में खराब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो जाती है और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। कोलेस्ट्रॉल संतुलित रहने से ब्लड प्रेशर और हार्ट प्रॉब्लम का खतरा घटता है।

बच्चों के लिए इसबगोल किस उम्र से दें- At what age should I give Isabgol to children

आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि बच्चों को 2 साल की उम्र से पहले इसबगोल या कोई भी अन्य प्रकार जड़ी-बूटी का सेवन नहीं कराना चाहिए, क्योंकि उनकी पाचन प्रणाली पूरी तरह परिपक्व नहीं होती। लेकिन 2 साल की उम्र के बाद बच्चों को प्रतिदिन 1/2 चम्मच इसबगोल देना सुरक्षित है।

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बच्चों को इसबगोल कैसे खिलाएं- How to feed Isabgol to children

बच्चों को इसबगोल सीमित मात्रा में ही देना चाहिए। बच्चों को गुनगुने दूध और पानी में आधा चम्मच इसबगोल मिलाकर पिलाया जा सकता है। इसके अलावा बच्चों को दही में मिलाकर भी इसबगोल चूर्ण खिलाया जा सकता है। आयुर्वेदाचार्य की मानें, तो बच्चों को प्रतिदिन रात को सोने से पहले इसबगोल का देना चाहिए। सुबह खाली पेट इसबगोल का सेवन करने से बचना चाहिए। यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बच्चों को इसबगोल देते समय पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिलाएं।

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निष्कर्ष

आयुर्वेद के अनुसार इसबगोल एक प्राकृतिक और सुरक्षित विकल्प है। बच्चों को इसबगोल देने से पाचन संबंधी परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है। बच्चों को इसबगोल देने से पहले एक बार आयुर्वेदिक एक्सपर्ट और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

FAQ

  • लूज मोशन के लिए इसबगोल का उपयोग कैसे करें?

    दस्त होने पर ईसबगोल का चूर्ण आधा चम्मच 1 कप दही में अच्छे से मिला लें। इस मिश्रण का सेवन दिन में दो बार जरूर करें। दस्त होने पर दही के साथ ईसबगोल खाने से मल ठोस बनता है, जिससे दस्त की परेशीन ठीक होती है।
  • दूध और इसबगोल के फायदे

    इसबगोल दूध के साथ मिलकर पीने से मल मुलायम बनता है। दूध में प्राकृतिक चिकनाई होती है। वहीं, इसबगोल ठंडा होता है, जो पाचन क्रिया की परेशानियों को ठीक करता है।
  • इसबगोल की तासीर क्या है

    इसबगोल की तासीर आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से शीतल (ठंडी)मानी जाती है। इसका असर शरीर पर ठंडक पहुंचाने वाला होता है, जो पाचन तंत्र को शांत करता है।

 

 

 

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