Uddiyana Bandha Asana In Hindi: उड्डियान बंध का अभ्यास हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह रेचन की क्रिया है, जिसमें बाह्य कुंभक लगाया जाता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से इस आसन को करता है, उसे कई तरह की शारीरिक समस्याएं नहीं होती हैं, जैसे कब्ज की परेशानी से राहत मिलता, भूख न लगने की समस्या दूर होना, एसिडिटी और पेट की अन्य परेशानी से भी छुटाकारा मिलना। इसके अलावा, यदि योगिक जीवन शैली भी अपनाई जाए तो मोटापा कम करने में भी उड्डियान बंध मददगार साबित हो सकता है। योगाचार्य अनिल मुद्गल (दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) द्वारका स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स) से जानें इसे करने की विधि और फायदे।
उड्डियान बंध आसन करने की विधि (How To Do Uddiyana Bandha Asana)
- सबसे पहले एक मैट बिछा लीजिए।
- अब पद्मासन या कोई भी सरल सुख आसन में बैठ जाइए।
- दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
- अपनी नजरें हाथों पर टिकाए रखें।
- सांस की गति की ओर ध्यान रखें।
- नाक से धीमी गहरी सांस लें और छोड़ें।
- कुछ देर के लिए इस प्रक्रिया को सहज दोहराएं।
- अब सांस को बाहर निकालें, पेट की मांसपेशियों को ऊपर की तरफ यानी छाती की ओर खींचें।
- इसी दौरान, पेट को अंदर की तरफ खींचें जैसे आप पेट पतला करने की कोशिश कर रहे हैं।
- जितनी देर इस अवस्था बिना सांस के रोककर अर्थात पेट को भीतर सी कोड कर रुके रहना संभव हो, रुकें।
- अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए पेट की मांसपेशियों को ढीला छोड़ दें और सामान्य अवस्था में लौट आएं।
- कुछ देर विराम करने के बाद दोबारा पूरी प्रक्रिया को दोहराएं।
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उड्डियान बंध आसन के लाभ (Benefits Of Uddiyana Bandha Asana)
- जिस प्रकार व्रत या उपवास करने से पाचन क्रिया की कार्य क्षमता में सुधार होता है, उसी प्रकार स्वास्थ के बिना उद्यानबंध लगाने से अर्थात बाह्य कुंभक के साथ उद्यानबंध लगाने से स्वास्थ्य के तंत्र की कार्य क्षमता सुधरती है अर्थात ऑक्सीजन कंजंक्शन कैपेसिटी बढ़ती है।
- उड्डियान बंध पेट के हिस्से को मजबूत करता है, मांसपेशियों में खिंचाव लाता है, साथ ही पेट से संबंधित परेशानियों से उबरने में मदद करता है।
- उड्डियान बंध की मदद से पेट की मांसपेशियों के अलावा, हृदय और फेफड़ों की अच्छी मसाज हो जाती है, जिससे मांसपेशियों के लिए अपना काम करना सहज हो जाता है। उड्डियान बंध पाचन शक्ति बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में भी मदद करता है।
- उड्डियान बंध की मदद से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। यह मस्तिष्क के लिए भी उपयोगी आसन है। इस योगासन के अभ्यास से आप रिलैक्स फील करते हैं और स्ट्रेस, एंग्जाइटी जैसी परेशानियं दूर होती हैं।
- उड्डियान बंध रोजाना करने से आप खुद को एनर्जेटिक महसूस करते हैं और हमेशा मूड रिफ्रेश रहता है।
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उड्डियान बंध आसन करते समय बरतें ये सावधानियां (Precautions Of Uddiyana Bandha Asana)
- उड्डियान बंध की शुरुआत बहुत सावधानी पूर्वक योग्य प्रशिक्षक से सीख कर होनी चाहिए।
- इस आसान को शुरुआती अभ्यास में 3 से 5 बार करें। खुद पर इसे करने का दबाव न बनाएं। अभ्यास को सहज बनाए रखें
- अगर आसन करते समय दिक्कत महसूस होती है तो बहुत धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं।
- अल्सर और हर्निया के मरीज उड्डियान बंध न करें।
- प्रेग्नेंट महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए। इससे गर्भवती महिला और उसके शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- पीरियड्स के दौरान महिलाओं एवं मल मूत्र की मांसपेशियों पर शुद्धिकरण का दबाव हो तो उड्डियान बंध नहीं करना चाहिए।
- इस अभ्यास को हमेशा खाली पेट करें। अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद यह अभ्यास करेंगे, तो आपको पेट में तेज दर्द हो सकता है।
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